भारत की सफलता के पीछे राहुल द्रविड का है सबसे बड़ा हाथ, आंकड़े ही नहीं विदेशी प्लेयर भी कह चुके हैं ये बात

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Shilpi Sharma
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Team India-rahul dravid

पिछले कुछ सालों से टीम इंडिया (Team India) में जमीन और आसमान का अंतर देखा गया है. इस बात को भारतीय दिग्गज या क्रिकेट एक्सपर्ट्स ही नहीं बल्कि डेविड वॉर्नर (David warner) समेत दुनिया के महान क्रिकेटर्स मानते हैं. घरेलू प्रदर्शन के साथ ही अब भारत का दमखम विदेशी सरजमीं पर भी दिखने लगा. लेकिन, ये बदलाव यूं चंद मिनटों में नहीं हुआ, बल्कि इसके लिए पहले घरेलू क्रिकेट का नया ढांचा तैयार किया गया. इसके बाद युवा खिलाड़ियों का एक ऐसा पूल तैयार हुआ, जिसके जरिए इनके खेल प्रतिभा को तराशा गया.

इसका बड़ा फायदा ये हुआ है कि, मौजूदा दौर में दो टीम इंडिया तैयार हो चुकी है. जिसका पूरा श्रेय पूर्व भारतीय कप्तान और नेशनल क्रिकेट एकेडमी के डायरेक्टर राहुल द्रविड़ (rahul dravid) को जाता है. पिछले कुछ सालों में पृथ्वी शॉ, शुभमन गिल, मयंक अग्रवाल समेत ऐसे कई क्रिकेटर हैं, जिन्हें तराशने का जिम्मा उन्होंने ही लिया था, और आज वही खिलाड़ी इस भारतीय टीम का हिस्सा हैं.

डेविड वॉर्नर और अफरीदी कर चुके हैं पूर्व भारतीय खिलाड़ी की तारीफ

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जिस बदलाव को लाने में राहुल द्रविड़ काफी सालों से लगे हैं, उसके मुरीद ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज डेविड वॉर्नर भी हैं. हाल ही में उन्होंने स्पोर्ट्स टुडे पर बातचीत करते हुए कहा है कि,

'आज भारतीय क्रिकेट जैसा नजर आ रहा है, उसे बनाने में द्रविड़ का बड़ा योगदान है. उन्होंने मैच विनर खिलाड़ियों की लाइन लगा दी है और इसी वजह से भारतीय क्रिकेट में बड़ा बदलाव आया. इसे समझने के लिए ज्यादा पीछे जाने की जरूरत नहीं'.

पाकिस्तान टीम के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी का भी ये मानना है कि, युवा खिलाड़ियों को तराशने में द्रविड़ का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. इस बारे में उन्होंने बयान देते हुए कहा था कि,

'पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर्स को द्रविड़ के नक्शेकदम पर चलना चाहिए और युवा टैलेंट का मार्गदर्शन करना चाहिए'.

इंजमाम उल हक पूर्व कप्तान को दे चुके हैं टीम की जीत का श्रेय

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इससे पहले पाकिस्तान टीम के पूर्व क्रिकेटर इंजमाम इल हक ने भी द्रविड़ को टीम इंडिया (Team India) को मजबूत बनाने का श्रेय द्रविड़ को दिया था. उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए कहा था कि,

"मैंने पहले भी राहुल द्रविड़ का जिक्र किया था, कैसे उन्होंने अंडर-19 ग्रुप के खिलाड़ियों को तैयार करना शुरू किया, जो नियमित रूप से भारतीय टीम के लिए खेलते रहे हैं. अब भी मैं सुन रहा हूं कि जो टीम श्रीलंका जा रही है. राहुल द्रविड़ इसके कोच हो सकते हैं. वो इसकी देखरेख कर सकते हैं. मुझे लगता है कि यह एक अद्भुत, दिलचस्प विचार है. भारत ने अपने घरेलू ढांचे में सुधार के लिए कड़ी मेहनत की है,जिसके दम पर वो ऐसे मुकाम पर पहुंच गए हैं जहां उनके पास राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने के लिए 'कम से कम 50 खिलाड़ी तैयार' हैं."

माइकल वॉन

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इसके अलावा इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेट माइकल वॉन का भी यही कहना है कि, टीम इंडिया (Team India) के प्रदर्शन का श्रेय द्रविड़ को ही जाता है. इस बारे में क्रिकबज से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा था कि,

'भारत पर्दे के पीछे जो कुछ भी कर रहा है. मुझे पता है कि हम आईपीएल को बार-बार याद करते रहते हैं. लेकिन, मुझे लगता है कि द्रविड़ ए टीम के साथ और डेवलपमेंट प्रोग्राम के जरिए इन खिलाड़ियों में सही मानसिकता पैदा कर रहे हैं. इन सभी खिलाड़ियों को सिस्टम के जरिए अंतरराष्ट्रीय टीम में लाया जा रहा है जो कि दबाव वाला स्टेज होता है. भारत ने जो प्रणाली तैयार की है उन्हें उसका पूरा श्रेय मिलना चाहिए, वो बिल्कुल सही काम कर रहे हैं.'

ग्रेग चैपल कर चुके हैं तारीफ

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हाल ही में ग्रेग चैपल ने भी पूर्व कप्तान की तारीफ में रसीद पढ़े थे. उनका मानना है कि, पूर्व भारतीय मेजबान ने ऑस्ट्रेलियाई ‘दिमागों’ को पढ़कर भारत में उनके देश से ज्यादा प्रतिभा खोज प्रणाली तैयार की है. इस बारे में चैपन ने बयान देते हुए कहा कि,

'टीम इंडिया (Team India) ने सफलता हासिल की और ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि राहुल द्रविड़ ने हमारे से सीखा. देखा कि हम क्या कर रहे हैं और भारत में इसे दोहराया और उनके पास अधिक विकल्प थे'.

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 5 खिलाड़ियों ने टेस्ट डेब्यू किया था

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द्रविड़ को लेकर आ रहे दिग्गजों के बयानों पर गौर करें तो हाल ही में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत को टेस्ट सीरीज में ऐतिहासिक जीत से भी ये बात साबित होती है. इस दौरे पर अनुभवी खिलाड़ी इशांत शर्मा मौजूद नहीं थे. यहां तक पहले टेस्ट मैच के बाद विराट कोहली, मोहम्मद शमी भी टीम से बाहर हो गए थे. लेकिन, इसके बाद भी टीम ने जीत के क्रम की शुरूआत की और वो ब्रिस्बेन में वो कर दिखाया जो 32 साल के इतिहास में नहीं हो सका था.

इस वजह से राहुल द्रविड़ को जाता है टीम की सफलता का श्रेय

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ऑस्ट्रेलिया दौरे पर दो टेस्ट मैच में रोहित शर्मा भी मौजूद नहीं थे. रविंद्र जडेजा, और उमेश यादव भी दो टेस्ट में इंजरी की वजह से नहीं खेल सके थे. जबकि अंतिम मुकाबले से अश्विन और हनुमा विहारी भी बाहर हो गए थे. आखिरी के मुकाबले में प्लेइंग-11 में शामिल सिर्फ दो खिलाड़ी ही टीम मैनेजमेंट के प्लेइंग-11 में बचे थे. इस श्रृंखला में पहली बार 5 खिलाड़ियों को डेब्यू का मौका मिला था. जिसमें मोहम्मद सिराज, टी नटराजन, वॉशिंगटन सुंदर, नवदीप सैनी और शुभमन गिल शामिल थे.

किसी विदेशी दौरे पर एक साथ इतने खिलाड़ियों का डेब्यू साल 1996 में हुआ था. इस दौरान भारत की ओर से इंग्लैंड के खिलाफ 6 खिलाड़ियों ने पदार्पण किया था. इनमें राहुल द्रविड़ और पारस म्हाम्ब्रे का भी नाम शामिल था. यही वो दोनों क्रिकेटर हैं जिन्होंने बीते कुछ साल में भारत के लिए नए खिलाड़ियों की झड़ी लगा दी है. द्रविड़ नेशनल क्रिकेट एकेडमी के डायरेक्टर का कार्यभार संभाल रहे हैं. जबकि म्हाम्ब्रे बॉलिंग कोच हैं.

पूर्व कप्तान ने 150 युवा खिलाड़ियों का पूल किया था तैयार

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पूर्व कप्तान ने म्हाम्ब्रे के साथ मिलकर अंडर-16 और अंडर-19 के 150 प्रतिभाशाली क्रिकेटरों का पूल तैयार किया है. इन 150 खिलाड़ियों को पहले 25-25 करके 6 अलग ग्रुप में विभाजित किया गया. इसके बाद हर एक ग्रुप को जोनल क्रिकेट एकेडमी में एक महीने का कैंप लगाकर ट्रेनिंग दी गई. इस प्रक्रिया के पूरा होने पर इनमें से 50 खिलाड़ियों को अलग कर दिया गया और उन्हें नेशनल कैंप में अलग से ट्रेनिंग दी गई. जिसमें खिलाड़ियों के ट्रेनर, फीजियो और कोचिंग स्टाफ अंतरराष्ट्रीय लेवल रखे गए थे.

ऐसा कई बार हुआ जब समय-समय पर नेशनल क्रिकेट एकेडमी के कोच पारस म्हाम्ब्रे, नरेंद्र हिरवानी, अभय शर्मा और द्रविड़ खुद इन कैंप में क्रिकेटरों के टैलेंट को तराशने पहुंचते थे. जोनल कैंप को चलाने का जिम्मा ट्रेंड कोचों के हाथों में दिया गया था. इनमें अजय रात्रा, महिला क्रिकेट टीम के मौजूदा कोच रमेश पोवार समेत कई बड़े नाम शामिल हैं.

द्रविड़ के कोचिंग में भारत ने जीता था अंडर-19 विश्व कप का खिताब

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साल 2015 की बात है, जब राहुल द्रविड़ (rahul dravid) ने साल 2015 में टीम इंडिया अंडर 19 और टीम ए के हेड कोच नियुक्त किए गए थे. उनकी ट्रेनिंग में भारत साल 2016 में अंडर-19 विश्व कप का उपविजेता रहा था. इसके बाद साल 2018 में वर्ल्ड को भी अपने नाम करने में कामयाब रहा था. उनके मार्गदर्शन में ही पृथ्वी शॉ, देवदत्त पडिक्कल, मयंक अग्रवाल, ईशान किशन समेत कई युवा खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे हैं. उन्होंने ने ही सैमसन जैसे खिलाड़ियों के भविष्य को निखारने में मदद की थी.

आईपीएल टीम में भी मेंटोर की भूमिका निभा चुके हैं पूर्व कप्तान

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, द्रविड़ अंडर-19 और इंडिया-ए टीम के कोच बनने से पहले साल 2012 और 2013 में आईपीएल टीम राजस्थान रॉयल्स के भी कोच, कप्तान और मेंटोर रहे थे. साल 2016 में भारतीय अंडर-19 टीम का कोच बनने से पहले उन्हें दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम के कोच बनने का ऑफर दिया गया था. लेकिन उन्होंने इस ऑफर को मना कर दिया था. हालांकि, उन्होंने अब तक जिस तरह से एक मजबूत टीम को खड़ा करने में योगदान दिया है, और दे रहे हैं जाहिर सी बात है कि इसका श्रेय उन्हें ही जाता है.

भारतीय क्रिकेट टीम राहुल द्रविड़ शाहिद अफरीदी इंजमाम उल हक़ ग्रेग चैपल