भारतीय क्रिकेट इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रहा है, खासकर साल 2022 में टीम इंडिया (Team India) अहम मौकों पर फिसड्डी साबित हुई है। जिसमें एशिया कप और टी20 वर्ल्ड कप की शर्मनाक रुखसती को प्रसंशक कभी नहीं भूल पाएंगे। इन सभी के बीच खिलाड़ियों का चयन एक अहम परेशानी बनकर सामने आया है, हाल ही में बीसीसीआई ने चेतन शर्मा की अगुवाई वाली चयन समिति को बर्खास्त करते हुए कड़ा एकशन लिया था। जिसके बाद बेहतर फैसले लेने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन ऐसा कुछ भी होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। क्योंकि बांग्लादेश दौरे पर भी खिलाड़ियों के लगातार अंदर-बाहर होने का सिलसिला जारी है।
1 ही मैच के बाद बाहर हुए कुलदीप सेन
दरअसल, रोहित शर्मा के नेतृत्व वाली टीम इंडिया (Team India) इस समय बांग्लादेश दौरे पर मौजूद है। 3 मैचों की वनडे सीरीज के पहले मैच में हार के बाद मेहमान टीम पिछड़ी हुई है। ऐसे में जब आज यानि 7 दिसंबर को भारत दूसरा मुकाबला खेलने के लिए उतरा तो टीम में 2 बदलाव किए गए। जिसमें अक्षर पटेल को शाहबाज अहमद की जगह खिलाया गया। वहीं पिछले मैच में पदार्पण करने वाले कुलदीप सेन को बाहर बिठाकर उमरान मलिक को मौका दिया गया।
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अंजुम चोपड़ा ने रोहित शर्मा पर इशारे से लगाया आरोप
रोहित शर्मा ने कुलदीप सेन को बाहर बिठाने की वजह बताते हुए कहा कि उनकी पीठ में कुछ तकलीफ है। जिसके कारण वह चयन के लिए उपलब्ध नहीं थे, वहीं टॉस की प्रक्रिया संचालित कर रहीं भारत की पूर्व कप्तान ने अंजुम चोपड़ा ने टॉस के बाद खुलासा किया कि उनके मुताबिक कुलदीप को किसी भी प्रकार की चोट नहीं है। यहां तक कि वह चोट से पहले अपना गेंदबाजी के लिए रन अप का भी निशान लगा रहे थे। अंजुम ने सीधे तौर पर कप्तान रोहित पर तंज कसते हुए कहा कि अगर वह उमरान को खिलाना चाहते थे तो साफ शब्दों में बता सकते थे इस प्रकार झूठ बोलने की आवश्यकता नहीं थी।
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Team India में 9 खिलाड़ियों को मिला सिर्फ 1 मैच में मौका
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर भारतीय टीम में कब तक इसी प्रकार खिलाड़ियों के अंदर-बाहर करने की प्रक्रिया जारी रहेगी। एक चौंकाने वाला आंकड़ा भी इस बीच सामने आया है, जिसके अनुसार भारत ने साल 2019 के बाद से 47 खिलाड़ियों को इंटरनेशनल क्रिकेट में मौका दिया है। जिसमें से 9 खिलाड़ी ऐसे भी है, जिन्हें सिर्फ 1 मैच खिलाकर बाहर कर दिया गया हो। इस प्रकार खिलाड़ियों को लगातार अंदर-बाहर करना सिलेक्शन के साथ ही कप्तान और कोच की रणनीति पर भी सवाल खड़े करता है।