Team India: भारत-इंग्लैंड के बीच खेली गई 3 मैचों की टी20 और इतने ही मुकाबलों की वनडे सीरीज को अपने नाम करनें में टीम इंडिया कामयाब रही. रोहित शर्मा की कप्तानी में पहले भारतीय टीम ने 2-1 टी20 श्रृंखला को अपने नाम किया. इसके बाद 2-1 से वनडे श्रृंखला पर जीत दर्ज की. इस शानदार विजय के साथ भारत का इंग्लैंड दौरा भी खत्म हुआ. अब शिखर धवन की कप्तानी में टीम इंडिया वेस्टइंडीज का दौरा करेगी.
3 मैचों की एकदिवसीय सीरीज में धवन भारतीय टीम की कप्तानी का जिम्मा संभालेंगे. जाहिर तौर पर सीनियर खिलाड़ियों की गौरमौजूदगी में ये श्रृंखला टीम के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होने वाली है. ऐसे में हर एक खिलाड़ी को अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा. हालांकि इंग्लैंड दौरा खत्म होने के साथ ही भारत (Team India) की जो सबसे बड़ी समस्या हल हुई है वो मध्यक्रम है जिसमें खास मजबूती देखने को मिली है.
पांड्या की वापसी से Team India के मध्यक्रम में लगे चार चांद
दरअसल टीम इंडिया की सबसे बड़ी चिंता हमेशा से ही मिडल ऑर्डर रहा है. अगर टॉप आर्डर फेल हुआ तो मध्यक्रम अक्सर धराशायी हो जाता है. लेकिन, इंग्लैंड दौरे पर देखें तो मध्य के बल्लेबाजों का ही टीम को जीत दिलाने में सबसे बड़ा योगदान रहा है. वो चाहे टी20 सीरीज हो या फिर वनडे सीरीज हो.
इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई 3 मैचों की टी20 सीरीज को टीम इंडिया (Team India) ने 2-1 से अपने नाम किया था और इसका श्रेय मध्यक्रम बल्लेबाजों को दिया जाए तो गलत नहीं होगा. शुरूआती दोनों मैचों में ही टॉप ऑर्डर के जल्दी आउट होने के बाद मिडल ऑर्डर ने ही मोर्चा संभाला था. हार्दिक पांड्या के टीम में वापसी के बाद भारत का मध्यक्रम पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हुआ है.
पांड्या ने इंजरी के बाद ऐसे खिलाड़ी के तौर Team India में वापसी की है कि उन्हें आप किसी भी नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतार सकते हैं. फिलहाल इन दिनों चौथे और 5वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए वो भारत के लिए न सिर्फ अहम रन बना रहे हैं बल्कि गेम खत्म करने की कोशिश भी कर रहे हैं. इसके साथ ही अपना गेंदबाजी में भी जलवा बिखेर रहे हैं.
सूर्या ने खत्म की भारत के मिडल ऑर्डर के कमजोरी की समस्या
इसके साथ ही सूर्यकुमार यादव के एक बार फिर से टीम में वापसी के बाद भारतीय टीम (Team India) मजबूत बन गई है. हालांकि इंग्लैंड के खिलाफ भले ही सूर्या का लक उनके साथ नहीं रहा हो. लेकिन, मुश्किल समय में उन्होंने कई बार टीम की डूबती नैय्या को सहारा दिया है और विनिंग पारियां भी खेली हैं. अंग्रेजी टीम के खिलाफ टी20 में उन्होंने बल्ले से कैसा मुजायरा पेश किया था ये किसी से छिपा नहीं है.
आखिरी मैच में भले ही टीम इंडिया को जीत दिलाने से चूक गए थे. लेकिन, ताबड़तोड़ शतकीय पारी खेलते हुए ये साबित कर दिया था कि किसी भी परिस्थिति में उन्हें कम नहीं आंका जा सकता है. क्योंकि हालात जो भी हो सूर्या का बल्ला चला तो विरोधियों की शामत आना तय है.
ऋषभ पंत भी बल्ले और फॉर्म से दे रहे हैं अच्छे संकेत
इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी एकदिवसीय मैच में पंत का जबरदस्त नॉक रहा. उन्होंने जिस तरह से परिस्थितियों को भांपते हुए आखिरी मुकाबले में टीम इंडिया (Team India) को जीत दिलाई इसकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है. उन्होंने इस मैच में अपने खेल के अंदाज से हालात के मुताबिक कंप्रोमाइज किया और जीत दिलाने के लिए हर तरह से खुद को साबित किया.
पंत ने शतक ठोक कर अच्छे संकेत दे दिए हैं और बता दिया है कि वो क्यों हर प्लेइंग इलेवन के दावेदार रहते हैं. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ निर्णायक वनडे मैंच में एक और ऋषभ पंत से लोगों को रूबरू कराया जो हालात को समझते हुए अंत तक क्रीज पर टिका रहा. इस मैच में उन्होंने 125 रन की शतकीय पारी खेली और जीत दिलाई. पंत के फॉर्म में आने से भारत के मध्यक्रम की समस्या लगभग खत्म होती हुई दिखाई दे रही है, जो अभी तक कमजोरी का कारण बनी हुई थी.