भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 3 मैचों की टेस्ट सीरीज का अंत हो चुका है। इतिहास रचने की मंशा से गई टीम इंडिया (Team India) एक बार फिर दक्षिण अफ्रीका की सर जमीन पर हार का सामना कर लौटी है। साल की शुरुआत सीरीज हार से करने वाली टीम इंडिया (Team India) को अब आगे आने वाली सीरीज के लिए दक्षिण अफ्रीका दौरे से कुछ सबक सीखने की जरूरत होगी। ऐसे में अगले महीने से शुरू हो रही श्रीलंका के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम अपनी गलतियों को सुधारना जरूर चाहेगी।
सीनियर खिलाड़ियों पर करना होगा विचार
निर्णायक टेस्ट मुकाबले के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली का कहना था कि सीरीज हारने की सबसे बड़ी वजह बल्लेबाजी का फेल होना था। भारतीय कप्तान का ये कथन एक दम दुरुस्त है। दक्षिण अफ्रीका की कम अनुभव वाली गेंदबाजी के सामने भी भारतीय अनुभवी बल्लेबाज लाचार नजर आ रहे थे। खासकर टीम के सीनियर खिलाड़ी।
दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर टीम इंडिया ने 3 टेस्ट मैच की 6 पारियों में सिर्फ एक बार 300 का आंकड़ा पार किया। उसमें से भी एक बल्लेबाज ने शतक लगाया था। ये 300 का आंकड़ा भी पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में ही पर हुआ। इसके बाद अगली 5 पारियों में से 2 पारियों में टीम 200 का आंकड़ा भी नहीं छू पाई। लिहाजा श्रीलंका दौरे से पहले ही भारतीय टीम (Team India) को कुछ खिलाड़ियों का विकल्प जरूर तलाशना होगा।
मिडल ऑर्डर को देनी होगी मजबूती
वैसे तो क्रिकेट में हर नंबर के बल्लेबाज का अहम रोल होता है। लेकिन जब टीम के विकेट गिर जाए तो मिडल ऑर्डर का मजबूत होना बेहद जरूरी है। दक्षिण अफ्रीका दौरे पर भारत का मिडल ऑर्डर पूरी तरह से फ्लॉप रहा। मिडल ऑर्डर के बल्लेबाज के पास चुनौती रहती है कि किस प्रकार विकट गिरने से बढ़े दबाव को हैंडल किया जाए और पारी को संभाला जाए।
भारतीय टीम (Team India) के मिडल ऑर्डर ने दूसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी को छोड़कर किसी भी पारी में स्कोर नहीं बनाया। यही दक्षिण अफ्रीका और भरता के मिडल ऑर्डर बैट्समैन की तुलना करेंगें तो पता चलेगा कि दक्षिण अफ्रीका के मिडल ऑर्डर बल्लेबाज टेंबा बावूमा की इस सीरीज में औसत 73 की रही है। वहीं कीगन पीटरसन ने 46 की औसत के साथ रन बनाए। लेकिन भारत के मिडल ऑर्डर बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा 22 की औसत से ही रन बना पाए।
गेंदबाजों को निरंतर लेने होंगे विकेट
बीते 2 सालों से भारतीय गेंदबाजों का हर देश में प्रदर्शन शानदार रहा है। सिर्फ गेंदबाजों के दम पर ही भारतीय टीम कई मैच और सीरीज में जीत हासिल कर सकी है। लेकिन दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर भारतीय गेंदबाज निरंतर विकेट लेने में नाकाम रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाज भले ही कागजों पर कमजोर नजर आए। लेकिन उन्होंने इस दौरे पर भारतीय गेंदबाजों से ज्यादा विकेट हासिल किए हैं।
दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज रबाड़ा ने इस टेस्ट सीरीज में 20, मार्को यानसिन ने 19 और एनगिडी ने 15 विकेट चटकाएं है। तो वहीं भारतीय गेंदबाज मोहम्मद शामी ने 14, जसप्रीत बुमराह ने 12 और शार्दुल ठाकुर भी 12 विकेट ही ले सके। इन आंकड़ों के साफ जाहिर होता है कि भारतीय टीम का एक भी गेंदबाज टॉप 3 गेंदबाजों में नहीं रहा।