Team India और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया कानपुर टेस्ट मैच ड्रॉ हो चुका है. इस मुकाबले में भारत ने न्यूजीलैंड को जीत के लिए 284 रनों का लक्ष्य दिया था. जिसके जवाब में कीवी टीम 165 रन पर 9 विकेट गिर चुका था. भारतीय जीत से सिर्फ एक विकेट दूर रह गई. जिसका क्रेडिट कीवी टीम के पुछल्ले बल्लेबाजों को जाता है जिन्होंने कानपुर टेस्ट ड्रॉ कराने के लिए अपनी जान लगा दी थी.
इस टेस्ट मैच में भारतीय गेंदबाजों की शुरूआत 5वें दिन बेहद खराब रही थी. पहले सेशन में टीम इंडिया के गेंदबाजों को एक भी सफलता हासिल नहीं हुई थी. लेकिन, आखिरी सेशन में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद टीम इंडिया (Team India) इस मैच के नतीजे को अपने पक्ष में नहीं कर सकी. हम अपनी इस खास रिपोर्ट में ऐसे ही 4 कारणों के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसकी वजह से मैच ड्रॉ हो गया.
पारी देरी से घोषित करना
मैच ड्रॉ होने का सबसे बड़ा कारण भारत की ओर से पारी को काफी देरी से घोषित करना रहा. इस मैच के चौथे दिन भारतीय बल्लेबाजों की शुरूआत अच्छी नहीं थी. लेकिन, मध्यक्रम और पुछल्ले बल्लेबाजों ने मुकाबले को संभाला और सम्मानजनक स्कोर तक लक्ष्य को पहुंचाया.
हालांकि भारत ने जब तक पारी को घोषित किया तब तक काफी देरी हो चुकी थी और चौथे दिन कीवी टीम को सिर्फ 20 मिनट के आसपास बल्लेबाजी का मौका. टीम इंडिया (Team India) की सबसे बड़ी गलती ये थी कि उन्होंने चौथे दिन खेल को काफी ज्यादा खींच दिया और ये मैच ड्रॉ होने का सबसे बड़ा कारण रहा.
रचिन रवींद्र और अजाज पटेल के 52 गेंदों की साझेदारी
इस मुकाबले के ड्रॉ होने की दूसरी सबसे बड़ी वजह रचिन रवींद्र और अजाज पटेल के बीच अंतिम समय तक शानदार साझेदारी रही. दोनों के बल्ले से रन भले कुछ खास नहीं निकले. लेकिन, मकसद से दोनों क्रीज पर जमे हुए थे और डिफेंस कर रहे थे उससे साफ पता चल रहा था कि दोनों की मानसिकता कैसी थी. भारत को जीत के लिए सिर्फ 1 और विकेट की जरूरत थी.
लेकिन, इस दौरान टीम इंडिया (Team India) का एक भी गेंदबाज उन पर दबाव नहीं बना सका और दोनों आसानी से क्रीज पर बल्लेबाजी करते रहे. उस मुकाबले को ड्रॉ कराने के लिए दोनों बल्लेबाजों में 52 गेंदों की साझेदारी हुई जो निचले क्रम में टेस्ट जैसे फॉर्मेट में बहुत बड़ी बात है. ये दोनों ही बल्लेबाज उसे मामले में अनुभवी नहीं थे लेकिन, भारत के पक्ष में नतीज अंत तक नहीं जाने दिया.
मैच के बीच बार-बार लाइट की समस्या
कानपुर टेस्ट मैच के ड्रॉ होने की तीसरी सबसे बड़ी वजह बैड लाइट की समस्या रही जिसने मैच के आखिरी यानी 5वें दिन भारतीय खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा तकलीफ दी. खासकर अंतिम के कुछ ओवर में मैदान अंपायर हर ओवर के बाद लाइट चेक कर रहे थे और जदीत से सिर्फ भारत एक कदम दूर था. लेकिन, इस फासले को टीम इंडिया (Team India) कम नहीं कर सकी.
वहीं भारतीय गेंदबाजों पर इस समस्या की शिकन स्पष्ट रूप से देखने को मिली जब अंपायर बार-बार रोशनी चेक कर रहे थे. इससे गेंदबाजों में नाराजगी भी देखी गई क्योंकि ऐसा करने से वक्त कम हो रहा था और उसी के साथ ही ओवर भी कम हो रहे थे और अंत में बैड लाइट ही सबसे बड़ी समस्या बनी और समय से पहले इस मैच को अंपायरों ने ड्रॉ करने का फैसला ले लिया.
खराब रही भारत के लिए 5वें दिन की शुरूआत
कानपुर टेस्ट मैच के ड्रॉ होने का चौथा और आखिरी सबसे बड़ा कारण भारतीय टीम की बेहद खराब शुरूआत रही. मैच के 5वें दिन भारतीय गेंदबाजों को पहले सेशन में सिर्फ संघर्ष करते हुए देखा गया. वो न्यूजीलैंड बल्लेबाजों पर वो दबाव शुरूआत में नहीं बना सके जिस आगाज की टीम को जरूरत और पहले सेशन में भारत के हाथ एक भी सफलता नहीं लगी. दूसरे सेशन में भी गेंदबाजों का दमखम फीका ही रहा और सिर्फ 3 ही विकेट ले सके थे.
हालांकि तीसरे और आखिरी सेशन में भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का स्पेल डाला और 5 विकेट झटके. हालांकि अंत में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद टीम इंडिया (Team India) इस मैच को अपने पक्ष में नहीं कर सकी और न्यूजीलैंड के बल्लेबाज इस मैच को ड्रॉ कराने में कामयाब रहे. लेकिन ये कहा जा सकता है कि अगर गेंदबाजों ने पहले और दूसरे सेशन में ऐसी धारदार गेंदबाजी की होती मैच ड्रॉ नहीं होता.