पिछले कुछ समय में न्यूज़ीलैंड भारतीय टीम के खिलाफ़ आईसीसी टूर्नामेंट में काफी अच्छा करने में सफलता हासिल की हैं। उनमें से कुछ हार जैसे कि 2019 World Cup सेमीफाइनल और इस साल का वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में हार भारतीय प्रशंसकों के बीच आज भी ताजा हैं। भारत के सामने कमजोर दिखने के बावजूद भी न्यूज़ीलैंड ने भारत को पिछले 2 knockout मुकाबलों में मात दी हैं।
आने वाले T20 World Cup में भारत और न्यूज़ीलैंड फिर एक बार एक दूसरे से भिड़ते हुए नज़र आयेंगे और इस बार वो मुकाबला ग्रुप स्टेज पर होना वाला हैं। भारत ने T20 World Cup में अभी तक न्यूज़ीलैंड को एक बार भी नहीं हराया है उनके बीच हुए 2 मुकाबलों में दोनों में भारत को हार का सामना करना पड़ा हैं। तो इसी बात पर हम एक बार तीन कारणों पर नज़र डालते हैं कि क्यों फिर एक बार केन विलियमसन की अगुवाई वाली टीम न्यूज़ीलैंड T20 world Cup के ग्रुप स्टेज मुकाबले में भारत पर हावी पड़ सकती हैं।
न्यूज़ीलैंड इन 3 कारणों के वजह से ग्रुप स्टेज में दे सकती हैं भारतीय टीम को मत :
1. भारत से बेहतर टेलेंडर्स
हमेशा से भारत के पास टेलेंडर्स में कोई अच्छा बल्लेबाज नहीं रहा है। अभी भी टीम की हालत ठीक उसी तरह की हालत है । हमारे निचले कर्म में मौजूद मोहम्मद शमी, युजवेंद्र चहल, जसप्रीत बुमराह और कुलदीप यादव जैसे खिलाड़ी जरूरत पड़ने पर तीन चार ओवर किसी बल्लेबाज का साथ देने के लिए विश्वसनीय नहीं हैं।
इसी के विपरीत न्यूज़ीलैंड का निचला क्रम देखा तो उनके पास काइल जैमीसन, टिम साउदी और मिशेल सेंटनर जैसे ऑलराउंडर सातवें, आठ और नौवें नंबर पर जो ना केवल किसी बल्लेबाज का साथ दे सकते बल्कि जरूरत पड़ने पर खुद तेज़ गति से रन बना सकते हैं। इस तरह से अगर न्यूज़ीलैंड शुरू में लड़खड़ाती भी है तो उनके पास कई विकल्प जो उन्हें संभल सकते हैं बाद में।
2. केन विलियमसन टैक्टिकल निर्णय लेने में थोड़े बेहतर
आज के समय केन विलियमसन वर्ल्ड क्रिकेट के सबसे चतुर कप्तानों में से एक हैं। 2016 में न्यूज़ीलैंड के पूर्व कप्तान ब्रेंडन मैक्कुलम के रिटायरमेंट के बाद केन विलियमसन को न्यूज़ीलैंड की कमान मिली थी। जहाँ से केन ने न्यूज़ीलैंड की टीम को और ऊँचाई पर ले जाने में सफल रहे हैं। यूँ तो केन विलियमसन मैदान पर काफी शांत दिखते हैं पर वो कप्तानी में काफी ज्यादा आक्रामक फैसले लेते हैं।
केन विलियमसन आज के समय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ रणनीतिकार में से एक हैं। यूँ तो विराट कोहली भी एक अच्छे कप्तान है, पर कई बार निर्णायक मैचों के दौरान उनका टीम का चयन के साथ मैदान पर रणनीति विपक्षी टीम के सामने फिकी पड़ी हैं जिसके कारण भारत को पिछले कुछ समय में महत्वपूर्ण मुकाबले के दौरान हार का सामना करना पड़ा हैं। इसी के चलते न्यूज़ीलैंड के पास इस ग्रुप निर्णायक मुकाबले में भारत को हराना का अच्छा मौका होगा।
3. मनोवैज्ञानिक बढ़त
यूँ तो ये कारण भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच होने वाली T20 World Cup में मैच को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित नहीं कर सकती हैं , लेकिन उसके बाद भी ये कुछ हद तक इस मैच में मायने रखेगी। जैसे कि शुरू में ही बताया गया है कि भारत ने न्यूज़ीलैंड को कभी भी T20 विश्व कप में नहीं हराया है उसके अलावा भारत को न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ ICC टूर्नामेंट में आखिरी जीत साल 2002 में हासिल हुई थी ।
पिछले 2 ICC मैचों में यूँ तो भारत पसंदीदा टीम के रूप में शुरुआत की थी परंतु उन्हें न्यूज़ीलैंड के हाथों उन मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा था। इस प्रकार, ICC आयोजनों में उनका हालिया रिकॉर्ड भारत के लिए परेशानी का सबक है।