भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज सुरेश रैना (Suresh Raina) ने अकेले के दम पर भारत को तमाम मैच जिताए हैं। वह मध्य क्रम को मजबूत रखते थे और उनके टीम से बाहर होने के बाद कई सालों तक भारतीय टीम मध्य क्रम की कमजोरी से जूंझती रही। रैना को लेकर हमेशा क्रिकेट के गलियारों में ये चर्चा रहती थी कि उन्हें महेंद्र सिंह धोनी की दोस्ती के चलते टीम में जगह मिली। मगर अब रैना ने इस पर बयान दिया है।
धोनी की दोस्ती नहीं काबिलियत के कारण मिली टीम में जगह
महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना की दोस्ती से शायद ही कोई वाकिफ ना हो। इनके बीच गहरी दोस्ती थी और क्रिकेट के गलियारों में कई बार ऐसी चर्चा होती कि, धोनी की बदौलत रैना को टीम इंडिया में खेलने का मौका मिला। लेकिन अब रैना ने इसी बात का खुलासा अपनी किताब 'बिलीव' में किया है. सुरेश रैना ने किताब में लिखा है कि उन्हें कहा जाता कि धोनी से दोस्ती की वजह से वो टीम इंडिया में हैं। मगर वह अपनी काबिलियत के कारण भारतीय टीम का हिस्सा बने। रैना ने अपनी किताब में धोनी की तारीफ करते हुए लिखा,
'धोनी जानते थे कि मुझसे बेस्ट प्रदर्शन कैसे करवाया जा सकता है और मैंने उनपर भरोसा किया। बहुत दुख होता है जब लोग हमारी दोस्ती को मेरी टीम इंडिया में जगह पाने से जोड़ते हैं। मैंने हमेशा टीम इंडिया में अपनी जगह हासिल की, ठीक वैसे ही जैसे मैंने धोनी का भरोसा और सम्मान हासिल किया।'
संन्यास भी लिया साथ, पेश की मिसाल
Suresh Raina और महेंद्र सिंह धोनी ने सालों तक ड्रेसिंग रूम शेयर किया। ना केवल वह भारत के लिए साथ खेले, बल्कि चेन्नई सुपर किंग्स का प्रतिनिधित्व करते हुए अभी भी ये दोनों खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम शेयर करते हैं। कई मौकों पर इस दोस्ताना जोड़ी को मैदान के बाहर साथ में परिवार के साथ आउटिंग पर भी देखा गया।
दोस्ती की गहराई इतनी थी, कि जिस दिन महेंद्र सिंह धोनी ने संन्यास का ऐलान किया, तारीख थी 15 अगस्त 2020, उसी दिन, धोनी के संन्यास के कुछ मिनटों बाद Suresh Raina ने भी संन्यास का ऐलान करके सभी को चौका दिया। वह दिन भारतीय फैंस के लिए बहुत ही ज्यादा दुखी करने वाला था, क्योंकि एक साथ दो बड़े खिलाड़ियों ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कहा। हालांकि रैना के संन्यास ने उनकी दोस्ती की गहराई से सभी को वाकिफ कर दिया और एक नई मिसाल पेश की।
मध्य क्रम में मचाते थे तहलका
Suresh Raina भारत के मध्य क्रम को मजबूती देते थे। उन्होंने साल 2005 में वनडे, 2006 में T20I और 2010 में टेस्ट डेब्यू किया। उन्होंने अपने करियर में 226 वनडे मैचों में 35.31 की औसत से 5615 रन बनाए, T20I में 66 मैचों में 29.18 की औसत से 1605 रन और 18 टेस्ट में 768 रन बनाए। रैना ने भारत के लिए 2018 में अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला खेला। इसके बाद उन्हें भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं मिला और आखिर में 15 अगस्त 2020 में उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया।