"MCA मेरी मां है, BCCI मेरा पिता है....", Sunil Gavaskar ने अचानक हुए भावुक, जानिए क्यों दिया ऐसा बयान

Published - 16 May 2025, 09:10 AM | Updated - 16 May 2025, 09:14 AM

Sunil Gavaskar, MCA , BCCI

Sunil Gavaskar: भारतीय दिग्गज सुनील गावस्कर को मुंबई में BCCI मुख्यालय में एक विशेष समारोह में सम्मानित किया गया। इस दौरान उनके नाम पर एक नए समर्पित बोर्डरूम का उद्घाटन किया गया। दरअसल एक कमरे का उद्घाटन किया गया। इसका नाम "10000 गावस्कर" है।

यह कमरा दिग्गज सलामी बल्लेबाज की टेस्ट इतिहास में 10,000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज बनने की ऐतिहासिक उपलब्धि को याद करता है। उद्घाटन समारोह के दौरान गावस्कर भावुक हो गए और उन्होंने एक बड़ा बयान दिया। आइए आपको बताते हैं उन्होंने क्या कहा

Sunil Gavaskar ने BCCI और MCA को माता-पिता का दर्जा दिया

Sunil Gavaskar-team India

आपको बता दें कि उद्घाटन समारोह में BCCI के अध्यक्ष रोजर बिन्नी, उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और सचिव देवजीत सैकिया मौजूद थे। बोर्ड ने भारतीय क्रिकेट में गावस्कर के योगदान को धन्यवाद दिया। इस कार्यक्रम का पूरा वीडियो BCCI ने शेयर किया है।

इस दौरान गावस्कर अपने खेल के दिनों की एक ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर पर हस्ताक्षर करते नजर आए - एक ऐसा पल जिसने एक शानदार करियर की यादें और विरासत को वापस ला दिया। वीडियो में गावस्कर भावुक हो गए और उन्होंने एक बयान में बीसीसीआई को धन्यवाद दिया। उन्होंने बीसीसीआई को अपना पिता और एमसीए को अपनी मां बताया।

"बीसीसीआई का बहुत आभारी हूं" - Sunil Gavaskar

सुनील गावस्कर ने कहा- "एमसीए मेरी मां है और बीसीसीआई मेरा पिता है। बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं भारतीय क्रिकेट की बदौलत जो हूं, वह बनने के इस अवसर की सराहना करता हूं। यह बहुत बड़ा सम्मान है। मैं इस सम्मान के लिए बीसीसीआई का बहुत आभारी हूं। और मैं बीसीसीआई को अपना सबकुछ देना चाहता हूं... इसलिए जब भी मुझसे कुछ मांगा जाए, चाहे इस उम्र में ही क्यों न हो, तो कृपया बेझिझक कहें।

Sunil Gavaskar के नाम सबसे पहले 10,000 रन बनाने का रिकॉर्ड

गोरतलब हो कि 1971 से 1987 तक भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) को खेल के इतिहास के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। क्रीज पर अपने संयम और तकनीकी रूप से मजबूत डिफेंस के लिए जाने जाने वाले गावस्कर अपने दौर के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजों के खिलाफ डटे रह कर रन बनाते थे।
वे टेस्ट इतिहास में 10,000 रन का आंकड़ा पार करने वाले पहले खिलाड़ी हैं। उन्होंने 1987 में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ अहमदाबाद टेस्ट के दौरान यह उपलब्धि हासिल की थी। वे 10,122 रनों के साथ टेस्ट में भारत के तीसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने हुए हैं। उनसे आगे सिर्फ़ सचिन तेंदुलकर (15,921) और राहुल द्रविड़ (13,288) हैं। उनके नाम 34 टेस्ट शतक हैं।

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Nishant Kumar

मैं निशांत कुमार, एक समर्पित क्रिकेट विशेषज्ञ, कंटेंट राइटर और पेशे से पत्रकार हूँ। पत्रकारिता का मे... रीड मोर