वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. इसके लिए बीसीसीआई भारतीय टीम का ऐलान भी कर चुकी है 18 से 22 जून के बीच इसका फाइनल मुकाबला न्यूजीलैंड और भारत के बीच साउथम्पटन शहर के द रोज बाउल स्टेडियम में खेला जाएगा. लेकिन, इस मैच से पहले ही इंग्लैंड टीम के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड (Stuart Broad) ने टेस्ट चैंपियनशिप (World Test Championship) के फॉर्मेट को लेकर कहई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं.
टेस्ट चैंपियनशिप के नियम से खुश नहीं ब्रॉड
आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप जैसे कंपटीशन का ब्रॉड ने सम्मान किया है. लेकिन, इसके फॉर्मेट से उन्हें कुछ खास संतुष्टि नहीं है. इसका अंदाजा आप उनकी तरफ से हाल ही में दिए गए बयान से लगा सकते हैं. दरअसल इस चैंपियनशिप के लिए जिस तरह से टीमों के बीच मुकाबले कराए जा रहे हैं उससे ब्रॉड इत्तेफाक नहीं रखते हैं.
इस बारे में स्टुअर्ट ब्रॉड (Stuart Broad) का मानना है कि, 5 मैचों की एशेज सीरीज भारत और बांग्लादेश के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज के बराबर कैसे हो सकती है. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के नियम की बात करें तो इसमें हर सीरीज के लिए 120 प्वॉइंट्स निर्धारित किए गए हैं. लेकिन, इसमें दो टामों के बीच कितने मुकाबले हो रहे हैं उसकी संख्या मायने नहीं रखती है.
टेस्ट चैंपियनशिप प्वॉइंट सिस्टम ठीक नहीं
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, एक सीरीज में चाहे 4 मैच हों, या 2 मुकाबले हों. लेकिन, हर सीरीज के लिए 120 प्वॉइंट ही दिया जाएगा. यही कारण है कि, पूर्व क्रिकेटरों ने भी इस फॉर्मेट की काफी आलोचना कर चुके हैं. इस बीच अब ब्रॉड ने इसके फॉर्मेट पर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं. प्रेस एसोसिएशन के साथ हुई बातचीत में उन्होंने इसके प्वाइंट्स नियम पर अपनी राय दी है.
स्टुअर्ड ब्रॉड (Stuart Broad) ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि,
"वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप एक अच्छा कॉन्सेप्ट है. दिलचस्प बात तो यह है कि इसका आयोजन पहली बार किया जा रहा है. लेकिन, इसका प्वॉइंट सिस्टम ठीक नहीं है. मैं यह समझ ही नहीं पा रहा हूं कि 5 मैचों की एशेज सीरीज भारत और बांग्लादेश के बीच दो मैचों के टेस्ट सीरीज के बराबर कैसे हो गई. वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का आइडिया अच्छा है. लेकिन, इस पर काम करने की जरुरत है".
इंग्लैंड के लिए टेस्ट चैंपियनशिप में जगह बनाना मुश्किल- ब्रॉड
स्टुअर्ट ब्रॉड (Stuart Broad) ने इस दौरान यह बात भी स्वीकार की है कि, इंग्लैंड की टीम जितने मुकाबले खेलती है उसे देखते हुए वर्तमान सिस्टम में उनका वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाना काफी चुनौतीपूर्ण है. फिलहाल ब्रॉड की ओर से उठाए गए इस सवाल पर क्या अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल इस फॉर्मेट पर विचार करेगी? इस बारे में अभी कुछ भी कह पाना जल्दबाजी होगी.