इस देश के सिलेक्टर्स ने राष्ट्रीय टीम में जगह दिलाने के बदले, महिला खिलाड़ियों से की थी शारीरिक संबंध बनाने की डिमांड

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Manvi Nautiyal
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Sri Lanka women cricket team

Sri Lanka Women Cricket Team: क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसका जुनून तमाम देश के देशवासियों के अंदर देखा जाता है। हर खिलाड़ी अपने देश की इंटरनेशनल टीम से खेलना चाहता है। ऐसे ही एक देश  Sri Lanka Women Cricket Team ने भी खुलासा किया था। Sri Lanka Women Cricket Team ने साल 2014 में सिलेक्टर्स पर कुछ ऐसे आरोप लगाए जिसने क्रिकेट जगत में भूचाल ला दिया। इन आरोपों के बाद श्रीलंका के क्रिकेट बोर्ड ने Sri Lanka Women Cricket Team को इंसाफ दिलाने के लिए यह कदम भी उठाए।

Sri Lanka Women Cricket Team के सिलेक्टर्स पर आरोप

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क्रिकेट को श्रीलंका में भी काफी पसंद किया जाता है। क्रिकेट में खिलाड़ी और दर्शक दोनों की दिलचस्पी एक जैसी होती है। लेकिन 2014 में Sri Lanka Women Cricket Team के इन आरोपों ने क्रिकेट वर्ल्ड को हिला कर रख दिया था। Sri Lanka Women Cricket Team ने 2014 में सिलेक्टर्स पर आरोप लगाए थे कि उन्हें टीम में जगह पक्की करने के लिए उन्हें शारीरिक संबंध बनाने को कहा गया था। उन्होंने आगे कहा कि जो महिला टीम ऐसा करेगी, उसे ही नेशनल टीम में जगह मिलेगी।

महिला क्रिकेटरों ने कथित तौर पर कुछ सिलेक्टर्स की इन मांगों की शिकायत भी की। अगर वे टीम में जगह चाहती हैं तो उन्हे सिलेक्टर्स को ‘संतुष्ट’ करना पड़ेगा। इसके बाद श्रीलंका के क्रिकेट बोर्ड ने जांच के आदेश दिए थे।Sri Lanka Women Cricket Team के इस आरोप की खबर पूरी दुनिया में आग की तरह फैल गई और श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने तुरंत एक्शन में आते हुए इस मामले की जांच के आदेश दे दिए। श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने उस वक्त के चीफ सिलेक्टर सनथ जयसूर्या समेत तीन अधिकारियों को इस मामले की जांच सौंपी। जयसूर्या श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर और कप्तान हैं। जयसूर्या को श्रीलंका में मास्टर ब्लास्टर के नाम से भी जाना जाता है।

क्या महिला टीम को मिला इंसाफ?

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इस मामले पर सन् 1996 में श्रीलंका को वर्ल्ड कप जिताने वाले सनथ जयसूर्या ने बड़ी गंभीरता से जांच की। उसके 7 महीने बाद वो निष्कर्ष पर पहुंचे। जयसूर्या ने अपनी जांच में पाया कि इस मामले में 3 अधिकारी शामिल थे, जिसमें से दो अधिकारियों ने यौन उत्पीड़न के कुछ मामलों में शामिल रहे, तो वहीं एक अधिकारी अनुचित व्यवहार का दोषी पाया गया जो यौन उत्पीड़न के दायरे में नहीं आता है।

हालांकि जयसूर्या की कमेटी ने पाया कि किसी भी व्यक्ति से किसी तरह के शारीरिक संबंध बनाने का सबूत नहीं मिला। जयसूर्या की इस रिपोर्ट के बाद श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने दोषी पाए गए तीनों चयनकर्ताओं को तुरंत बर्खास्त कर दिया। इस तरह श्रीलंका की महिला खिलाड़ियों को इंसाफ मिला।

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