Sourav Ganguly Birthday: भारतीय टीम के सबसे सफलतम कप्तानों में शामिल मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली शुक्रवार यानी आज अर्धशतक लगा दिया है. जी हां आज वो पूरे 50 साल के हो गए हैं. युवा खिलाड़ियों को मौका देने वाले गांगुली कप्तानी में ही टीम इंडिया का एक नया अवतार देखने को मिला था. इससे पहले खिलाड़ियों को कभी इतना आक्रामक नहीं देखा गया था.
लेकिन, गांगुली के कप्तान बनने के बाद से एक नया दौर शुरू हुआ और फिर टीम इंडिया ने सिर्फ अपनी ही सरजमीं पर ही नहीं बल्कि विदेशों में भी जीत का इतिहास रचना शुरू कर दिया था. भारतीय खिलाड़ियों और फैंस के चहेते 'दादा' के 50वें जन्मदिन पर हम उनके (Sourav Ganguly) बारे में कुछ खास किस्सों के बारे में खुलासा करने जा रहे हैं. जिनके बारे में शायद आपको भी न पता हो.
1992 में किया था क्रिकेट करियर का डेब्यू लेकिन 1996 में शुरू हुई असल शुरूआत
दरअसल टीम इंडिया के पूर्व कप्तान गांगुली को उनके क्रिकेट करियर के दौरान 'गॉड ऑफ ऑफसाइड', 'प्रिंस ऑफ कोलकाता', 'बंगाल टाइगर' और 'दादा' जैसे कई नाम दिए गए, जिनसे आज भी उनकी अलग पहचान है. लेकिन, उन्हें इन नामों से क्यों जाना जाता है शायद इसके पीछे की कहानी के बारे में आप भी नहीं जानते होंगे. इसलिए हम आपको इससे जुड़ी कुछ अनसुनी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं.
सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने जनवरी 1992 में ब्रिस्बेन में वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू करने के बाद 16 साल तक भारत के लिए खेला. काफी आक्रामक होने के कारण उन्हें डेब्यू के लगभग 4 साल तक टीम से बाहर भी रहना पड़ा. लेकिन, उन्हें टेस्ट सीरीज के लिए 1996 में स्क्वॉड में शामिल किया गया. ऐसे में उनके क्रिकेट करियर की सही शुरूआत 1996 में हुई. इस सीरीज में उन्होंने मशहूर लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड में इंग्लैंड के खिलाफ धमाकेदार शतक ठोका और फिर अपने करियर में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
ऐसा रहा Sourav Ganguly के कप्तानी करियर का लेखा-जोखा
सौरव गांगुली ने भारत के लिए 146 वनडे मैचों में टीम का नेतृत्व किया. इनमें से भारत को 76 मैच में जीत मिली. इसके साथ ही उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने 49 टेस्ट मैचों में से 21 मुकाबलों में नतीजा अपने नाम करने में कामयाब रही. जबकि 15 टेस्ट मुकाबले ड्रॉ पर खत्म हुए. दादा की ही कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में 2001 में लगातार 16 टेस्ट मैच जीतने के रिकॉर्ड को थामा था और उसे 2-1 से हराकर सीरीज अपने नाम की थी.
गांगुली (Sourav Ganguly) एक बार फिर कुछ वजहों के चलते भारतीय टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. लेकिन, उन्होंने इसके बाद फिर से टीम में वापसी की. नवंबर 2008 में बंगाल में जन्मे गांगुली ने आखिरी बार नागपुर में ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ एक टेस्ट मैच में टीम इंडिया की जर्सी में नजर आए थे.
अलग-अलग कारनामों की वजह से पड़े Sourav Ganguly के कई नाम
सौरव गांगुली ने 113 टेस्ट में 42.17 की औसत से 7212 रन बनाए. इसके साथ ही 311 वनडे मैच खेलते हुए उन्होंने 11363 बनाए. पूर्व भारतीय कप्तान ने टेस्ट में 16 और वनडे में 22 शतक भी जड़े. 1999 से 2005 तक वनडे में टीम इंडिया की कमान भी संभाली थी. 146 मैचों में बतौर कप्तान गांगुली की टीम ने 76 मैच जीते और 65 में शिकस्त का भी झेलनी पड़ी. जबकि 5 मैचों का कोई नतीजा नहीं आया. 2000 से 2005 तक उन्होंने भारत के लिए टेस्ट का भी नेतृत्व किया था.
21 मैचों में कप्तानी के तौर पर उन्हें जीत मिली तो वहीं 13 में हार का सामना करना पड़ा. जबकि 15 मुकाबले ड्रॉ रहे. Sourav Ganguly ने गेंदबाजी में भी कमाल किया था. उन्होंने टेस्ट में 32 और वनडे में 100 विकेट लिए थे. उनके इन्हीं प्रदर्शन और शहरों में कारनामों की वजह से अलग-अलग नाम भी दिया गया, जिससे आज भी उनकी एक अलग पहचान है.