Border Gavaskar Trophy : बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हार के बाद टीम इंडिया सवालों के घेरे में है। क्योंकि इस दौरे पर भारत सभी विभागों में फ्लॉप रहा है। गेंदबाजी में बुमराह को कोई मात नहीं दे सका। बल्लेबाजी में यशस्वी जायसवाल को छोड़कर किसी ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। महान बल्लेबाजों में गिने जाने वाले विराट कोहली और रोहित शर्मा भी अच्छा नहीं खेल पाए। इनके प्रदर्शन से भारतीय प्रशंसक काफी निराश हैं।
वैसे तो हार के लिए पूरी टीम जिम्मेदार है। लेकिन प्रशंसक रोहित-विराट के खराब प्रदर्शन को हार का जिम्मेदार मान रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि सिर्फ ये दो खिलाड़ी ही नहीं बल्कि एक खिलाड़ी ऐसा भी है, जिसका प्रदर्शन सबसे निराशाजनक है। वह सिर्फ इस सीरीज में ही नहीं बल्कि काफी समय से खराब प्रदर्शन कर रहा है।
Border Gavaskar Trophy में खराब प्रदर्शन का असली गुनहगार ये खिलाड़ी
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया के शुभमन गिल को भी मौका मिला था। भारतीय क्रिकेट में उनके बारे में खूब चर्चा होती है कि वे स्टार बल्लेबाज हैं। वे विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर के बाद विरासत को आगे ले जाने वाले खिलाड़ी हैं। यही वजह है कि उन्हें प्रिंस की उपाधि दी जाती है। लेकिन उनका प्रदर्शन कुछ हद तक इन सब बातों से मेल नहीं खाता। वे चेतेश्वर पुजारा की जगह यानी नंबर-3 पर खेल रहे हैं। लेकिन कुछ छोटी पारियों में उनका प्रदर्शन जरूर अच्छा रहा है। लेकिन बाकी सभी चीजों में खराब रहा है। जो बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भी जारी रहा।
विदेशी दौरे पर फ्लॉप रहे शुभमन गिल
खासकर विदेशी दौरों पर शुभमन गिल का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (Border Gavaskar Trophy) में उनके प्रदर्शन पर नजर डालें तो गिल ने 5 पारियों में सिर्फ 93 रन बनाए। चौंकाने वाली बात यह है कि उनका खराब प्रदर्शन सिर्फ ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ही नहीं बल्कि विदेश में भी देखने को मिला है।
इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अब तक विदेश में 13 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 24 पारियों में 649 रन बनाए हैं। उनका औसत 29.50 रहा है। इसके अलावा उनके बल्ले से एक शतक भी निकला है।
सिर्फ 26 की खराब औसत से रन
SENA देशों में 11 टेस्ट मैचों में शुभमन गिल ने 20 पारियों में 26.72 की औसत से सिर्फ 514 रन बनाए हैं, जिसमें दो अर्धशतक शामिल हैं, जो ऑस्ट्रेलिया में उनके पहले टेस्ट दौरे के दौरान आए थे। इसमें ब्रिसबेन में खेली गई 91 रनों की शानदार पारी भी शामिल है, जिसकी मदद से भारत ने सीरीज जीती थी। उस पारी के बाद से वह अगली 13 पारियों में एक भी अर्धशतक नहीं लगा पाए हैं।
ये भी पढ़िए :फोकट में इन 3 बड़े नामों को RCB ने टीम में किया है शामिल, नहीं मिलेगा एक मैच में भी खेलने का मौका