राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) भारतीय टीम के हेड कोच की भूमिका निभा रहे हैं. उनका कार्यकाल पिछले साल ही खत्म हो चुका था, लेकिन, जून में शुरु हो रहे टी20 विश्व कप 2024 के मद्देनजर BCCI ने उनका कॉन्ट्रैक्ट बढ़ा दिया था. इस साल जुलाई में द्रविड़ की विदाई हो सकती है और टीम इंडिया को नया कोच मिल सकता है. वहीं राहुल द्रविड़ के हटने के बाद इन 3 प्लेयर्स का भारतीय टीम में मौका मिलना बंद हो जाएगा जो कोच के चहेते होने का लंबे समय से लाभ उठा रहे थे!
1. केएल राहुल
राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) के कार्यकाल में केएल राहुल को काफी मौके दिए. वह साल 2022 में अपने करियर की बुरी फॉर्म से जुझ रहे थे. उनके प्रदर्शन का ग्राफ दिन पर दिन गिरता चला जा रहा था. जिस पर मौजूदा कोच से पूछा गया था कि उन्हें बुरी फॉर्म के चलते क्यों बाहर नहीं किया जा रहा है.
युवा खिलाड़ी अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. तब द्रविड़ प्रतिक्रिया सामने आई थी कि केएल राहुल हमारे स्टार खिलाड़ी है. इसलिए उन्हें हम मौका देकर सपोर्ट कर रहे हैं. लेकिन, उनके कार्याकल समाप्त होने के बाद लोकेश राहुल के टीम में जगह बनाने के लाले पड़ जाएंगे. क्योंकि धीमी गति से रन बनाने के लिए उन्हें टी20 विश्व कप में नहीं चुना गया.
2. रवींद्र जडेजा
रविंद्र जड़जा टीम इंडिया के स्टार ऑल राउंडरों की लिस्ट में शुमार होते हैं. उन्हें बॉलिंग और बैटिंग करने की वजह से टीम में शामिल किया जाता हैं. लेकिन, जडेजा ने गेंदबाजी के साथ अच्छा प्रदर्शन किया है, मगर बल्ले के साथ फ्लॉप ही नजर आए हैं.
उनकी वजह से शानदार फॉर्म में चल रहे अक्षर पटेल, शिवम दुबे जैसे होनहार प्लेयर्स को मौका नहीं मिल पाता है. वहीं हेड कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) की विदाई के बाद जड्डू मुश्किल में फंस सकते हैं. नए कोच के नेतृत्व में बिना प्रदर्शन किए एकादश में जगह बनाना उनके लिए किसी मील के पत्थर से कम नहीं होगा.
3. शुभमन गिल
इस लिस्ट में तीसरा और आखिरी नाम युवा सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल का है. उनका भारतीय टीम में बतौर ओपनर खेल पाना मुश्किल लग रहा है. बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने उनकी पोजिशन पर कब्जा जमा लिया है. जबकि मध्य क्रम में गिल कोई खास कमाल नहीं दिखा पा रहे हैं.
वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में शामिल किया जहां उनका बल्ला खामौश रहा. इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में फ्लॉप साबित हुए. जबकि साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2 टी20 मैचों में शामिल किया गया जिसमें 0 और 8 रन ही बना सके. खराब प्रदर्शन करने के बावजूद भी इतनी मेहरबानी कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) के कार्यकाल में की गई.