शुभमन गिल (Shubman Gill) मौजूदा दौर में भले ही टीम इंडिया की प्लेइंग 11 में जगह नहीं बना पा रहे हैं लेकिन, भारतीय टीम में इस युवा खिलाड़ी का भविष्य काफी उज्जवल है. वहीं लगातार काफी समय से नजरअंदाज किए जा रहे मयंक अग्रवाल को भी न सिर्फ टीम में बल्कि प्लेइंग इलेवन में भी तवज्जो दिया जा रहा है.
गिल की बात करें तो उन्हें जिस वक्त टीम में चुना गया उस वक्त कतार में कई युवा खिलाड़ी थे. जो रणजी ट्रॉफी में लगातार अपने प्रदर्शन से कहर बरपा रहे थे. लेकिन, उन खिलाड़ियों की अनदेखी हुई और गिल और पृथ्वी शॉ जैसे खिलाड़ियों की टीम में एंट्री हुई. इस समय शॉ टीम से बाहर चल रहे हैं. लेकिन, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें खेलने का अनुभव है.
रणजी ट्रॉफी में कई ऐसे युवा प्लेयर हैं जिनका बल्ला गरज रहा है. लेकिन, उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है. इस रिपोर्ट में आज हम ऐसे 3 खिलाड़ियों की बात करने जा रहे हैं जिनका शुभमन गिल (Shubman Gill) और मयंक की टीम में वापसी से करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो सकता है.
1. प्रियांक पांचाल
शुभमन गिल (Shubman Gill) को जब टीम इंडिया में चुना गया तब ये सवाल उठा कि आखिर गुजरात के सलामी बल्लेबाज प्रियांक पांचाल (Priyank Panchal) को अच्छे प्रदर्श के बाद क्यों मौका नहीं दिया गया. बीते कुछ सालों से ये बल्लेबाज कमाल का प्रदर्शन कर रहे हैं. उम्मीद थी कि इस बेहतरीन प्रदर्शन उन्हें इनाम मिलेगा. लेकिन, ऐसा हुआ नहीं. इन्हें दरकिनार करते हुए सिर्फ एक सीजन खेले गिल को प्राथमिकता दी गई.
श्रीलंका के खिलाफ उन्हें रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम में चुना गया है. लेकिन, प्लेइंग इलेवन में ओपनिंग के तौर पर पहले से ही हिटमैन के पास गिल, मयंक जैसे विकल्प मौजूद हैं. ऐसे में इन खिलाड़ियों के उपलब्ध होते हुए उन्हें प्लेइंग इलेवन में मौका मिलना मुश्किल है. वहीं बात करें पांचाल के फर्स्ट क्लास क्रिकेट रिकॉर्ड की तो काफी शानदार हैं.
उन्होंने अब तक 101 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं और 45.30 की जबरदस्त औसत से 7068 रन बनाए हैं. इस पारी में 24 शतक और 26 अर्धशतक शामिल हैं. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनके नाम नाबाद तीहरा शतक (314) भी दर्ज है. पिछले 13 साल से पांचाल घरेलू क्रिकेट में एक्टिव हैं. लेकिन, इन प्रतिभायों के बावजूद उन्हें अभी तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू करने का मौका नहीं मिला है. ऐसे में ये कहा जा सकता है कि उनका करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो सकता है.
2. अभिमन्यु ईश्वरन
इस लिस्ट में दूसरा बड़ा नाम सलामी बल्लेबाज अभिमन्यु ईश्वरन (Abhimanyu Easwaran) का आता है जो काफी लंबे समय से अपने शानदार प्रदर्शन की वजह से लगातार चर्चाओं में हैं. लेकिन, उन्हें वो मौका नहीं मिल सका है जिसकी तलाश रही है. जब गिल को पहली बार टीम इंडिया में टेस्ट फॉर्मेट के लिए चुना गया था उस वक्त ये संभावना जताई जा रही थी कि ईश्वरन को मौका दिया जाएगा. लेकिन, चयनकर्ताओं ने गिल को टीम में मौका देकर सभी को हैरान कर दिया था.
फर्स्ट क्लास क्रिकेट में ओपनिंग करने वाले इस बल्लेबाज की प्रतिभा किसी से छिपी नहीं है. इसके बावजूद उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया. उन्होंने दिसंबर 2018 के बाद से फर्स्ट क्लास क्रिकेट में बल्ले से तबाही मचा रखी है. उन्होंने इस फॉर्मेट में अब तक कुल 70 मैच खेले हैं और 43 की औसत से 4841 ,रन बनाए हैं. इस पारी में उनके बल्ले से 15 शतक और 20 अर्धशतक निकले हैं. उनके नाम कई दोहरे शतक भी दर्ज हैं.
26 साल के ईश्वरन ने बल्ले से इस फॉर्मेट में भले ही धमाल मचा रखा है लेकिन, शुभमन गिल (Shubman Gill) जैसे सलामी बल्लेबाजों की भारतीय टीम में एंट्री से उनका करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो सकता है.
3. नितीश राणा
इस लिस्ट में सलामी बल्लेबाज नीतीश राणा (Nitish Rana) का भी नाम आता है जिनका फर्स्ट क्लास रिकॉर्ड लगभग अच्छा रहा है. वो अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं और टीम को अच्छी शुरूआत भी देते हैं. 27 साल के राणा काफी लंबे समय से इस फॉर्मेट में एक्टिव हैं.
लेकिन, इसके बावजूद उन्हें नजरअंदाज कर शुभमन गिल और पृथ्वी शॉ जैसे खिलाड़ियों को बीसीसीआई चयनकर्ताओं ने मौका दिया. जिन्होंने डेब्यू के साथ खुद को साबित भी कर दिया है. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने अब तक 41 मैच खेले हैं. जिनमें 41.28 की औसत से उन्होंने 2436 रन बनाए हैं. उनकी इस पारी में 6 शतक और 11 अर्धशतक निकले हैं.
उनका रिकॉर्ड भले ही फर्स्ट क्लास जैसे फॉर्मेट में अच्छा रहा हो. लेकिन, उनसे पहले टीम इंडिया में प्राथमिकता उस समय और आज भी शुभमन गिल (Shubman Gill) जैसे सलामी बल्लेबाजों को दी जा रही है. ऐसे में ये कहा जा सकता है कि राणा का करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो सकता है.