Shoaib Akhtar: पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में से एक माना जाता है। बता दें कि, शोएब अख्तर अपने समय में सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, ब्रायन लारा, रिकी पोंटिंग जैसे बल्लेबाजों के खिलाफ गेंदबाजी कर चुके हैं। पाक के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ अपने सबसे यादगार मैच को याद किया। अख्तर ने साल 1999 में पर्थ में खेले गए टेस्ट में पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग के साथ शानदार मैच पर टिप्पणी की।
Shoaib Akhtar ने रिकी पोंटिंग के खिलाफ हुई लड़ाई को याद किया
शोएब अख्तर ने सिडनी मार्निंग हेराल्ड के साथ बात करते हुए अपने उस बालिंग स्पेल को याद किया और कहा,
"मैं मैदान पर आक्रामक मानसिकता के साथ किसी को चोट पहुंचाने के इरादे से उतरता था। मैंने आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को जानबूझकर बाउंसर फेंकी। उस टेस्ट के दौरान मैंने सोचा कि अगर कुछ नहीं हो रहा है तो चलो किसी को चोट पहुंचाते हैं और इस वजह से मैंने सबसे तेज स्पेल फेंकी। मैं देखना चाहता था कि क्या रिकी पोंटिंग मेरे पेस के साथ मेल खा सकते हैं और मैं जानबूझकर बाउंसर फेंक रहा था। मैं ये देखना चाहता था कि क्या मैं उसे हरा सकता हूं क्योंकि इससे पहले मैंने उसे अपनी तेज गति से कभी नहीं हराया था।"
'अगर वहां रिकी पॉन्टिंग नहीं होते …': Shoaib Akhtar
अख्तर को अपनी गति पर इतना यकीन था कि उन्होंने ये तक कह दिया कि अगर क्रीज पर पोंटिंग के अलावा कोई और बल्लेबाज होता तो वो उसे गंभीर चोट पहुंचा सकते थे। उन्होंने कहा,
"अगर वहां रिकी पोंटिंग नहीं होते तो मैं बल्लेबाज का सिर फोड़ देता क्योंकि गेंद बहुत तेज थी। वो वहां ग्लैडिएटर चाहते थे। आजकल वो बहुत सॉफ्ट हैं। मुझे नहीं लगता कि आक्रामकता अब उतनी है। मुझे नहीं पता क्यों। मैं इयान चैपल की तरह पुरानी सोच का हूं। मुझे असीमित बाउंसर चाहिए। बॉडीलाइन गेंदबाजी की अनुमति दी जानी चाहिए। क्यों नहीं? मुझे कुछ चरित्र चाहिए। मैं ब्रेट ली के साथ सबसे अच्छा दोस्त रहा हूं और मैं रिकी पोंटिंग का सम्मान करता हूं। "
Shoaib Akhtar ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को लेकर कहा
शोएब अख्तर का मानना है कि भले ही वो घातक बाउंसरों के साथ मैच के दौरान अपने बल्लेबाजों को चोट पहुंचाने की आक्रामक मानसिकता के साथ गए लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम ने उनके ‘ऑस्ट्रेलियाई रवैये’ को अपनाया। अख्तर ने कहा,
“वो मेरी आक्रामकता से प्यार करते थे क्योंकि उन्हें लगता है कि मैं एक पाकिस्तानी हूं, जिसमें एक ऑस्ट्रेलियाई जैसा रवैया है। 2005 की सीरीज में, मेरे और लैंगर के बीच लड़ाई हो गई। मेरे और हेडन के बीच लड़ाई हो गई। ये बातचीत की लड़ाई थी, हाथ-पैर की नहीं। मैं अपनी प्रतिभा दिखाना चाहता था और दिखाना चाहता था कि मैं तुमसे बेहतर हूं।”