शेफाली वर्मा के पिता ने किया खुलासा, कैसे हुआ उनके लिए खतरनाक महिला गेंदबाजों का सामना करना आसान

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Sonam Gupta
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Shafali Verma

इंग्लैंड की महिला क्रिकेट टीम के सामने डेब्यू करते हुए ऐतिहासिक पारी खेलने वाली शेफाली वर्मा (Shafali Verma) आज चर्चा का बड़ा विषय हैं। उनकी 96 रनों की पारी ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया और आज सभी शेफाली के बारे में ही बातें कर रहे हैं। इस बीच शेफाली के पिता संजीव वर्मा ने शेफाली की सफलता के लिए रणजी खिलाड़ियों के साथ ट्रेनिंग करने को श्रेय दिया।

Shafali Verma को मिली मदद

Shafali Verma

भारत की महिला सलामी बल्लेबाज Shafali Verma ने इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू मैच में 96 रनों की विस्फोटक पारी खेली, जिसमें उन्होंने 13 चौके व 2 छक्के लगाए। इंग्लैंड की परिस्थितियों में जिस आक्रामकता के साथ शेफाली की बल्लेबाजी ने सभी को हैरान कर दिया। अब 17 वर्षीय खिलाड़ी के पिता संजीव वर्मा ने उनकी सफलता के बारे में आईएनएएस से बात की। उनका मानना है कि उन्होंने 135-140 किलोमीटर वाली गेंदबाजी का सामना किया है, इसलिए उन्हें महिला गेंदबाजों का सामना करने में मदद मिली। उन्होंने कहा,

“मैं इस बात से खुश हूं कि उसके रनों ने भारत के कुल स्कोर में योगदान दिया और टीम को अच्छी शुरुआत दी। मुझे पूरा विश्वास था कि वह टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन करेगी। मुझे आश्चर्य नहीं है क्योंकि उसने हरियाणा राज्य के रणजी ट्रॉफी क्रिकेटरों के साथ ट्रेनिंग ली है। वे लोग 135-140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं। महिला क्रिकेट स्तर पर, डिलीवरी की गति 100-110 किमी प्रति घंटे होती है। इसलिए, स्वाभाविक रूप से, उन्हें महिला क्रिकेट में गेंदबाजी का सामना करना आसान लगेगा। आप देख सकते हैं कि जिस तरह से उसने नई गेंद के सामने गेंदबाजों का सामना किया।"

कुछ इस तरह शेफाली बनीं आक्रामक बल्लेबाज

भारत की महिला क्रिकेट टीम की सलामी बल्लेबाज Shafali Verma को उनकी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए ही जाना जाता है। अब उनके पिता ने खुलासा किया कि वह किस तरह अपने बेटे व बेटी के बीच कॉम्पटीशन कराते थे और उससे शेफाली एक आक्रामक बल्लेबाज बनीं।

 "जिस प्रक्रिया के माध्यम से मैंने एक बच्चे के रूप में उसमें छह-छह मारने की क्षमता पैदा की, वह उसके पूरे करियर में मदद कर रही है। उन चीजों में से एक जिसने उसे हमलावर सांचे में आने में मदद की, वह एक ड्रिल थी जिसे हमने एक साथ किया था। मैं सुबह 11 बजे के बाद एक अजीब समय चुनता और उसे और मेरे बेटे साहिल को पिच पर ले जाता। मैंने यह सुनिश्चित करने के लिए विषम समय चुना कि कोई भीड़ न हो। हम में से प्रत्येक को छह गेंदों का सामना करना होगा और जो कोई भी सबसे अधिक छक्के या चौके लगाएगा उसे 5 रुपये और कभी-कभी 10 रुपये का इनाम मिलेगा।"

शेफाली ने खुद भी बताया था ये राज

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की सलामी बल्लेबाज Shafali Verma ने अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के बारे में बात करते हुए खुलासा किया था कि

"मेरा भाई और मैं जब जाते थे तो हमारे बीच कॉम्पीटीशन होता था कि कौन ज्यादा छक्के मारेगा। जीतने वाले को 10-15 रुपए मिलते थे। उस 10-15 रुपए के इनाम के लिए मैं बहुत छक्के मारती थी। अगर मैं यहां अच्छा खेल पा रही हूं तो मैंने इसके लिए मेहनत की है अपनी हिटिंग पर।"

टीम इंडिया भारत बनाम इंग्लैंड शेफाली वर्मा