जब सचिन तेंदुलकर को विराट कोहली और युसूफ पठान से करनी पड़ी थी गुजारिश

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पाकस
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2011 विश्व कप जो भारत में खेला गया था. उस विश्व कप के बारे में जब भी भारतीय लोग याद करते हैं तो दो ही बातें सबसे ज्यादा याद आती हैं. पहला महेंद्र सिंह धोनी का लगाया गया वो छक्का, जिससे भारत ने विश्व कप में जीत दर्ज की और दूसरा वो जब टीम के अन्य खिलाड़ियों ने सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को अपने कंधे पर उठा लिया था. वैसे इस पूरे टूर्नामेंट में एक और मजेदार घटना घटी थी. जब मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को विराट कोहली और यूसुफ पठान से खास गुजारिश करनी पड़ी थी. जी हां सचिन तेंदुलकर ने खुद इस बात का खुलासा किया है.

कोहली और पठान ने जब सचिन को कंधे पर उठा लिया था

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भारत के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में भारत ने 2011 में पूरे 28 साल बाद विश्व कप का ख़िताब अपने नाम किया था. उससे पहले इंडिया ने 1983 में विश्व कप जीता था. सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) का वो अंतिम विश्व कप भी था. जिन्होंने दो दशक तक भारतीय क्रिकेट को ऊँचाइयों पर ले जाने का काम किया था. उनके लिए यह जीत बहुत ही ज्यादा खास थी. साथी खिलाड़ियों ने भी इसे बहुत ही ज्यादा खास बना दिया. फाइनल मैच में जीत दर्ज करने के बाद युवा विराट कोहली, यूसुफ पठान और सुरेश रैना ने उन्हें अपने कंधे पर उठा लिया था.

देखो मुझे गिराना नहीं : Sachin Tendulkar

Team India

2011 के विश्वकप के फाइनल में जीत दर्ज करने के बाद जब विराट कोहली, विराट कोहली और यूसुफ पठान ने Sachin Tendulkar को अपने कंधे पर उठा लिया था. तब सचिन थोड़ा डर गए थे और उन्होंने इन खिलाड़ियों से खास गुजारिश भी कर दी थी. उन्होंने हाल में एक यूट्यूब शो में इस बात को याद करते हुए दोनों खिलाड़ियों से जो कहा था उसके बारे में बताया. सचिन ने बताया कि, " मुझे आज तक याद है, जब उन दोनों ने मुझे कंधे पर उठा लिया था. इसके बाद मैंने उन दोनों से कहा था कि मुझे गिरा मत देना. यह विश्व कप सिर्फ हमने नहीं जीता है, बल्कि यह पूरे देश की जीत है."

विश्व कप का सबसे यादगार लम्हा था

सचिन तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने उस दिन के बारे में बात करते हुए कहा -

" 2011 में विश्व कप विजेता बना हम सभी के लिए बहुत खास था. उसके बाद तो जब मुझे कंधे पर उठाया गया, वो मेरे लिए सबसे यादगार लम्हा रहा. बहुत ही कम समय होता है जब पूरा देश एक साथ जश्न मनाता है. मुंबई के वानखेड़े मैदान पर जो कुछ भी घटित हुआ वो पूरे देश के लिए शानदार लम्हा रहा. सभी देशवासियों ने इसका सपना देखा था. यह मेरे करियर का सबसे अच्छा दिन था. जब कपिल देव को 1983 में विश्व कप उठाते देखा था तब मैंने भी फैसला किया था कि यही करूंगा."

2011 विश्व कप की बात करें तो सचिन ने अपने नाम के अनुरूप ही प्रदर्शन किया था.  Sachin Tendulkar ने 9 मैचों में 2 शतक और 2 अर्धशतक के साथ ही 482 रन बनाए थे. साथ ही उनका औसत 53.55 का और सर्वोच्च स्कोर 120 रहा. जो किसी भी भारतीय का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा. उनसे आगे सिर्फ श्रीलंका के तिलकरत्ने दिलशान ही रहे जिन्होंने टूर्नामेंट में 500 रन बनाए थे.

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