Sachin Tendulkar: भारत और ऑस्ट्रेलिया (IND vs AUS) के बीच 3 वनडे मैचों की सीरीज खेली जा रही है. इस सीरीज के दो मुकाबले खेले जा चुके हैं. जिसमें दोनों टीमें 1-1 से सीरीज पर बढ़त बनाए हुए हैं. विशाखापट्टनम में खेले गए दूसरे मैच में टीम इंडिया को अपने शर्मनाक प्रदर्शन की वजह से 10 विकेटों से हार का सामना करना पड़ा था.
इस हार के बाद टीम खिलाड़ियों पर सवाल उठाए जा रहे थे कि टी20 के दौर में वह एकदिवसीय क्रिकेट में खेलना ही चाहते. वहीं टीम इंडिया के दिग्गज खिलाड़ी ने संचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने ODI प्रारूप को रोमांचित बनाने के लिए अहम सुझाव दिया जो कि जडेजा को पसंद नहीं आया. उन्होंने सचिन के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.
Sachin Tendulkar ने वनडे प्रारूप पर रखा अपना पक्ष
इन दिनों जिस तरह से वनडे क्रिकेट खेला जा रहा है. लोगों नें ज्यादा रूची लेनी छोड़ दी है. क्योंकि टी20 के विशेष प्लेयर अपना बेस्ट नहीं पा रहे हैं. सूर्यकुमार इस फॉर्मेंट में पिछली पारियों में गोल्डन डक का शिकार हो चुके हैं. फैंस को यह फॉर्मेट बोरिंग लगने लगा है. लेकिन क्रिकेट के किंग सचिन तेंदुलकर संचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने इस बहस में अपनी राय जोड़ी कि कैसे एकदिवसीय क्रिकेट को फिर से दिलचस्प बनाया जा सकता है. उन्होंने स्पोर्ट्स तक से बातचीत करते हुए कहा कि
''50 ओवर के प्रारूप को आकर्षक टी20 प्रारूप के पक्ष में और पारंपरिक टेस्ट क्रिकेट को संरक्षित करने के लिए तेजी से त्याग दिया जा रहा है एकदिवसीय मैच का एक बड़ा हिस्सा बोरिंग लगने लगा है. इसे रोमांचित बनाने के लिए40 ओवर के साइड गेम तक कम करना शामिल है. दो नई गेंदों (प्रति पारी) की अवधारणा ने एक तरह से रिवर्स स्विंग को खत्म कर दिया है. इस लिए 50 ओवर का प्रारूप 'गेंदबाजों पर भारी' है.''
अजय जडेजा ने मजाकिया अंदाज में किया पटलवार
अजये जडेजा (Ajay Jadeja) ने क्रिकबज पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए पहले दो वनडे मैचों के प्रदर्शन पर खुलकर बात की. दोनों टीमों के बीच 3 मैचों की श्रृंखला 1-1 की बराबरी पर है. दिलचस्प बात यह रही कि दोनों ही टीमें 40वें ओवर से पहले ऑल आउट हो गई हैं. जिसपर जडेजा ने सचिन के बयान पर मजाकिया अंजाद मे पलटवार करते हुए कहा,
"तेंदुलकर साहब ने कहा कि 15-40 ओवर की अवधि बोरिह हो रही है, इन लोगों (भारत और ऑस्ट्रेलिया) की टीमों ने कहा कि हम 40वें ओवर तक भी नहीं खेलेंगे."
अजये जडेजा (Ajay Jadeja) ने आगे बात करते हुए अपना चर्चा नें आगे कहा,
''एक खास पीढ़ी के लोगों को याद होगा कि यह एक दिवसीय क्रिकेट एक समय बिना 30 गज के घेरे के हुआ करता था. आप सभी नौ क्षेत्ररक्षकों को बाउंड्री पर भेज सकते हैं. यह उबाऊ और बोरिंह हो गया इसलिए सर्कल की अवधारणा को लाया गया और फिर ऑस्ट्रेलिया में परिस्थितियों की भरपाई के लिए दो नई गेंदों को लाया गया जो इस प्रारूप को काफी अलग बनाता है."