भारतीय क्रिकेट के वो दो सितारे जिनको किसी भी तरह की परिचय की जरुरत नहीं है। इन दोनों ही खिलाड़ियों के दम पर भारतीय क्रिकेट को एक नई पहचान मिली है। सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और वीरेन्द्र सहवाग (Virendra Sehwag) की बल्लेबाजी के दम पर भारत ने बहुत से मैचों को बहुत ही आसानी से जीत लिया था। वैसे एक मजेदार बात है कि जब वीरेंद्र सहवाग पहली बार मैदान पर उतरे तो उन्हें अगला सचिन तेंदुलकर कहा गया।
ऐसा इसलिए नहीं कि लोगों ने सोचा था कि वह तेंदुलकर जितना अच्छा खेलने जा रहे हैं, बल्कि इसलिए कि उनका और सचिन दोनों का कद छोटा था और उन दोनों की बल्लेबाजी शैली भी कुछ हद तक एक जैसी ही थी। क्योंकि दोनों ही दाएं हाथ से खेलना पसंद करते थे और स्पिनरों के खिलाफ कुछ ज्यादा ही आक्रामक हो जाते थे। आज हम इन दोनों दिग्गजों के बीच कुछ समानताओं की बात करेंगे।
Sachin Tendulkar और Virendra Sehwag के बीच हैं यह 5 मुख्य समानताएं
1. पहले आईपीएल मैच में बनाए समान रन
Sachin Tendulkar आईपीएल 2008 में मुंबई इंडियंस के लिए आइकन खिलाड़ी थे, जो आईपीएल का पहला सीजन था। वहीं वीरेंद्र सहवाग ने उस टूर्नामेंट में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए प्रदर्शन किया था और दोनों ने संयोग से इंडियन प्रीमियर लीग में अपने पहले मैच में सिर्फ 12 रन ही बनाए थे। इन दोनों बल्लेबाजों ने अपनी-अपनी टीमों के लिए बल्लेबाजी की शुरुआत की थी।
2. टेस्ट क्रिकेट में समान दोहरे शतक
Sachin Tendulkar ने हमेशा टेस्ट क्रिकेट में एक शांत स्वाभाव के साथ बल्लेबाजी की, लेकिन सहवाग खेल के सबसे लंबे प्रारूप में भी गेंदबाजों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने से कभी भी नहीं कतराते थे। इसीलिए अधिकांश क्रिकेट पंडितों को लगता था कि सहवाग बहुत बड़ी पारियां खेलने में सक्षम नहीं होंगे।
लेकिन, फिर भी सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट में बहुत सी उम्दा पारियां खेलीं। उन्होंने टेस्ट में दो बार तिहरा शतक जड़ कर सभी की जुबान पर टला लगा दिया। आपको बता दें की सहवाग और तेंदुलकर, दोनों ने अपने नाम 6 टेस्ट दोहरे शतक लगाकर खेल को अलविदा कह दिया।
3. कोलंबो में बनाया पहला वनडे शतक
Sachin Tendulkar ने 1994 में कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला एकदिवसीय शतक बनाया और सहवाग को भी कोलंबो में एकदिवसीय क्रिकेट में पहली बार तीन अंकों का आंकड़ा मिला। हालांकि उन्होंने इसे कोलंबो के एक अलग स्टेडियम में हासिल किया था। सहवाग ने 2001 में सिंहली स्पोर्ट्स क्लब में अपना पहला एकदिवसीय शतक बनाया और विपक्षी न्यूजीलैंड था। सहवाग ने उस मैच में अपना शतक पूरा करने के लिए सिर्फ 70 गेंदों का सामना किया था।
4. नंबर 6 पर बल्लेबाजी करते हुए बनाया पहला टेस्ट शतक
1990 में जब तेंदुलकर ने इंग्लैंड के ओल्ड ट्रैफर्ड में अपना पहला टेस्ट शतक बनाया, तब वह नंबर 6 पर बल्लेबाजी कर रहे थे। उस समय भारत के पास पहले से ही कुछ महान खिलाड़ी थे जो शीर्षक्रम में बल्लेबाजी कर रहे थे और Sachin Tendulkar उस समय बहुत ही युवा खिलाड़ी थे।
इसीलिये उनको निचले क्रम में बल्लेबाजी का मौका दिया जाता था। काफी समय बाद सचिन को चौथा नंबर दिया गया। सहवाग के साथ भी ऐसा ही हुआ था, क्योंकि वह भी नंबर छह पर थे। अपने टेस्ट करियर की शुरुआत में ब्लोमफ़ोन्टेन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना पहला टेस्ट शतक नंबर 6 पर बल्लेबाजी करते हुए ही बनाया।
5. एकदिवसीय क्रिकेट में एक-एक दोहरा शतक
Sachin Tendulkar न केवल भारत के लिए बल्कि सभी देशों के बीच एकदिवसीय क्रिकेट में दोहरा शतक बनाने वाले पहले खिलाड़ी बने। उन्होंने यह जादुई आंकड़ा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2010 में ग्वालियर में हासिल किया था। इस उपलब्धि के ठीक एक साल बाद वीरेंद्र सहवाग ने इंदौर में वेस्टइंडीज के खिलाफ भी एक दिलचस्प दोहरा शतक जड़ दिया। हालांकि सहवाग ने तेंदुलकर से ज्यादा रन बनाए थे। वीरेंद्र के बल्ले से निकले 219 रन कुछ समय के लिए एकदिवसीय क्रिकेट में सर्वोच्च स्कोर बना रहा। आपको बता दें कि सहवाग उस मैच में एमएस धोनी की गैरमौजूदगी में भारत की कप्तानी भी कर रहे थे।