SA vs BAN: साउथ अफ्रीका और बाग्लादेश के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला किंग्समिड डरबन में खेला गया. इस मुकाबले को साउथ अफ्रीका की टीम ने 220 रन से जीत लिया. अफ्रीका ने इस सीरीज पर 1-0 से बढ़त बना ली है. इस सीरीज में खराब अंपायरिंग देखने को मिली. पहले मुकाबले में एक नहीं बल्कि आठ फैसले पलटे गए. और ये सारे के सारे फैसले बाग्लादेश के खिलाफ गए. जिससे की बाद बांग्लादेश टीम के निदेशक खालिद महमूद ने नाराजगी जाहिर की है.
SA vs BAN: पहले टेस्ट मैच दिखी खराब अंपायरिंग
https://twitter.com/niloy_himu/status/1510670463193731080
साउथ अफ्रीका और बांग्लादेश के बीच सीरीज पहला टेस्ट मैच खेला गया. जिसमें अंपायरों की खराब अंपायरिंग देखने को मिली. पहले मुकाबले में 8 बार अंपायरों को अपना फैसले पलटने के लिए मजबूर होना पड़ा. ये सारे फैसले मेहमान टीम बाग्लादेश के खिलाफ रहे. अगर फैसले बांग्लादेश के पक्ष में गए होते, तो टीम को 270 का नहीं बल्कि 180 का पीछा करना पड़ता.
खराब अंपायरिंग के चलते मेहमान टीम बाग्लादेश को अंपायर के फैसले को चुनौती देने के लिए कई बार रिव्यू का साहरा लेना पड़ा. जिसमें कई बार 'अंपायर कॉल' के कारण ऑन-फील्ड अंपायर के फैसले को सही करार दे दिया गया. इसमें कई खिलाड़ी ऐसे थे जो साफ तौर पर आउट नजर आ रहे थे . जिसमें होल्डस्टॉक और सरेल इरवी नोट आउट दिया. जबकि साफ तौर पर पता लगा था कि बल्लेबा आउट है.
SA vs BAN: बांग्लादेश के चयनकर्ता ने खराब अंपायरिंग पर जताई चिंता
पहले टेस्ट मैच में जिस तरह की अंपायरिंग देखने को मिली, उस पर नाराज होना ही बनता है. साउथ अफ्रीका में खराब अंपायरिंग का सिलसिला पहली बार नहीं है. इससे पहले जब टीम इंडिया साउथ अफ्रीका दौरे पर गई थी. तब भी खराब अंपायरिंग देखने को मिली थी. विराट कोहली ने स्टंप माइक पर जाकर थर्ड अंपायर को खरी-खरी सुनाई थी. जिस पर साउथ अफ्रीका ने विरोध दर्ज कराया था. वहीं बांग्लादेश के चयनकर्ता हबीबुल बशर Habibul bashar ने खराब अंपायरिंग पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. हबीबुल बशर ने कहा कि
"मैं शाकिब से पूरी तरह सहमत हूं. कोविड प्रोटोकॉल खत्म हो गए हैं, इसलिए हमें न्यूट्रल अंपायरों के पास वापस जाना चाहिए. अंपायर गलतियां करते हैं लेकिन निश्चित रूप से न्यूट्रल अंपायर सुनिश्चित करते हैं कि सभी को फायदा मिले. हमने इस सीरीज में ऐसा नहीं देखा है. डीआरएस निश्चित रूप से मददगार है लेकिन अंपायर का फैसला वास्तव में हमारे पक्ष में नहीं जा रहा है".