विराट-राहुल को छोड़ इस खिलाड़ी को रोहित ने दे रखी है पूरी छूट, अपनी मनमानी से लेता है DRS

author-image
Pankaj Kumar
New Update
विराट-राहुल को छोड़ इस खिलाड़ी को रोहित ने दे रखी है पूरी छूट, अपनी मनमानी से लेता है DRS

Rohit Sharma: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में भारत 2-0 की लीड ले चुका है. पिछले दो टेस्ट मैचों में डीआरएस की काफी महत्वपूर्ण भूमिका देखी गई है. भारत की तरफ से कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने कई मौकों पर डीआरएस लिए हैं जो काफी सही साबित हुए हैं और टीम इंडिया को कप्तान के लिए इन फैसलों से पिछले दोनों टेस्ट मैच जीतने में काफी सहायता मिली है. लेकिन हिटमैन (Rohit Sharma) डीआरएस का निर्णय टीम के सबसे युवा खिलाड़ी से बिना पूछे नहीं लेते. इस बात का खुलासा खुद उस खिलाड़ी ने ही किया है.

इस खिलाड़ी से सलाह लेते हैं कप्तान

India vs Australia, 1st Test: Indian Wicketkeeper KS Bharat Gets Emotional on Debut Outing

भारतीय कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने जब भी पिछले दो टेस्ट मैचों में डीआरएस लिया है तो  विकेटकीपर श्रीकर भरत (Srikar Bharat) की सलाह जरुर ली है. भरत (Srikar Bharat) ने खुद इस बात का खुलासा किया है. केएस भरत ने कहा, 'कप्तान रोहित शर्मा ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान डीआरएस कॉल पर अपने विचार रखने की सलाह दी है. पिछले दोनों टेस्ट मैचों में डीआरएस लेने से पहले उन्होंने मुझसे जरुर पूछा.'

नागपुर में किया था डेब्यू

Super Sub' KS Bharat impresses one and all, Saha has competition for second keeper's slot | Cricket News - Times of India

श्रीकर भरत (Srikar Bharat) ने नागपुर टेस्ट से अपने टेस्ट करियर का आगाज किया था. पिछले दो टेस्ट मैचों में भरत ने 4 कैच लपके हैं जबकि एक स्टंपिंग की है. हालांकि भरत दोनों ही टेस्ट मैचों में बल्ले से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके हैं. युवा विकेटकीपर को दो टेस्ट मैचों के दौरान 3 पारियों में बल्लेबाजी का मौका मिला जिसमें वे 8, 6 और नाबाद 23 रन बना पाए हैं.

क्या होता है DRS?

What is DRS (Decision Review System) in Cricket

डीआरएस (DRS) यानी डिसीजन रिव्यू सिस्टम, इस सिस्टम ने क्रिकेट को पहले से अधिक रोमांचक बना दिया है. अगर टीम या कोई बल्लेबाज या गेंदबाज फिल्ड अंपायर के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं तो फिर वो DRS ले सकते हैं. इसके बाद थर्ड अंपायर तकनीक की मदद उस फैसले पर विचार करता है.

थर्ड अंपायर फिल्ड अंपायर के फैसले को बदल सकता है. और अक्सर ऐसा होते हुए भी देखा गया है. अगर कोई खिलाड़ी सटीक डीआरएस लेने में सफल रहता है तो इससे मैच के परिणाम पर असर पड़ता है. भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को डीआरएस का उस्ताद कहा जाता था. वे हमेशा सटीक डीआरएस लेते थे. इसी वजह से डीआरएस को धोनी रिव्यू सिस्टम भी कहा जाने लगा था.

ये भी पढ़ें- “उसका होने ना होने से टीम में फर्क नहीं पड़ता”, केएल राहुल को प्लेइंग-XI में शामिल करने पर रोहित शर्मा ने तोड़ी चुप्पी, दे बैठे विवादित बयान

Rohit Sharma ind vs aus Srikar Bharat