Shubman Gill : युवा कप्तान शुभमन गिल की कप्तानी में टीम इंडिया जिम्बाब्वे के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज खेल रही है। अब तक 3 मैच खेले जा चुके हैं, जिसमें टीम इंडिया लगातार 2 जीत के साथ आगे है। दोनों टीमें सीरीज के चौथे मैच में 13 जुलाई को आमने-सामने हैं। इस मैच में भारतीय टीम मैनेजमेंट ने बड़ा ही अजीब फैसला लेते हुए एक शानदार खिलाड़ी को बेंच पर बैठा दिया।
हैरानी की बात ये है कि इस खिलाड़ी का प्रदर्शन सीरीज में अच्छा रहा है। लेकिन इसके बावजूद उसे प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं दिया जा रहा है, जिसके बाद तो ये संभावनाएं जताई जाने लगी हैं कि गिल के फैसलों की वजह से पंत के इस करीबी भाई का करियर खत्म हो गया है। कौन है ये खिलाड़ी जानते हैं।
Shubman Gill की वजह से पंत के भाई के करियर पर लगा ग्रहण
- मालूम हो कि शुभमन गिल (Shubman Gill) की कप्तानी वाली टीम इंडिया में मुकेश कुमार को भी मौका दिया गया है।
- उन्हें पहले दो मैचों में प्लेइंग 11 में शामिल भी किया गया. लेकिन तीसरे और चौथे मैच से उन्हें ड्रप कर दिया गया है।
- उन्हें नजरअंदाज करने की वजह समझ से परे है। क्योंकि इस दौरे पर मुकेश का प्रदर्शन शानदार रहा है।
- साथ ही उन्हें बतौर गेंदबाज अंतरराष्ट्रीय अनुभव भी है। ऐसे में उन्हें किस आधार पर बेंच पर बैठाया गया है। ये समझ से परे है।
मुकेश कुमार को आगेे मौका मिलना भी मुश्किल
- मुकेश कुमार को पहले दो मैचों में चुना गया था, जहां उन्होंने 4 विकेट लिए थे। पहले मैच में वे काफी किफायती गेंदबाज रहे थे।
- उन्होंने सिर्फ 16 रन देकर 1 विकेट भी लिया था। आंकड़ों से समझा जा सकता है कि मुकेश एक बेहतरीन गेंदबाज हैं।
- लेकिन फिर उन्हें शुभमन गिल (Shubman Gill) की कप्तानी में मौका क्यों नहीं दिया जा रहा है।
- यह समझ से परे है। मुकेश की जगह तुषार देशपांडे को चुना गया है। हालांकि अगर आईपीएल में तुषार के प्रदर्शन को देखें तो वह भी काफी खराब है। लेकिन इसके बावजूद उनका डेब्यू कराने का कप्तान का फैसला हैरान कर देने वाला है।
- क्योंगि गिल के इस एक फैसले से मुकेश कुमार का करियर दांव पर लग सकता है, शायद वो अब टीम इंडिया में वापसी भी नहीं कर सकें। क्योंकि भारतीय टीम के पास टैलेंट की कमी नहीं हैं और सीनियर खिलाड़ियों की वापसी के बाद उनके लिए जगह बनाना मुश्किल होगा।
तुषार देशपांडे को मौका देना समझ से परे
- अगर तुषार देशपांडे को सिर्फ युवा खिलाड़ी के तौर पर आजमाने के लिए चुना गया है तो यह पूरी तरह से गलत फैसला है।
- क्योंकि चौथा मैच टीम इंडिया के लिए सीरीज 3-1 से जीतने का बेहतरीन मौका था।
- अगर भारत चौथी सीरीज जीत जाता तो पांचवां मैच महज औपचारिकता का खेल होता।
- ऐसे में यहां किसी भी खिलाड़ी को आजमाया जा सकता था।
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