Rishabh Pant: टीम इंडिया को नवंबर में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है। इससे पहले जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी। उस दौरान भारत ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी, वो भी तब जब मैच में विराट कोहली, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और आर अश्विन जैसे कई दिग्गज खिलाड़ी मौजूद नहीं थे।
तब ऋषभ पंत ने रन चेज करते हुए जीत हासिल की थी। ब्रिसबेन के गाबा में खेली गई उनकी पारी को लंबे समय तक याद रखा जाएगा। पंत ने अब अपने उस प्रदर्शन को लेकर बयान दिया है। साथ ही रोहित शर्मा द्वारा कहे गए शब्द भी उन्होंने बताए हैं
Rishabh Pant ने बताया कि रोहित शर्मा ने गाबा टेस्ट के बाद क्या कहा
आपको बता दें कि विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत (Rishabh Pant) की इस पारी को कुछ समय पहले तक याद नहीं किया गया था। लेकिन रोहित शर्मा के कहने के बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया में खेली गई उनकी 89 रनों की पारी की अहमियत समझ में आई। उन्होंने बताया कि फैंस क्यों दीवाने हो गए थे।
"भारत के लिए मुश्किल टेस्ट जीतने की संतुष्टि" पंत
ऋषभ पंत (Rishabh Pant) ने कहा, 'कभी-कभी, ऐसा प्रदर्शन होता है जिसे आप जीवन भर याद रखते हैं और मेरे लिए गाबा टेस्ट उनमें से एक है।' शुरुआत में पंत के लिए यह भारत के लिए मुश्किल टेस्ट जीतने की संतुष्टि थी लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, उन्हें अपनी उपलब्धि का महत्व समझ में आया जिसके बारे में रोहित ने उन्हें बताया। उस समय मुझे एहसास नहीं हुआ कि यह कितना महत्वपूर्ण है। रोहित भाई वहां थे और उन्होंने मुझसे कहा, 'तुम्हें नहीं पता कि तुमने क्या किया है।' मैंने पूछा, 'मैंने क्या किया है? मेरा लक्ष्य केवल मैच जीतना था।'
पंत ने आगे कहा कि रोहित भाई ने कहा तुम्हें बाद में समझ आएगा कि तुमने क्या किया है। जब भी मैं लोगों को गाबा मैच के बारे में बात करते हुए सुनता हूं, तो मैं समझ जाता हूं कि उनका क्या मतलब था और यह कितना महत्वपूर्ण था।
टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को 3 विकेट से हराया
गौरतलब है कि भारत के पास केवल 10 खिलाड़ी बचे थे। क्योंकि कोविड नियम के तहत आखिरी टेस्ट के लिए जसप्रीत बुमराह की जगह एक ट्रैवलिंग नेट बॉलर टी नटराजन को टीम में शामिल करना पड़ा। विराट कोहली भी उपलब्ध नहीं थे। सिर्फ वह ही नहीं, बल्कि केएल राहुल और रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, मोहम्मद शमी और उमेश यादव जैसे तीन मुख्य गेंदबाजों को चोटिल होने के वजह से शामिल नहीं किया गया।
लेकिन इसके बावजूद भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उस मैदान पर तीन विकेट से हरा दिया, जिसे मेजबान टीम का किला माना जाता था। क्योंकि 1989 के बाद से कंगारू वहां एक भी मैच नहीं हारे थे। यह 328 रनों का पीछा था और ऋषभ पंत (Rishabh Pant) का जवाब न सिर्फ मैच को परिभाषित करने वाला था। यह प्रतिकूल विदेशी परिस्थितियों में किसी भारतीय द्वारा की गई सबसे बेहतरीन पारियों में से एक थी।