भारतीय टीम के पूर्व फील्डिंग पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर (R Sridhar) ने ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को लेकर बड़ा खुलासा किया. पंत आगामी टी20 विश्व कप में शामिल किए जाने पर फैंस के बीच सुर्खियों में बने हुए. हालांकि ऋषभ एशिया कप में अपनी बल्लेबाजी से कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाए. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अगर उन्हें टी20 विश्व कप में टीम इंडिया की प्लेइंग-11 में मौका मिलता है तो वह किस तरह का प्रदर्शन करेंगे. वैसे पंत ने अपनी बैटिंग साथ-साथ विकेटकीपिंग में भी काफी सुधार किया है. जिस पर आर श्रीधर ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है.
इस वजह से Rishabh Pant छोड़ दी थी बैटिंग प्रैक्टिस
भारतीय टीम के सबसे युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत (Rishabh Pant) अपनी फिटनेस को लेकर फैंस के निशाने पर बने रहते हैं. पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी भी उनकी विकेटकीपिंग पर सवालियां निशान खड़े कर चुके हैं. लेकिन, उन्होंने अपनी विकेटकीपिंग स्किल्स पर काफी मेहनत की है. जिस पर पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने क्रिकेट डॉट कॉम से बात करते हुए कहा,
"वह एक विकेटकीपर के रूप में तेजी से सुधार करके ऊपर आए हैं. उन्होंने अपनी विकेटकीपिंग में सुधार करने के लिए काम किया है. मैं उनकी इस यात्रा का एक छोटा सा हिस्सा बनने और उन्हें एक अद्भुत विकेटकीपर के रूप में विकसित होते देखने के लिए बहुत भाग्यशाली था, खासकर उपमहाद्वीप की परिस्थितियों में."
'कीपिंग क्षमता हमेशा सवालों के घेरे में रही'
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले टेस्ट में भारत की खराब बल्लेबाजी और फिर एडिलेड में 36 पर ऑलआउट होने के बाद भारतीय टीम मैनेजमेंट ने रिद्धिमान साहा को ड्रॉप किया और उनकी जगह ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को मौका दिया और पंत के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज उनके करियर के लिए अहम थी.
पंत ने तीसरे टेस्ट में शानदार 97 रन बनाए और गाबा में नाबाद 89 रन की पारी खेली, जिसमें भारत को 2 विकेट से जीत मिली. उसके बाद इस युवा खिलाड़ी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने कई मौकों पर बड़ी पारियां खेलकर टीम में अपनी दावेदारी पेश की है. लेकिन, अपनी खराब विकेटकीपिंग को लेकर काफी चर्चाओं में रहे हैं. जिस पर आर श्रीधर ने (R Sridhar) आगे कहा,
"उनकी कीपिंग क्षमता हमेशा सवालों के घेरे में रही, खासकर टर्निंग ट्रैक पर स्पिनरों के खिलाफ। कोविड आया, उसने घर पर कड़ी मेहनत की, वह आईपीएल में आए और उनके पास एक अच्छा आईपीएल नहीं था, उनकी जगह केएल राहुल ने एक विकेटकीपर के तौर पर ले ली. वह इसे अपने करियर के निर्णायक क्षण के रूप में याद रखेंगे, क्योंकि इससे उन्हें और अधिक मेहनत करनी पड़ी. विपरीत परिस्थितियों में, उन्होंने खुद को बेहतर पाया."