वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल मुकाबले को होने में सिर्फ कुछ ही घंटों का वक्त बाकी है. इस टेस्ट में भारत और न्यूजीलैंड (Ind vs NZ) के बीच जबरदस्त भिड़ंत होने वाली है. इस बार टीम इंडिया में ऋषभ पंत (Rishabh Pant) जैसे धुरंधर विकेटकीपर और बल्लेबाजों की मौजूदगी है. जिन्होंने अपने सामने किसी भी गेंदबाजों को टिकने नहीं दिया है. उन्हें टीम का एक्स फैक्टर बताया जा रहा है. इसी बीच वो अपने एक साथी खिलाड़ी के बयानों के चलते चर्चाओं में बने हुए हैं.
दुनियाभर में विकेटकीपर की हो रही तारीफ
युवा बल्लेबाज और विकेटकीपर ने बीते कुछ महीनों से ऐसी लय पकड़ी है कि, अब उनका बल्ले थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. अच्छे से अच्छे गेंदबाजों को कैसे अपने सामने घुटने पर टेकना है, इसकी रणनीति बनाकर वो मैदान पर बल्लेबाजी करने के लिए उतरते हैं. महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) को भगवान का दर्जा देने वाले इस युवा क्रिकेटर को लेकर नीतीश राणा ने बड़ा खुलासा किया है.
टीम इंडिया के विस्फोटक बल्लेबाज और विकेटकीपर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) अपनी एक पुरानी टिप्पणी के चलते चर्चा में बने हुए हैं. इसके बारे में दोस्त नीतीश राणा (Nitish Rana) ने बताया है. खराब फॉर्म के दौरान वो किस तरह की बातें करते थे इसे लेकर भी कुछ खबरें चर्चाओं में हैं.
मेरा सब कुछ ले लो एमएस भाई से तुलना मत करो
कोलकाता नाइटराइडर्स की तरफ से ओपनिंग करने वाले नीतीश राणा ने हाल ही में इंडिया टीवी से बातचीत करते हुए बताया कि, वो पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को बहुत मानते हैं. वो उनका बेहद सम्मान भी करते हैं. वो भी बताते हैं कि, यदि वो सुबह उठते ही और सोने से ठीक पहले किसी का चेहरा देखना चाहते हैं तो वो एमएस धोनी ही हैं.
लेकिन ऋषभ पंत (Rishabh Pant) ये बात भी कहते हैं कि,
"मुझे ये समझ नहीं आता कि लोग माही भाई से उनकी तुलना किस वजह से करते हैं. जबकि वो खुद को इसके लायक नहीं मानते. वो कहते हैं कि, माही भाई से वो खुद की तुलना नहीं चाहते. उनका बैट और बाकी सब कुछ ले लो. वो खेलना भी नहीं चाहते. लेकिन, बस माही भाई से उनकी तुलना करना बंद कर दो. वो माही भाई को भगवान की तरह मानते हैं".
विकेटकीपर का खुद पर भरोसा उनकी बड़ी ताकत- नीतीश
इस सिलसिले में बातचीत करते हुए नीतीश राणा ने विकेटकीपर की तारीफ में जमकर कसीदे भी पढ़े. इस दौरान उन्होंने एक टिप्पणी के जिक्र करते हुए कहा कि,
"पंत की ताकत ही उनका आत्मविश्वास है. वो किसी भी प्रारूप में खेल रहे हों, तो उनका खुद पर पूरा भरोसा होता है. मुझे याद है कि एक वक्त था जब लोग उनकी आलोचना करते थे. तब वो मुझसे कहते थे कि ‘मैं एक बड़ी पारी से कुछ ही दूरी पर हूं.
जिस दिन मैं वो पारी खेलूंगा. सभी का मुंह बंद हो जाएगा. मुझे विश्वास है कि मैं वो पारी जल्द ही खेलने वाला हूं. अगले ही मैच में पंत ने शतक ठोका. साल 2018-19 के ऑस्ट्रेलिया दौरे की बात थी. इस पारी के बाद पंत ने मुझे फोन किया और कहा, देखो लोग ऐसे ही बदलते हैं. पहले वो क्या कहते थे और अब ऐसा कह रहे हैं.
नीतीश राणा का कहना है कि, ऋषभ पंत (Rishabh Pant) अपनी जिंदगी में बहुत पॉजिटिव रहते हैं और वही उनकी सबसे बड़ी ताकत है.