रिकी पोंटिंग ने आईपीएल को दिया बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में मिली जीत का पूरा क्रेडिट, कही ये बड़ी बात

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Rahil Sayed
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ऑस्ट्रेलियाई टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज़ रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting) विश्व की नंबर वन T20 लीग आईपीएल के साथ काफी लंबे अरसे से जुड़े हुए हैं. वे आईपीएल में बतौर खिलाड़ी खेलने के बाद अब फ्रेंचाइजी दिल्ली कैपिटल्स के हेड कोच बन गए हैं. हालांकि इससे पहले उन्होंने मुंबई इंडियंस के लिए भी हेड कोच की भूमिका निभाई है. ऐसे में रिकी पोंटिंग ने आईपीएल के संदर्भ में बहुत बड़ी बात कही है.

Ricky Ponting ने बॉर्डर-गावस्कर सीरीज़ जीतने का श्रेय आईपीएल को दिया

Ricky Ponting

रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting) आईपीएल का अनुभव बहुत नज़दीक से ले चुके हैं. वे इस वक्त भी दिल्ली कैपिटल्स के हेड कोच हैं, और उनके नेतृत्व में दिल्ली लगातार 3 सालों से प्लेऑफ में अपनी जगह पक्की कर रही है. उनके कोच बनने से पहले दिल्ली कैपिटल्स का प्रदर्शन आईपीएल में काफी निराशाजनक रहा था. रिकी पोंटिंग ने दिल्ली कैपिटल्स को 2019 के आईपीएल में 6 साल के लंबे समय के बाद प्लेऑफ में पहुंचाया था. इस बात पर कोई शक नहीं कि पोंटिंग को आईपीएल का अच्छा अनुभव है. ऐसे में अब रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting) ने आईसीसी से बातचीत के दौरान बॉर्डर गावस्कर सीरीज़ को याद करते हुए कहा है कि,

"पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम ने कई खिलाड़ियों के चोटिल होने के बाद, युवा खिलाड़ियों को मैदान में उतारा, जिसके बाद सिडनी में एक टेस्ट मैच ड्रा करने के साथ ब्रिस्बेन टेस्ट अपने नाम करने में सफल रही."

ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने आगे कहा,

" उनके पास युवा प्रतिभा है, जो हमेशा अपना हुनर दिखाने के लिए तैयार रहते हैं और वे अंतरराष्ट्रीय मंच से डरते नहीं हैं. मुझे लगता है कि उनमें ये सारे गुण आईपीएल प्रदर्शन से आए हैं."

इसके अलावा रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting) ने इस बात का भी ज़िक्र किया है कि आईपीएल में कुछ ज़बरदस्त खिलाड़ियों के साथ खेलने की वजह से भारतीय टीम की स्किल्स इम्प्रूव हुई हैं.

भारत ने लगातार दूसरी बार जीती थी बॉर्डर-गावस्कर सीरीज

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आपको बता दें कि साल 2020 के अंत में भारत, ऑस्ट्रेलिया 4 मैचों की टेस्ट सीरीज़ खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया गया था, जिसे बॉर्डर-गावस्कर सीरीज़ के नाम से भी जाना जाता है. उस श्रृंखला में भारत पहला मुकाबला बहुत बुरी तरह हार गया था. जिसके बाद उस समय के भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली वापसी भारत निजी कारणों की वजह से लौट गए थे.

इसके बाद टीम की कमान अजिंक्य रहाणे के हाथों में सौंपी गई. भारतीय टीम ने सीरीज़ का दूसरा मुकाबला जीत लिया, जबकि बड़ी मुश्किलों से भारत सीरीज़ का तीसरा मुकाबला ड्रॉ कराने में सफल रही थी. तीसरे मुकाबले में हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन ने टीम के लिए बहुत अहम पारी खेली थी और मैच ड्रॉ कराने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

सीरीज़ तीसरे मैच के बाद 1-1 की बराबरी पर खड़ी हुई थी, और चौथा मुकाबला ब्रिस्बेन के गाबा में था, जहां ऑस्ट्रेलिया पिछले 3 दशक से हारी नहीं थी. ग़ौरतलब है कि चौथे मुकाबले के लिए भारत के पास प्लेइंग 11 के लिए पूरे 11 खिलाड़ी करने के लाले पड़ गए थे. क्योंकि अधिक्तर खिलाड़ी दौरे पर चोटिल गए थे. मोहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर और वॉशिंगटन सुंदर जैसे अनुभवहीन खिलाड़ियों को चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में खेलने का मौका दिया गया था.

भारत का हारना उस मुकाबले में तय था, किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि भारत चौथा टेस्ट मैच जीत जाएगी. लेकिन भारतीय टीम के युवाओं खिलाड़ियों ने इतने ज़बरदस्त अंदाज़ से वो मुकाबला खेला कि उनकी सरहाना अब तक की जाती है. भारत वो मुकाबला 3 विकेट से जीतने में कामियाब रहा था. भारत ने गाबा टेस्ट मैच जीतकर इतिहास रच दिया था. जिसमें ऋषभ पंत, शुभमान गिल. चेतेश्वर पुजारा, मोहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर और वॉशिंगटन सुंदर ने ज़बरदस्त प्रदर्शन किया था.

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