आईपीएल 2022 मेगा ऑक्शन खत्म हो चुका है और अब फैंस इस सीजन के आगाज को लेकर काफी एक्साइटेड है. लेकिन, उससे पहले आरसीबी (RCB) टीम के कप्तान को लेकर अटकले जारी हैं. अभी तक ये साफ नहीं हो सका है कि इस टीम की कमान किस खिलाड़ी के हाथो में सौंपी जाएगी. लेकिन, ऐसी खबरें लगातार चर्चाओं में हैं कि रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की कप्तानी रेस में फाफ डु प्लेसिस और दिनेश कार्तिक (Dinesh Karthik) का नाम सबसे ऊपर है.
हालांकि अभी तक फ्रेंचाइजी ने ऑफिशियल तौर पर इस टीम के मेजबान को लेकर खुलासा नहीं किया है. जबकि कोलकाता और पंजाब किंग्स को अपना-अपना कप्तान मिल चुका है. ऑक्शन में टीम ने यूं तो कई बेहतरीन खिलाड़ियों को अपने साथ जोड़ा है. लेकिन, मेजबान को लेकर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो सकी है.
इस खास आर्टिकल में आज हम इसी बारे में बात करने जा रहे हैं कि आखिर दिनेश कार्तिक को क्यों आरसीबी (RCB) का कप्तान बनाना चाहिए...
भारतीय कप्तान होने पर विदेशी खिलाड़ियों के लिए ज्यादा विकल्प होंगे मौजूद
साल 2021 विराट कोहली के लिए बतौर कप्तान इस टूर्नामेंट का आखिरी सीजन था. इसके बाद से ही ये अटकलें जारी थी कि इस फ्रेंचाइजी का अगला कप्तान कौन होगा. ऐसे में जाहिर तौर पर इस बार फ्रेंचाइजी किसी ऐसे खिलाड़ी को कप्तानी देना चाहेगी जो अनुभवी होने के साथ ट्रॉफी जिताने की काबिलियत भी रखता हो. ऐसे में दिनेश कार्तिक इस टीम के लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं.
यूं तो आरसीबी (RCB) टीम में फाफ डू प्लेसिस, ग्लेन मैक्सवेल जैसे खिलाड़ी भी ये जिम्मेदारी ले सकते हैं. लेकिन, दिनेश कार्तिक को कप्तानी देने का फायदा यह है भी है कि टीम के पास विदेशी समीकरण बिठाने का बेहतर विकल्प होगा. यदि फ्रेंचाइजी किसी विदेशी खिलाड़ी को कप्तान बनाती है और अचानक उसकी फॉर्म खराब होती है तो इसके बावजूद उसे पूरे सीजन मौका देना पड़ेगा. जबकि अगर दिनेश कार्तिक कप्तान बनाए जाते हैं तो टीम के पास चार विदेशी खिलाड़ियों को मौका देने का विकल्प होगा.
कई बार देखा है कि विदेशी खिलाड़ियों को कप्तान बनाने पर टीमों को नुकसान भी झेलना पड़ता है. उदाहरण के तौर पर बीते सीजन में कोलकाता नाइट राइडर्स ने मोर्नन को कप्तान बनाया था और इसका खामियाजा पूरे सीजन फ्रेंचाइजी को उनके खराब फॉर्म के तौर पर भुगतना पड़ा था. ऐसे में बैंगलोर टीम के लिए कार्तिक कप्तान के तौर पर एक बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं.
कप्तानी का अच्छा है अनुभव
दिनेश कार्तिक इसलिए भी कप्तान बनाने की दावेदारी पेश करते हैं क्योंकि आईपीएल में न सिर्फ बतौर बल्लेबाज बल्कि उन्हें बतौर कप्तान भी अनुभव है. इस टूर्नामेंट में वो पहले दिल्ली कैपिटल्स और फिर कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए मेजबानी कर चुके हैं. हालांकि दोनों ही टीमों को ट्रॉफी जिताने में भले ही वो नाकामयाब रहे लेकिन, कप्तानी के तौर पर उन्हें अच्छी समझ है.
दिल्ली कैपिटल्स के लिए दिनेश कार्तिक ने कुल 6 मुकाबलों में कप्तानी की थी और इनमें से 2 मैच में जीत हासिल हुई थी. जबकि 4 मुकाबलों में शिकस्त का सामना करना पड़ा था. वहीं कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए उनकी कप्तानी के रिकॉर्ड पर एक नजर डालें तो उन्होंने 37 मैच में फ्रेंचाइजी का प्रतिनिधित्व किया है. इनमें से 19 मैचों में नतीजा टीम के पक्ष में रहा. जबकि 17 मैचों में हार का सामना करना पड़ा.
इसके अलावा एक मुकाबला टाई रहा. साल 2022 के आधे सीजन में दिनेश कार्तिक ने केकेआर टीम की कप्तानी छोड़ी थी. कार्तिक के पास कप्तानी के साथ ही विकेटकीपिंग का अच्छा अनुभव है और बतौर बल्लेबाज वो विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं. इसका उदाहरण कई बार आईपीएल में पेश कर चुके हैं. इसलिए ये कहा जा सकता है कि आरसीबी (RCB) टीम की कप्तानी उन्हें मिलनी चाहिए.
घरेलू क्रिकेट में भी टीम को जिता चुके हैं ट्रॉफी
आईपीएल टूर्नामेंट में बतौर कप्तान भले ही ट्रॉफी जिताने में दिनेश कार्तिक फेल रहे हों, लेकिन भारतीय घरेलू क्रिकेट में उनके नाम ट्रॉफी जीतने का रिकॉर्ड दर्ज है. साल 2020 में तमिलनाडु टीम ने उन्हीं की कप्तानी में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में चैंपियन बनी थी. उनकी इस प्रतिभा से कोई भी अपरिचित नहीं है.
दिलचस्प बात तो यह है कि दिनेश कार्तिक ऐसे कप्तानों में आते हैं तो जो विकेट के पीछे से विरोधी टीम के खिलाफ पूरी रणनीति बनाते हैं. ऐसे में अगर वह टीम के कप्तान बनेंगे तो आरसीबी के लिए फायदेमंद होगा. साथ ही भारतीय कंडीशन से वो पूरी तरह परिचित हैं. इसलिए उन्हें आरसीबी (RCB) टीम का कप्तान बनना चाहिए.