Ravi Shastri: भारतीय टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने का कार्यकाल भारतीय टीम के साथ बेहद सफल रहा. उनके नेतृत्व में भारत ने ऑस्ट्रेलिया में दो टेस्ट सीरीज जीतने की उपलब्धि हासिल की. इसके बाद इंग्लैंड में भी खेली जा रही सीरीज में 2-1 से आगे है. लेकिन, इस बीच ICC टूर्नामेंट में टीम खिताब जीतने में असफल भी रही. हाल ही में खेले जा रहे एजबेस्टन टेस्ट मैच के दूसरे दिन रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने अपने कार्यकाल के बारे में खुलकर बात की और द्रविड़ की कोचिंग पर अपनी प्रतिक्रिया दी.
"मेरे कार्यकाल में टीम शीर्ष पर थी"- Ravi Shastri
स्काई स्पोर्ट्स पर अपने कार्यकाल के बारे में बात करते हुए रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने कहा,
"मुझे लगता है कि यह बहुत खुशी देने वाला काम था. यह एक थैंकलेस वर्क था. क्योंकि आपको अपने जीवन के हर रोज 1.4 अरब लोगों की ओर से आंका जाता है. इससे कुछ छिपा नहीं है. पीछे छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है. आपका प्रदर्शन दिन-ब-दिन मायने रखता है. आपको जीतना है. उम्मीदें बड़ी हैं. लेकिन, खिलाड़ियों ने भी अच्छी प्रतिक्रिया दी.
जब मैं अपने कार्यकाल को देखता हूं और उन 7 सालों में जब मैं वहां था, मुझे गर्व है कि मेरे पास एक टीम थी जिसने उसी तरह से प्रतिक्रिया दी थी, जैसा वे चाहते थे. जब मैंने पदभार संभाला था तो वे सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट नहीं खेल रहे थे जैसा कि रैंकिंग देख सकते हो. लेकिन अंत में वे खेल के सभी प्रारूपों में शीर्ष पायदान पर थे."
"विश्वकप नहीं जीते लेकिन दुनियाभर में रेड बॉल क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया"
इस सिलसिले में आगे बात करते हुए Ravi Shastri ने कहा,
"टीम ने मेरे उस कार्यकाल में विश्व कप नहीं जीता. लेकिन, दुनिया भर में कई देशों में रेड-बॉल क्रिकेट और व्हाइट-बॉल क्रिकेट में करिश्माई प्रदर्शन किया. ऑस्ट्रेलिया में लगातार दो सीरीज जीतने से बढ़कर कुछ नहीं है. पिछले साल इंग्लैंड में सीरीज में 2-1 से आगे है. टीम को रेड बॉल क्रिकेट खेलने पर गर्व था.
इसके लिए विराट की तारीफ की जानी चाहिए. उन्होंने सामने से नेतृत्व किया, वह उसी अंदाज में खेलना चाहते थे, तेज गेंदबाजों ने जवाब दिया. आप उस दौर में जडेजा, ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ियों को विकसित होते हुए देख सकते थे."
मेरे बाद द्रविड़ से बढ़िया और कोई भारतीय टीम का कोच नहीं हो सकता था- Ravi Shastri
आखिर में रवि शास्त्री (Ravi Shastri ) ने राहुल द्रविड़ के बात में अपने विचार रखते हुए ,कहा,
"मेरे बाद राहुल से बेहतर कोई व्यक्ति नहीं है. मुझे गलती से वह काम मिल गया जो मैंने राहुल को बताया. मैं कमेंट्री बॉक्स में था मुझे वहां जाने के लिए कहा गया और मैंने अपना काम किया.
लेकिन, राहुल एक ऐसा शख्स है जो सिस्टम के माध्यम से आए हैं. उन्होंने कड़ी मेहनत की है. वह अंडर -19 टीम के कोच रहे हैं. उन्होंने इस भारतीय टीम को संभाला है और मुझे लगता है कि वह इसका आनंद लेंगे."