भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) इन दिनों लगातार चर्चाओं में बने हुए हैं. उन्होंने हाल ही में क्रिकेट को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. इसके बारे में उनका क्या कहना है इसके बारे में तो बताएंगे ही लेकिन, उससे पहले ये बता दें कि टी20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup 2021) के बाद उनके मुख्य कोच का कार्यकाल खत्म हो रहा है. ऐसे में टीम इंडिया (Team India) के नए कोच को लेकर चर्चाएं काफी तेज हो गई हैं. हालांकि अभी तक इस पद के लिए कोई नाम स्पष्ट नहीं हो सका है.
फुटबॉल लीग की तरह हो टी20 क्रिकेट
दरअसल भारतीय टीम के मुख्य कोच का कहना है कि, पिछले कुछ वक्त से लगातार खिलाड़ियों के वर्कलोड के बारे में बातें होती रही हैं. इसमें लगातार हो रही क्रिकेट सीरीजों पर सवाल उठ रहे हैं. भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली समेत दुनियाभर के कई बड़े खिलाड़ी सीरीजों के शेड्यूल को लेकर आपत्ति जता चुके हैं. इस बारे में भी अपनी राय देते हुए भारतीय कोच ने द्विपक्षीय टी20 सीरीजों को कम से कम करने की बात की है.
रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का मानना है कि, ओलंपिक में क्रिकेट खेला जाए. साथ ही इस फॉर्मेट में क्रिकेट प्रशासकों को फुटबॉल लीग वाला तरीका इस्तेमाल करना चाहिए. हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण बीते कुछ दिनों से वो लंदन में ही आइसोलेशन में थे. इसी बीच उन्होंने ब्रिटिश अखबार ‘द गार्डियन’ को एक इंटरव्यू दिया है. जिसमें टी20 क्रिकेट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
द्विपक्षीय सीरीजों में हो कटौती- भारतीय कोच
भारतीय कोच ने यूरोपियन फुटबॉल लीगों का उदाहरण देते हुए कहा कि,
"फुटबॉल को देखिए. आपके पास प्रीमियर लीग है, स्पेनिश लीग है. इटैलियन लीग है और जर्मन लीग है. इनमें कम ही द्विपक्षीय मुकाबले होते हैं. राष्ट्रीय टीमें सिर्फ वर्ल्ड कप या वर्ल्ड कप क्वालिफायर खेलती हैं. मुझे लगता है कि टी20 को भी इसी दिशा में ले जाना चाहिए. ज्यादा से ज्यादा देशों में इसे पहुंचाया जाए और फिर ओलिंपिक में ले जाया जाए. उन द्विपक्षीय सीरीजों में कटौती से खिलाड़ियों को फिर से तरो-ताजा होने का और आराम करने का मौका मिलेगा. ताकि फिर से वो टेस्ट क्रिकेट खेल सकें."
रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का कहना है कि, टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली समेत बाकी सदस्य भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं. क्योंकि फ्रेंचाइजी क्रिकेट काफी ज्यादा खेला जा रहा है. इस सिलसिले में आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि,
"वे सब भी ऐसा ही सोचते हैं क्योंकि पहले से ही काफी फ्रेंचाइजी क्रिकेट है. ये काम कर भी रहा है. लेकिन, द्विपक्षीय सीरीज की जरूरत ही क्या है?"
टी20 से ज्यादा टेस्ट सीरीज लोगों को रहती है याद
इतना ही नहीं अपनी 7 बात को आगे बढ़ाते हुए टीम इंडिया के कोच ने यह भी कहा कि,
"इस भारतीय टीम के साथ गुजारे अपने 7 साल में मुझे एक भी सफेद-गेंद का मैच याद नहीं है. यदि आप विश्व कप फाइनल जीतते हो तो वह याद रहता है और मेरे लिए कोच के तौर पर सिर्फ वही बचा है."
रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में मिली टी20 सीरीज की जीत के बारे में बात करते हुए टेस्ट मैचों से इनकी तुलना की. साथ ही ये भी कहा कि, न्यूजीलैंड में 5-0 से सीरीज जीतने के बाद भी किसी को ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. जबकि ऑस्ट्रेलिया में लगातार 2 टेस्ट सीरीज जीतना हो या इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका जैसे देशों में टेस्ट मैच जीतना हो, तो वह हमेशा याद रहता है.