Rahul Dravid को अपने ही चेले से हुई जलन! भरी जवानी में करियर बर्बाद करने में नहीं छोड़ी कोई कसर
Rahul Dravid को अपने ही चेले से हुई जलन! भरी जवानी में करियर बर्बाद करने में नहीं छोड़ी कोई कसर

Rahul Dravid: भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) का नाम क्रिकेट की दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाज के रुप में भी दर्ज है. टेस्ट और वनडे दोनों ही फॉर्मेट में 10,000 से ज्यादा रन बनाने वाले द्रविड़ को टेस्ट क्रिकेट का बादशाह कहा जाता था.

1996 से लेकर 2012 के बीच उन्होंने भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में दर्जनों यादगार पारियां खेली और मुश्किल समय से निकालकर जीत दिलाई. एक खिलाड़ी के तौर पर वे टेस्ट क्रिकेट की बारिकीयों को समझते थे शायद यही वजह रही कि वे इस फॉर्मेट सफल रहे और भारतीय टीम की दीवार के रुप में मशहूर हुए लेकिन बतौर कोच राहुल द्रविड़ टेस्ट फॉर्मेट में चूक कर रहे हैं.

Rahul Dravid ने इस खिलाड़ी को किया नजर अंदाज

Rahul Dravid
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राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने 2012 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था. उस समय ये सवाल उठा था कि उनके बाद टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम की नई दीवार कौन बनेगा. इसका जवाब बने थे चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) जिन्होंने 2010 में ही टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू कर लिया था और उसके बाद से लेकर लगातार भारतीय टीम की ताकत के रुप में रहे हैं लेकिन द्रविड़ ने कोच बनने के बाद से पुजारा की क्षमता पर कम भरोसा किया है और उन्हें टीम से बाहर कर दिया है.

द्रविड़ की दोहरी नीति

Rahul Dravid
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राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) बतौर कोच भारत के लिए अबतक सफल साबित नहीं हुए हैं. इसकी वजह उनकी दोहरी नीति है. किसी खिलाड़ी को लगातार फ्लॉप होने के बाद भी वे मौके देते हैं और सार्वजनिक रुप से उस खिलाड़ी के समर्थन में बयान देते हैं तो वहीं किसी खिलाड़ी को प्रदर्शन के बावजूद उसे मौका नहीं देते.

विश्व कप 2023 के दौरान वे फ्लॉप सूर्यकुमार यादव के समर्थन में थे तो वहीं टेस्ट फॉर्मेट में फ्लॉप केएस भरत के अलावा उन्होंने शुभमन गिल और श्रेयस अय्यर का समर्थन किया लेकिन वहीं पुजारा (Cheteshwar Pujara) को उन्होंने युवाओं को मौका देने के नाम पर WTC फाइनल 2023 के बाद टीम से ड्रॉप करवा दिया.

राहुल द्रविड़ जिन युवाओं को मौका दे रहे हैं वे फ्लॉप साबित हो रहे हैं जबकि पुजारा रणजी ट्रॉफी में जमकर रन बना रहे हैं फिर भी उन्हें मौका नहीं मिल रहा है. इससे ये संकेत मिलता है कि द्रविड़ बतौर कोच टेस्ट क्रिकेट की नजाकत को शायद नहीं समझ पा रहे यही वजह है कि टीम खराब प्रदर्शन कर रही है लेकिन पुजारा जैसा दिग्गज टीम में नहीं है.

रणजी में शानदार प्रदर्शन के बावजूद मौका नहीं

Cheteshwar Pujara
Cheteshwar Pujara

इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी तीन टेस्ट मैचों के लिए भारतीय टीम की घोषणा हो चुकी है. पहले दो टेस्ट में मध्यक्रम की असफलता के बावजूद न चयनकर्ताओं को कुछ ख्याल आया है और न हीं राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) को. यही वजह है कि रणजी ट्रॉफी 2024 में 6 मैचों की 9 पारियों में एक शतक, एक दोहरा शतक और 2 अर्धशतक की मदद से 648 रन बना चुके चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) को जगह नहीं मिली है. 36 साल के पुजारा फिट हैं फॉर्म में हैं लेकिन टीम में नहीं हैं. एक कोच के रुप में द्रविड़ का गलत फैसला है. बता दें कि पुजारा 103 टेस्ट में 19 शतक लगाते हुए 7195 रन बना चुके हैं.

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