क्रिकेट जगत से अक्सर कई ऐसी खबरें सामने आ जाती हैं, जो कल्पनाओं से भी परे होती हैं. हर क्रिकेटर्स की अपनी एक अच्छी फैन फॉलोइंग होती है. लेकिन, कई बार कुछ ऐसे खुलासे भी हो जाते हैं जिसके कारण दर्शक नाराजगी भी दिखाते हैं. लेकिन, कुछ खबरें ऐसी भी सुनने को मिलती हैं, जो फैंस के लिए बड़ी खुशखबरी से कम नहीं होती हैं. हाल ही में ग्रेग चैपल (Greg Chappell) ने राहुल द्रविड़ (Rahul dravid) को लेकर एक ऐसा ही बड़ा खुलासा किया है.
टीम इंडिया में द्रविड़ की रही खास भूमिका
दरअसल भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और सलामी बल्लेबाज रहे द्रविड़ (Rahul dravid) का नाम बेहतरीन क्रिकेटरों में गिना जाता हैं. आज भी क्रिकेट एक्सपर्ट्स उनकी तारीफ करते नहीं थकते. भारत के कई ऐसे युवा खिलाड़ी हैं, जो उन्हें अपना आइडल मानते हैं. एक दौर था जब उन्हें टीम की दीवार कहा जाता था.
भारतीय क्रिकेट टीम को मजबूत बनाने में उन्होंने अपनी कप्तानी में कोई कसर नहीं छोड़ी. जब भी टीम इंडिया के सबसे बेहतरीन खिलाडियों की बात की जाती है तो उसमें सबसे पहला नाम राहुल द्रविड़ का आता है. उन्होंने कई अहम मौकों पर टीम को जीत दिलाने के साथ नई दिशा देने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया.
भारतीय टीम के दीवार कहे जाने वाले पूर्व कप्तान मुरीद हुए चैपल
राहुल द्रविड़ (Rahul dravid) ने जब क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा तो ज्यादातर लोगों ने उन्हें टेस्ट क्रिकेटर का दर्जा देकर वनडे फॉर्मेट से दूर रखा. लेकिन, लोगों का भ्रम उस वक्त टूटा जब उन्होंने साल 1999 में विश्व कप के दौरान भारतीय टीम की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाए. पूर्व बल्लेबाज ने यह साबित कर दिया था कि वो वनडे प्रारूप के भी बेहतरीन बल्लेबाज हैं.
यह बड़ा कारण है कि, उनके मुरीद सिर्फ देश के ही बड़े दिग्गज नहीं बल्कि विदेशी खिलाड़ी और कोच भी हैं. इसका अंदाजा आप ग्रेग चैपल के हालिया बयान से लगा सकते हैं. क्रिकेट लाइफ स्टोरीज पोडकास्ट में बातचीत करते हुए चैपल ने जहां बीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली के खिलाफ कई विवादित बयान दिए तो वहीं द्रविड़ की उन्होंने जमकर तारीफ भी की है.
राहुल द्रविड़ की चैपल ने की तारीफ
ग्रेग चैपल का मानना है कि यदि टीम इंडिया की सोच में कोई बदलाव लाना चाहता था तो वो राहुल द्रविड़ (Rahul dravid) ही थे. जो टीम को बेहतर बनाने में पूरी तरह से योगदान देने के लिए तैयार रहते थे. उन्होंने भारतीय पूर्व कप्तान की तारीफ करते हुए कहा कि,
‘राहुल द्रविड़ ने भारत को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बनाने के लिए अपनी कप्तानी के समय काफी समय तक निवेश किया. लेकिन, टीम में हर खिलाड़ी की ऐसी सोच नहीं थी. क्योंकि कुछ लोग सिर्फ टीम में बने रहने के लिए ध्यान केंद्रित करना चाहते थे. इसलिए कुछ सीनियर खिलाड़ियों ने इसका विरोध भी किया जो अपने करियर के अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रहे थे.’