6,6,6,6,6... घरेलू वनडे टूर्नामेंट पृथ्वी शॉ का कोहराम, 227 रन की खेल डाली मैराथन पारी, आलोचकों के मुंह में लगे ताले

Published - 16 Sep 2025, 01:08 PM | Updated - 16 Sep 2025, 01:43 PM

Prithvi Shaw

Prithvi Shaw : भारतीय क्रिकेट के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) लंबे समय से टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं। चयनकर्ताओं द्वारा उन्हें मौके न मिलने की वजह से शॉ काफी निराश नजर आ रहे हैं। हालांकि, घरेलू क्रिकेट में उन्होंने अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी से सभी का ध्यान आकर्षित किया है।

फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनका औसत 46.02 है, जो उनकी निरंतरता और क्षमता को दर्शाता है। हाल ही में उन्होंने अपनी वापसी को लेकर चिंता जाहिर की थी, लेकिन घरेलू मैदानों पर उन्होंने यह साबित कर दिया कि वह अभी भी पूरी तरह से तैयार हैं।

विजय हजारे ट्रॉफी में Prithvi Shaw का ताबड़तोड़ प्रदर्शन

यह बात हैं साल 2021 की जब विजय हजारे ट्रॉफी में पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने एक बार फिर अपने रुद्र रूप का प्रदर्शन किया। ग्रुप डी में मुंबई और पांडुचेरी के बीच मुकाबला बेहद रोमांचक रहा, लेकिन शॉ की तूफानी बल्लेबाजी ने विपक्षी टीम के अरमानों पर पानी फेर दिया। मुंबई की ओर से पारी की शुरुआत करने आए शॉ ने आते ही गेंदबाजों पर हमला बोल दिया।

उन्होंने 152 गेंदों का सामना करते हुए 227 रन की धमाकेदार पारी खेली। इस दौरान उनके बल्ले से 31 चौके और 5 छक्के निकले, जो उनकी आक्रामक शैली और बल्लेबाजी की ताकत को बखूबी दर्शाते हैं।

शॉ की इस पारी ने केवल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया ही नहीं बल्कि मुंबई की टीम को भी एक मजबूत शुरुआत दी।

टीम के बाकी बल्लेबाजों ने भी उनका समर्थन किया, जिससे मुंबई ने निर्धारित 50 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर 457 रन बना लिए। इस पारी में सूर्यकुमार यादव ने भी शानदार बल्लेबाजी करते हुए 133 रन बनाए, जिससे टीम का कुल स्कोर और भी जबरदस्त बन गया।

पांडुचेरी की टीम पर मुंबई की झड़ी

मुंबई के इस विशाल स्कोर के जवाब में पांडुचेरी की टीम ने जब बल्लेबाजी शुरू की तो उन्हें बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। मुंबई के गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया और पांडुचेरी की टीम को 227 रन पर ही ऑल आउट कर दिया। मुंबई की तरफ से स्पिनर प्रशांत सोलंकी ने काफी प्रयास किया और 5 विकेट हासिल किए, जीत में अहम भूमिका निभाई।

मुंबई की ओर से कप्तान दामोदरन रोहित ने भी शानदार बल्लेबाजी की और 63 रन की पारी खेली, उसके अलावा सागर त्रिवेदी ने 43 रनों का योगदान दिया। पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) और सूर्यकुमार यादव की तूफानी बल्लेबाजी ने विपक्ष की योजना को पूरी तरह से विफल कर दिया और मुंबई ने यह मुकाबला 233 रनों के बड़े अंतर से जीत लिया।

घरेलू क्रिकेट में Prithvi Shaw की भूमिका और भविष्य

पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) का यह प्रदर्शन न केवल उनके व्यक्तिगत रिकॉर्ड के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उनकी टीम इंडिया में वापसी की संभावनाओं को भी बढ़ाता है। घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी अक्सर राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह बनाने का मौका पाते हैं। शॉ की यह पारी यह दिखाती है कि वह अभी भी पूरी तरह फिट और प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हैं।

उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और बड़े स्कोर बनाने की क्षमता उन्हें टीम इंडिया के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प बनाती है। पिछले कुछ समय में टीम से बाहर रहने के बावजूद शॉ ने अपनी मेहनत और लगन से यह संदेश दिया कि अगर मौका मिले तो वह टीम के लिए मैच जीताऊ पारी खेलने में सक्षम हैं।

पृथ्वी शॉ का अंतरराष्ट्रीय करियर

भारतीय क्रिकेट के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने 4 अक्टूबर 2018 को वेस्टइंडीज के खिलाफ नागपुर में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया। इस मैच में उन्होंने शतक बनाकर इतिहास रच दिया और टेस्ट डेब्यू पर शतक बनाने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय बल्लेबाज बनने का गौरव हासिल किया। उनकी आक्रामक और तकनीकी मजबूत बल्लेबाजी ने उन्हें शुरुआती ही समय में टीम इंडिया के लिए एक महत्वपूर्ण ओपनर बना दिया।

टेस्ट करियर में शॉ ने अब तक 5 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 339 रन बनाए और औसत 42.37 का प्रदर्शन किया। उनका सर्वोत्तम स्कोर 134 रन रहा। वनडे क्रिकेट में उन्होंने 6 मैचों में 189 रन बनाए, औसत 31.50 और सर्वोत्तम स्कोर 49 रन रहा। वहीं टी20 इंटरनेशनल में उन्होंने 1 मैच खेला, लेकिन इसमें कोई रन नहीं बना सके।

हालांकि, शुरुआती सफलता के बावजूद पृथ्वी शॉ का करियर कई कारणों से प्रभावित हुआ और वह लंबे समय तक टीम इंडिया से बाहर रहे।

करियर में चुनौतियाँ और टीम से Prithvi Shaw को होना पड़ा बाहर

फिटनेस और अनुशासन संबंधी समस्याएं उनकी सबसे बड़ी चुनौती बनीं। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने उन्हें रणजी ट्रॉफी से बाहर कर दिया क्योंकि उनका बॉडी फैट प्रतिशत 35% था और वह अभ्यास सत्रों में नियमित नहीं थे। इसके अलावा, उन्होंने व्यक्तिगत जीवन में गलत दोस्तों का साथ लेना स्वीकार किया, जिससे उनका ध्यान क्रिकेट से हट गया और प्रदर्शन प्रभावित हुआ।

इसके अलावा, जुलाई 2019 में शॉ (Prithvi Shaw) को डोपिंग नियमों का उल्लंघन करने के कारण 8 महीने का निलंबन झेलना पड़ा। इस निलंबन ने उनके करियर को और कठिनाइयों में डाल दिया।

हाल ही में, उनकी फिटनेस और अनुशासन की वजह से उन्हें आईपीएल 2025 की नीलामी में भी अनसोल्ड रहना पड़ा। यह स्थिति दर्शाती है कि शॉ को अपनी फिटनेस, मानसिक तैयारी और लगातार प्रदर्शन पर ध्यान देने की जरूरत है।

वर्तमान में, शॉ ने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) प्राप्त किया है और आगामी घरेलू सत्र में महाराष्ट्र के लिए खेलने की तैयारी कर रहे हैं। घरेलू क्रिकेट में लगातार प्रदर्शन करके वह टीम इंडिया में वापसी के लिए तैयार हैं।

उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और तेज़ रन बनाने की क्षमता उन्हें युवा खिलाड़ियों में सबसे अलग बनाती है और भविष्य में उन्हें फिर से राष्ट्रीय टीम में देखने की उम्मीद है।



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पृथ्वी शॉ भारतीय क्रिकेट के युवा और प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं। वह अपनी आक्रामक बल्लेबाजी और तेज़ रन बनाने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। घरेलू क्रिकेट में उनके प्रदर्शन ने उन्हें टीम इंडिया के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प बनाया है।

पृथ्वी शॉ ने 4 अक्टूबर 2018 को वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया और डेब्यू पर शतक बनाकर इतिहास रचा। टेस्ट में उन्होंने 5 मैचों में 339 रन बनाए। वनडे में 6 मैचों में 189 रन और टी20 इंटरनेशनल में 1 मैच खेला, लेकिन इसमें कोई रन नहीं बना सके।