जिम्बाब्वे के खिलाफ 2-0 से टेस्ट और वनडे सीरीज में मिली जीत के बाद से ही पाकिस्तान क्रिकेट टीम (Pakistan Cricket Team) चर्चाओं में बनी हुई है. लेकिन, इसी बीच टीम के एक पूर्व खिलाड़ी ने प्रबंधन की चयन नीति और प्रथाओं पर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं. यहां तक कि, पूर्व तेज गेंदबाज ने पीसीबी (PCB) पर कई तरह के आरोप भी लगाए हैं.
पाकिस्तान टीम के खामियों को लेकर आमिर ने किया बड़ा खुलासा
हम बात कर रहे हैं पाक टीम के पूर्व तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर (Mohammad amir) की. जिनका मानना है कि, पाकिस्तान टीम में युवाओं में तकनीकी कमी होने का बाद उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा दिया जाता है. आमिर ने बीते साल ही दिसंबर के महीने में इंटरनेशनल करियर को अलविदा कहा था. उनका कहना है कि, कई युवा खिलाड़ी अभी ऐसी लिस्ट में आते हैं, जो बड़े स्तर पर खेलने की काबिलियत नहीं रखते हैं.
इस बारे में पाकपेशन डॉट नेट से बातचीत करते हुए मोहम्मद आमिर ने पीसीबी (PCB) की तुलना भारत, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड से की. इसके साथ ही बात करते हुए उन्होंने कहा कि, ये टीमें ऐसे खिलाड़ियों का चयन करती हैं जो घरेलू स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करते हैं. लेकिन, पाकिस्तान में खिलाड़ियों से तब सीखने की आस लगाई जाती है, जब वो इंटरनेशनल मैच खेलते हैं.
भारत, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड से की पाक क्रिकेट टीम की तुलना
इस बारे में बात करते हुए पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा कि,
'अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में आने वाले भारत, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों को देखिए, जो उच्चतम स्तर पर खेलने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. क्योंकि घरेलू क्रिकेट में इनके युवा खिलाड़ी कड़े संघर्षों का सामना करते हुए यहां तक पहुंचे हैं. एक बार टीम में चयन होने के बाद खुद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साबित करते हैं, जिसे वह घरेलू क्रिकेट में सीख चुके हैं.'
इसी सिलसिले में आगे बात हुए उन्होंने कहा कि,
'पाकिस्तान टीम में इस समय, हमारे खिलाड़ियों से इस तरह की उम्मीद की जाती है कि, वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के वक्त राष्ट्रीय कोचों से हमारे खिलाड़ी सीखें. जबकि खिलाड़ी चाहें तो वो अपने शुरूआती क्रिकेट करियर में ही इस तकनीकि को सीख सकते हैं.'
भारतीय युवा खिलाड़ियों का उदाहरण देते हुए पाक खिलाड़ियों पर निकाली भड़ास
बातचीत के दौरान मोहम्मद आमिर ने कई भारतीय युवा खिलाड़ियों का उदाहण पेश करते हुए पीसीबी (PCB) पर जमर भड़ास निकाली. इस दौरान उन्होंने कि,
'इशान किशन, सूर्यकुमार यादव और क्रुणाल पांड्या को ही देख लीजिए, ये तैयार लगते हैं. इन्होंने जिस वक्त अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू किया, तब कोच से इन्हें ज्यादा सलाह लेने की जरूरत नहीं पड़ी. क्योंकि ये पहले से ही घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में अपना प्रदर्शन दिखा चुके हैं ऐसे में इनका इंटरनेशनल क्रिकेट में परिचय बेहद आसान रहा.'
इस दौरान आमिर इस बात पर भी जोर देते हुए सुने गए कि, जो खिलाड़ी तैयारी में जुटे हैं उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू नहीं करना चाहिए. उन्होंने आगे बात करते हुए कहा कि,
'अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट कोई स्कूल क्रिकेट नहीं है, जहां पर आने के बाद अपन काम सीखोगे. यहां कड़ा कंपटीशन का माहौल होता है, और ऐसे खिलाड़ियों का सामना करना पड़ता है, जो पहले से ही तैयार होते हैं'.
पाकिस्तान टीम ऐसे खिलाड़ियों का चयन करती है, जिनमें तकनीकि खामी होती
उन्होंने इसी सिलसिले में आगे बात करते हुए कहा कि,
"इंटरनेशनल खेल में वो खिलाड़ी खेलते हैं, जो पहले से ही हर छोटी-बड़ी चीज सीख चुके होते हैं. इस स्तर पर वो सिर्फ जरूरी शैली को हासिल करते हैं. अगर आपको क्रिकेट सीखना है तो एकेडमी या फर्स्ट क्लास क्रिकेट में जाइए. बिना तैयारी के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में न आएं".
मोहम्मद आमिर ने यह भी खुलासा किया कि,
'पीसीबी (PCB) ज्यादातर ऐसे युवा खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में फेंक देता है, जिनमें तकनीकी खामियां होती हैं और उनके खेल में कमी रहती है. ऐसे खिलाड़ियों को ये उम्मीदें होती हैं कि, वो सुधार कर लेगा. लेकिन, इस तरह काम बिलकुल नहीं चलता है और जल्द ही हमें एहसास हो जाता है.'