पाकिस्तान-न्यूजीलैंड (Pakistan vs New Zealand) के बीच 17 सितंबर से तीन मैचों की वनडे सीरीज का आगाज होना है. लेकिन, इससे पहले मेजबान बोर्ड को तगड़ा झटका लगा है. जिसे लेकर अभी से ही विवाद उठने लगे हैं. क्या है इससे जुड़ी पूरी खबर, जानिए इस खास रिपोर्ट के जरिए. टी20 विश्व कप नजदीक है और उससे पहले मेहमान बोर्ड की मेजबान के खिलाफ नाराजगी फैंस के लिए भी चिंता से कम नहीं है.
Pakistan टीम की तैयारियों से खुश नहीं कीवी
दअरसल जानकारी की माने तो दोनों टीमों के बीच होने वाली वनडे सीरीज में डिसिजन रिब्यू सिस्टम (DRS) नहीं होने की वजह से यह श्रृंखला वर्ल्ड कप सुपर लीग का हिस्सा नहीं होगी. इस वजह से दोनों ही टीमों को किसी भी तरह का अंक नहीं दिया जाएगा. हर मुकाबले में 10 अंक होते हैं. पीसीबी और ब्रॉडकास्टर आईसीसी से मान्यता प्राप्त डीआरएस सर्विस प्रोवाइडर का इंतजाम नहीं कर सके. क्रिकइंफो के हवाले से आई एक रिपोर्ट की माने तो न्यूजीलैंड ने बिना डीआरएस टेक्नोलॉजी के इस सीरीज को वर्ल्ड कप सुपर लीग का हिस्सा मानने से मना कर दिया है.
हालांकि कीवी टीम 2022-23 में एक बार फिर पाकिस्तान (Pakistan) का दाैरा करेगी. उस वक्त इन दोनों टीमों के बीच 2 टेस्ट और 3 वनडे मैचों की सीरीज खेली जाएगी. उस दौरान वर्ल्ड कप सुपर लीग के तहत ये मुकाबले आयोजित किए जा सकते हैं. पाकिस्तान ने अब तक सुपर लीग के आधार पर 9 मैच खेले हैं. इनमें से 4 मैचों में जीत हासिल करने के साथ ही टीम के 40 अंक हैं और वो छठे नंबर पर है. कीवीयों ने अब तक तीनों मैच जीते हैं. जिसमें उसके 30 अंक हैं.
सुपर लीग में 13 टीमों को आईसीसी ने दी है जगह
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, आईसीसी (ICC) की तरफ से 13 टीमों को 2022-23 के सुपर लीग में शामिल किया गया है. मेजबान भारत और टॉप-8 टीमें 2023 में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई करेंगे. इस टूर्नामेंट के सभी मुकाबले भारत में खेले जाएंगे. बाकी 5 टीमों को क्वालिफाइंग के मुकाबले भी खेलने हैं. हर टीम को 8 सीरीज खेलनी है. 4 घर में और 4 घर के बाहर. अंक तालिका की बात करें तो अभी डिफेंडिंग चैंपियन इंग्लैंड की टीम 95 अंक के साथ शीर्ष पर बरकरार है. वहीं अब पाकिस्तान और न्यूजीलैंड (Pakistan vs NZ) के बीच होने वाले मुकाबले को एक अलग ही मोड दे दिया गया है.
खिलाड़ी मैदानी अंपायर के फैसले को दे सकते हैं चुनौती
बात करें तो डीआरएस की तो एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कोई भी खिलाड़ी मैदानी अंपायर के फैसले को चुनौती देता है. इसके बाद वीडियो रीप्ले और बॉल ट्रैकर, हॉकआई, हॉट स्पॉट, पिच मैपिंग जैसी तकनीक की मदद से टीवी अंपायर मैदानी अंपायर के फैसले का रिव्यू डिसिजन लेता है. यदि मैदानी अंपायर का निर्णय सही साबित होता है तो रिव्यू लेने वाले टीम डीआरएस गंवा देती है. अगर फैसला अंपायर के खिलाफ आता है रिव्यू बरकरार रहता है.