रोहित या श्रेयस नहीं, ये खिलाड़ी है फाइनल जिताने का सबसे हीरो, पूरे टूर्नामेंट रहा था जीरो
टीम इंडिया को फाइनल में जीताने के लिए रोहित शर्मा (Rohit Sharma) या श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) ने बल्कि इस छुपे रूस्तम ने अहम भूमिका निभाई थी. अगर नहीं करता प्रदर्शन तो भारत की हार तय थी !
रोहित या श्रेयस नहीं, ये खिलाड़ी है फाइनल जिताने का सबसे हीरो, पूरे टूर्नामेंट रहा था जीरो Photograph: (Google Images)
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल मुकाबला भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया. इस खिताबी मुकाबले में भारत को भारत ने 4 विकेट से जीत लिया. इसी के साथ भारत तीसरी बार चैंपियन ट्रॉफी जीतने में सफल रहा. जीत का श्रेय किसी एक खिलाड़ी को नहीं दिया जा सकता है. क्रिकेट प्रेमियों का मानना है कि रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने शानदार कप्तानी की. जिसकी वजह से भारत को कामयाबी मिली. वहीं श्रेयस अय्यर को भी श्रेय दिया जा रहा है. उन्होंने मध्य क्रम में निरंतरता से रन बनाए. लेकिन, इन दोनों खिलाड़ियों में किसी की वजाए एक छुपे रूस्तम को फाइनल मिली जीत का हीरो माना जा रहा है. चलिए आपको बताते हैं उस धुरंधर के बारे में...
Rohit Sharma या अय्यर नहीं बल्कि ये खिलाड़ी असली हीरो !
Rohit Sharma या अय्यर नहीं बल्कि ये खिलाड़ी असली हीरो ! Photograph: ( Google Image )
रोहित शर्मा (Rohit Sharma) टीम इंडिया के सबसे अनुभवी बल्लेबाजों में से एक हैं. उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया. वह भले ही पूरे टूर्नामेंट में रन नहीं बना पाए. लेकिन, फाइनल मैच में 76 रनों की पारी खेली. जबकि अय्यर भी श्रेयस अय्यर (Shreyas Iyer) अच्छी लय में नजर आए. टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी रहे. 5 मैचों में 48 की औसत से 243 रन बनाए. लेकिन, फाइनल मैच में भारत की बैटिंग से ज्यादा बॉलिंग की प्रशंसा की गई.
क्योंकि, न्यूजीलैंड के धाकड़ शुरुआत मिली थी. रचिन रविंद्र और विल यंग ने तेज शुरुआत दिलाई थी. जिसके बाद कप्तान रोहित शर्मा के चेहरे पर उदासी छा गई. मानों ऐसा लगा था कि स्कोर 300 के पार जा सकता है. लेकिन, कुलदीप यादव इस मैच तरूप का इक्का साबित हुए. तेजी से रन बटोर रहे रचिन को आउट कर भारत को ब्रेक थ्रू दिलाया. उसके बाद पिछले मैच में शतक बनाने वाले केन विलियमसन को 11 रनों के स्कोर पवेलियन भेज दिया नहीं तो वह भारत के लिए काफा घातक साबित हो सकते थे.
कुलदीप यादव टीम के लिए तुरूप का इक्का साबित हुए
कहते कि बड़े मैचों के बड़े खिलाड़ी अकसर अपनी छाप छोड़ जाते हैं. ऐसा ही कुछ कुलदीप यादव ने किया. उन्होंने टूर्नामेंट के पिछले मैचों में क्या किया लोग उसे भूल जाते हैं. लेकिन, फाइनल में आप कैसा प्रदर्शन करते हैं फैंस उसे हमेशा याद रखते हैं. कुलदीप अपनी फिरकी के साथ असरदार साबित हुए.
उन्होंने फाइनल मैच में वर्ल्ड क्लास लेवल की गेंदबादी की और कीवी टीम के बल्लेबाजों के होश उड़ा दिए. उन्होंने रचिन और विलियमसन को आउट नहीं किया होता तो मैच का परिणाम कुछ और भी हो सकता है. कुलदीप ने कसी हुई गेंदबाजी करते हुए रनों की रफ्तार पर अंकुश भी लगाया. यादव ने 10 ओवर्स में 4 की इकॉनॉमी से सिर्फ 40 रन दिए और 2 विकेट जीतने में भी सफल रहे.