Navjot Singh Sidhu: भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर और जाने माने पॉलिटिशियन नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 1988 रोड रेज मामले में एक साल की सज़ा सुनाई थी. जिसके बाद आज यानी 20 मई को सिद्धू ने पटियाला के एक कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. नवजोत कोर्ट में कपड़ो से भरे एक बैग के साथ दिखाई दिए. इसी के साथ कोर्ट आते समय इस पूर्व क्रिकेटर (Navjot Singh Sidhu) ने किसी से बात नहीं की.
सरेंडर करने से पहले मांगी थी कुछ हफ़्तों की मोहलत
आपको बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने मेडिकल से जुड़े मामलों को व्यवस्थित करने का कारण देते हुए रोड रेज मामले में सरेंडर करने से पहले कुछ हफ्तों का समय मांगा था. नवजोत के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस ए.एम खानविलकर और जस्टिस जे. बी. परदीवाला को वजह बताई और पूर्व भर्ती क्रिकेटर के सरेंडर करने के लिए कुछ हफ्तों का समय मांगा. ऐसे में खानविलकर और परदीवाला की पीठ ने अभिषेक से कहा,
"आप यह अर्जी चीफ जस्टिस के समक्ष दाखिल कर सकते हैं. अगर चीफ जस्टिस आज पीठ का गठन करते हैं तो हम इस पर विचार करेंगे. अगर पीठ उपलब्ध नहीं है तो इसका गठन किया जाएगा। उस (रोड रेज) मामले के लिए एक विशेष पीठ का गठन किया गया था."
1988 में Navjot Singh Sidhu ने किया था यह कांड
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की वजह से साल 1988 में एक बुज़ुर्ग की जान चली गई थी. जिसकी वजह से अब सिद्धू को उसका खामियाज़ा भुगतना पड़ रहा है.
दरअसल, पटियाला में 27 दिसंबर 1988 को नवजोत सिंह सिद्धू और एक बुज़ुर्ग के बीच में पार्किंग को लेकर विवाद हो गया था. दोनों के बीच में काफी गरमा गर्मी हो गई थी. बात इतनी बड़ गई थी कि दोनों के बीच में हाथापाई हो गई. इसी दौरान सिद्धू ने 65 वर्षीय बुज़ुर्ग व्यक्ति गुरुनाम सिंह को मुक्का मार दिया. जिसकी वजह से हादसे के कुछ घंटे बाद ही गुरुनाम की मौत हो गई. इस मामले में पुलिस ने नवजोत और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह संधू पर गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू पर इस रोड रेज मामले के चलते 1 हाज़ार रूपये का जुर्माना भी लगाया था.