भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान MS Dhoni दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में गिने जाते हैं. उन्होंने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को तीनों फॉर्मेट में चैंपियन बनाया. धोनी ने खिलाड़ियों को तैयार करने में अहम योगदान दिया है. कहा जाता है कि धोनी ने अपनी कप्तानी में ऐसे खिलाड़ियों को टीम इंडिया के लिए तैयार किया. जिसका फायदा विराट कोहली ने अपने कप्तानी के दौरान उठाया.
ऐसा इसलिए कहा जाता है. जिस समय धोनी टीम से संन्यास लिया. उस समय विश्व क्रिकेट में भारतीय टीम का दबदाबा था. लेकिन, उन्होंने अपने नेतृत्व में ऐसी धाकड़ टीम बनाई. जिसका तोड़ किसी के पास नहीं था. जिनमें पांच खिलाड़ी है ऐसे है. जिन्होंने एम.एस धोनी(MS Dhoni) की कप्तानी में डेब्यू किया था. लेकिन, उन्होंने अपनी काबिलियत का लौहा विराट कोहली की कप्तानी में मनवाया. जिन्होंने अपने दम पर टीम को कई बड़े मैच जिताए. चलिए जानते हैं कौन है वो 5 खिलाड़ी?
रवींद्र जडेजा
भारतीय टीम के रवींद्र जडेजा की गिनती दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडरों में होती हैं. जिन्होंने अपनी बैटिंग, बॉलिंग और फिल्डिंग से विश्व पर में एक अनोखी पहचान बनाई. जडेजा टीम इंडिया के लिए तीनों फॉर्मेट में खेलने वाले खिलाड़ी हैं. जिन्होंने वनडे में अपना डेब्यू मैच साल 2009 में श्रीलंका के खिलाफ खेला था.
8 फरवरी 2009 में श्रीलंका के खिलाफ 60 रनों की शानदार पारी खेली थी. जिसके बाद जडेजा ने क्रिकेट की दुनिया में कभी पीछे मुडकर नहीं देखा. रवींद्र जडेजा ने विराट कोहली की कप्तानी में शानदार खेल दिखाया. पीछले कुछ सालों से जडेजा अपने खेल में लगातार सुधार कर रहे हैं. वह अब को रोहित की कप्तानी में जौहर दिखाने के लिए तैयार है. वह इस साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में भी बतौर ऑलराउंडर अहम भूमिका निभा सकते हैं.
हार्दिक पांड्या
हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) ने आईपीएल के 15 वें सीजन में बता दिया कि वह घातक ऑलराउंडर क्यों मानेजाते है. हार्दिक ने लखनऊ की टीम के लिए कप्तानी करते हुए टीम को चैंपियन बनया. जिसके बाद से उन्हें भविष्य का कप्तान माना जाने लगा है. हार्दिक पांड्या जैसे खिलाड़ी बहुत ही कम टीमों के पास होते है. जो बैटिंग और बॉलिंग में पूरी तरह से सक्षम हो.
हार्दिक पांड्या ने साल 2016 में वनडे और टी-20 अपना डेब्यू किया था. उन्होंने एम.एस धोनी (MS Dhoni) कप्तानी में अपना पहला मुकाबला खेला था. हार्दिक ने बल्ले और गेंद दोनों में हाथ आजमाते हुए टीम इंडिया में अनोखा मुकाम हासिल किया. हार्दिक पांड्या के रूप टीम इंडिया को ऐसा खिलाड़ी मिला जो, गेंदबाजी में 10 ओवर और बल्लेबाजी में फीनिशर की भूमिका निभाई. इसलिए आज भी हार्दिक को खतरनाक खिलाड़ी माना जाता है.
मोहम्मद शमी
भारतीय टीम को मोहम्मद शमी के रूप में टीम इंडिया को ऐसा गेंदबाज मिला जो, अपनी तेज रफ्तार से टीम को विकेट निकाल कर देता था. शमी ने अपना मैच साल 2013 में धोनी के नेतृत्व में खेला था. मोहम्मद शमी की गेंदबाजी को देकर पहले ही कयास लगाने शुरू हो गए थे कि यह खिलाड़ी लंबी रेस का घोड़ा है. जो टीम इडिया के लिए भविष्य में का काफी किफायती साबित होगा. ठीक वैसा ही देखने को मिला.
मोहम्मद शमी एम.एस धोनी(MS Dhoni) की कप्तानी में कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए. लेकिन, विराट कोहली ने उनकी क्षमता को अलग ही ढंग से इस्तेमाल किया. जिसमके बाद शमी ने बेहतर साबित किया और उन्हें एक विकेटटेकिंग गेंदबाज के रूप मे जाने लगा. जो पॉवर प्ले में टीम को हर हाल में विकेट निकाल कर देते.वहीं शमी ने अपनी तेज तर्रार गेंदबाजी से काफी प्रभाव छोड़ा.
रविचंद्रन अश्विन
रविचंद्रन अश्विन भारतीय टीम के स्टार गेंदबाज है. जिन्होंने स्पिन गेंदबाजी में लौहा मनवाया. अश्विन ने साल 2010 में टी-20 और वनडे में अपना पहला मैच खेला था. बेहतरीन बॉलिंग के चलचे अगले ही साल अश्विन को टेस्ट टीम में डेब्यू करने का मौका मिल गया. इस खिलाड़ी में टेस्ट फॉर्मेट में कमाल की गेंदबाजी करते हुए 86 मैचों में 442 विकेट अपने नाम किए. जो अपने आप में ही काबिले ए तारीफ है.
वह जल्द ही 500 विकेट लेकर स्पेशल क्लब में शामिल हो जाएंगे. क्रिकेट जगत में रविचंद्रन अश्विन खतरनाक गेंदबाज माना जाता है क्योंकि उनकी गेंदबाजी पर रन बनाना किसी भी बल्लेबाज के लिए आसान नहीं होता. जिसकी वजह से विकेट लेने में सफल हो जाते हैं.
चेतेश्वर पुजारा
चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) को टेस्ट क्रिकेट का शानदार खिलाड़ी माना जाता है. उन्होंने धोनी की कप्तानी में साल 2010 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में डेब्यू किया था. उन्होने टेस्ट में 95 मैच खेले है. जिसमें 43.9 की शानदार औसत से 6713 रन बना है. उन्होंने भारतीय टेस्ट टीम के लिए कई मैच जिताऊ पारियां खेली है.
लेकिन, पुजारा पिछले 2 सालों से टेस्ट में बड़ी पारी नहीं खेल पाए है. साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज में फ्लॉप साबित हुए. जिसके बाद उन्होंने काउंटी क्रिकेट में हिस्सा लिया. वहां अच्छा प्रदर्शन किया. जिसकी वजह से उन्हें अगले महीने इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले इकलौते टेस्ट के लिए टीम में चुना गया है.