भारतीय टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) भले अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं, लेकिन आए दिन वो चर्चाओं में बने रहते हैं. खास बात तो यह है कि, माही देश के ही नहीं बल्कि क्रिकेट जगत के सबसे सफल कप्तानों की लिस्ट में गिने जाते हैं. उनकी मेजबानी में टीम इंडिया ने कई बड़े इतिहास रचे हैं. टी20 वर्ल्ड कप से लेकर वनडे वर्ल्ड कप उन्हीं के नेतृत्व में भारत ने जीता है. इसके लिए उन्हें खास सम्मान भी दिया जा चुका है.
इयान बेल ने किया बड़ा खुलासा
एमएस धोनी (MS Dhoni) की इन्हीं उपलब्धियों को देखते हुए आईसीसी ने उन्हें 'स्पिरिट ऑफ क्रिकेट' अवार्ड से भी नवाजा था. जो साल 2011 में भारत-इंग्लैंड सीरीज से जुड़ा था. इसी मसले पर पहली बार इंग्लैंड के पूर्व कप्तान इयान बेल (Ian Bell) ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने अपनी गलती के बारे में बताते हुए अपनी बात रखी है. दरअसल नॉटिंघम में दोनों देशों के बीच खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन की बात थी.
इस दौरान एक ऐसा वाक्या हुआ था जो काफी वक्त तक सुर्खियों में रहा था. तीसरे दिन टी ब्रेक से पहले इंग्लैंड के मौजूदा कप्तान इयोन मॉर्गन ने गेंद को लेग साइड बाउंड्री के पास भेजा. लेकिन, प्रवीण कुमार ने चौका जाने से बचा लिया. नॉन-स्ट्राइकर छोर पर बेल खड़े थे और बल्लेबाज ने सोचा कि गेंद बाउंड्री पार चली जाएगी और वे पवेलियन लौटने लगे. इस दौरान प्रवीण ने डाइव लगाते हुए गेंद धोनी के पास फेंक दी.
रनआउट होने के बाद बेल की मैदान पर हुई थी वापसी
एमएस धोनी (MS Dhoni) ने गेंद अभिनव मुकुंद को दी और उन्होंने बेल्स गिरा दिए. इस दौरान 137 रन पर बल्लेबाजी कर रहे बेल को भारतीय टीम की अपील के बाद रन आउट करार दिया गया. हलांकि इस वाक्या के बाद इंग्लैंड की टीम ही नहीं बल्कि फैंस और दर्शक भी काफी निराश हुए थे.
इस बात को लेकर काफी विवाद भी हुआ था. लेकिन, इसके बाद भी मैदान पर बेल की अचानक से वापसी हो गई थी. उन्हें दोबारा से क्रीज पर देखकर फैंस और दर्शक बेहद खुश हुए थे. बाद में पता चला कि धोनी ने दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद अपनी अपील वापस ले ली थी.
बेल ने कहा मुझे एमएस धोनी के साथ ऐसा नहीं करना चाहिए था
इसी मसले पर ग्रेड क्रिकेटर के यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए इयान बेल (ian bell) ने ये बात मानी कि, वह अंपायरों बिना पुष्टि किए टी ब्रेक के लिए पवेलियन लौटने लगे थे. उन्होंने कहा,
'हां, यह काफी दिलचस्प वाक्या है. जब मैं वापस लौट रहा था तो शायद मुझे भूख लगी होगी या कुछ और होगा क्योंकि मैं सचमुच सोच रहा था कि गेंद बाउंड्री पार चली जाएगी. यदि चौका लगता तो मैं सुरक्षित भी रहता लेकिन, हां इसके लिए एमएस धोनी (MS Dhoni) को दशक का 'स्पिरिट ऑफ द गेम' पुरस्कार दिया गया. यह मेरी ओर से एक गलती थी, ऐसा कभी नहीं करना चाहिए.'