एमएस धोनी का एक गलत फैसला CSK के मुंह से छीन ले गई जीत, नहीं तो आखिरी ओवर में हो जाता पंजाब का काम तमाम
Published - 09 Apr 2025, 08:23 AM

MS Dhoni: आईपीएल 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स को पंजाब किंग्स ने 18 रनों से हराया। ये सीएसके की सीजन में चौथी हार थी। इस हार के बाद सोशल मीडिया पर महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) को ट्रोल किया जा रहा है। इसका कारण उनकी बल्लेबाजी नहीं, बल्कि टीम मैनेजमेट और उनका लिया गया एक फैसला है। जिसकी वजह से सीएसके को जीत नहीं बल्कि हार मिली है। अगर सीएसके द्वारा ये फैसला नहीं किया जाता, तो टीम की हार की हैट्रिक टूट सकती थी, ऐसा कहा जा सकता है। जानिए सीएसके के किस फैसले ने हाथ में आई जीत को हार में बदल दिया...
MS Dhoni के इस फैसले की वजह से हुई CSK की हार?
चेन्नई सुपर किंग्स को पंजाब किंग्स ने आईपीएल 2025 के 22वें मुकाबले में 220 रन बनाने का लक्ष्य दिया था। लेकिन पूरे 20 ओवर खेलकर टीम 201 रन ही बना सकी, जिसके बाद टीम को 18 रनों से हार का मुंह देखना पड़ा। अब टीम की हार की जिम्मेदारी एमएस धोनी (MS Dhoni) के एक फैसले को दी जा रही है। दरअसल, सीएसके की पारी के 18वें ओवर तक डेवोन कॉन्वे ने बल्लेबाजी करते हुए 49 गेंदों पर 69 रन बना डाले थे। जिसमें 6 चौका और दो छक्के शामिल हैं। उन्होंने 37 गेंदों में हाफ सेंचुरी लगाई थी। वो टीम की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे, लेकिन बल्लेबाज को 69 रनों के स्कोर पर रिटायर्ड आउट कराके पवेलियन बुला लिया गया।
दरअसल, मैच को जीतने के लिए जब 13 गेंदों पर 49 रनों की जरुरत थी, तब सीएसके मैनेजमेंट द्वारा फैसला किया गया और डेवोन कॉन्वे को रिटायर्ड आउट कराके रवींद्र जडेजा को क्रीज पर भेजा गया। जिसके लिए फ्रैंचाइजी और एमएस धोनी (MS Dhoni) को ट्रोल किया जा रहा है। भले ही धोनी टीम के कप्तान नहीं हैं, लेकिन कोई भी बड़ा फैसला उनकी मर्जी से नहीं होता है, ऐसे में कॉन्वे के सेट होने के बाद भी ज़डेजा को क्रीज पर उतारने के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, इस बदलाव से कोई खास फर्क नहीं पड़ा। सीएसके 20 ओवर में 201 रन ही बना सकी और टीम को 18 रनों से हार का सामना करना पड़ा।
माइकल क्लॉर्क ने भी 'MS Dhoni' के फैसले को बताया गलत
डेवोन कॉन्वे को रिटायर्ड आउट करने के फैसले को ऑस्ट्रेलियन दिग्गज माइकल क्लॉर्क ने गलत बताया है। उन्होंने फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि उन्हें ये फैसला समझ में नहीं आया, आप उस खिलाड़ी को रिटायर आउट कर देते हैं जो 69 रन पर था और मैदान पर इतना समय बिता चुका था। मुझे पता है कि आपको छक्कों की जरूरत है, लेकिन ऐसा नहीं है कि कॉनवे छक्के नहीं मार सकता। कप्तान के तौर पर इस तरह के फैसले ही आपको दर्शाते हैं। इसी से हमेशा तय होता है कि आप जीतते हैं या हारते हैं।