भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज Mohammed Shami की जिंदगी उतार-चढ़ाव से भरी रही है। आज वह टीम इंडिया के अहम तेज गेंदबाज हैं, कुछ साल पहले भी एक ऐसा वक्त आया था, जब उन्हें टीम से भी ड्रॉप कर दिया गया था। अब भारत के पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने बताया है कि एक वक्त था जब शमी अपनी जिंदगी से नाराज थे और वह संन्यास लेने के बारे में सोच रहे थे, लेकिन तब उन्हें रोक लिया और आज वह भारत के अहम गेंदबाज के रूप में खेलते हैं।
Mohammed Shami छोड़ना चहते थे खेल
भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज Mohammed Shami को लेकर भारत के पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने खुलासा किया है कि वह जब संन्यास लेने के बारे में सोच रहे थे, तब उन्होंने और रवि शास्त्री ने उन्हें समझाया था। अरुण ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया,
“शमी बेहद निराश थे। वह खेल को छोड़ने वाले थे। जब मैं और रवि उनके साथ बैठे तो उन्होंने बताया कि वह अपने जीवन से काफी गुस्सा हैं और कहा कि ‘मैं खेल छोड़ना चाहता हूं’ हमने कहा कि आप गुस्सा हो ये अच्छी बात है। गुस्सा आना तुम्हारे लिए अच्छी बात है। उन्होंने हमें हैरानी भरी नजरों से देखा। हमने कहा कि तुम एक तेज गेंदबाज हो इसलिए गुस्सा बुरी बात नहीं है! इसमें से कड़वाहट को जाने दो। जीवन ने तुम्हें गुस्से वाला इंसान बना दिया है तो अब तुम क्या करोगे। तुम खेल को छोड़ना चाहते हो ये तुम्हारी मर्जी है लेकिन तुम अपने आप से ये भी कह सकते हो कि मैं गुस्सा हूं तो इसे मैं इसे कैसे इस्तेमाल करूं?”
फिटनेस पर ध्यान देने की सलाह दी
Mohammed Shami आज तीनों फॉर्मेट में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके लिए जिस स्तर की फिटनेस की जरुरत होती है, उसे उन्होंने बहुत ही मेहनत से हासिल किया। भरत ने आगे बताया,
"भरत ने बताया कि उन्होंने शमी को अपनी सेहत, फिटनेस पर ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने बताया, “हमने उनसे कहा कि अपने शरीर और फिटनेस पर ध्यान दो। एक महीने के लिए राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी चले जाओ और अपने शरीर को शेप में लाओ। वहां गुस्सा निकालो। वह वहां गए और फिर अपने शरीर पर काम किया।"
उन्हें गुस्से वाले समय ने बनाया बेहतर इंसान
Mohammed Shami पर उनकी पत्नी हसीन के बीच 2018 में विवाद की खबरें सामने आई थीं। हसीन जहां ने शमी और उनके परिवार पर घरेलू हिंसा के आरोप लगाए थे। साथ ही फिक्सिंग, दूसरी महिलाओं के साथ संबंध जैसे आरोप भी लगाए थे। वो वक्त शमी की जिंदगी में काफी बुरा था। अक्सर इंसान बुरे वक्त में टूट-बिखर जाता है। लेकिन Mohammed Shami की कहानी में ऐसा नहीं हुआ। बल्कि उन्होंने उस वक्त को खुद को बेहतर बनाने में लगाया। अरुण ने आगे बताया,
"मुझे याद है कि उन्होंने कहा था कि ‘मैंने ताकत हासिल कर ली है और मैं पूरी दुनिया से लड़ सकता हूं।’ वह मजबूत इंसान हैं और उस गुस्से वाले समय ने उनकी बेहतर इंसान बनने में काफी मदद की। वह अब फोकस हैं और हर बार अपने टॉप रनअप पर जाने को तैयार रहते हैं। वह सही मायने में तेज गेंदबाज हैं।”