पंजबा की टीम ने टीम के कप्तान की घोषणा कर दी है. पंजाब ने मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) को टीम का नया कप्तान नियुक्त किया है. उनके इस फैसले कुछ लोग समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ नाराज है. क्योंकि मयंक अग्रवाल को कप्तान का कोई अनुभन नही हैं. ये जानकर आपको ताज्जुब हो सकता है कि मयंक अग्रवाल ने अब तक टीम इंडिया के लिए टी20 डेब्यू तक नहीं किया है.
लेकिन अब वो आईपीएल में पंजाब टीम की कमान संभालने जा रहे हैं. पंजाब किंग्स के नाम आज तक आईपीएल (IPL) का खिताब नहीं है. अब इस मंजिल पर टीम को पहुंचाने की जिम्मेदारी मयंक अग्रवाल की होगी.
2014 में पंजाब की टीम फाइनल तक पहुंची थी लेकिन तब उसे कोलकाता नाइट राइडर्स के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. क्या पंजाब की टीम किसी एक्सपीरिएंस खिलाड़ी को कप्तान नहीं बनाना चाहिए था. चलिए जानते हैं उन तीन बड़े कारणों के बारे में जो मयंक अग्रवाल बनने में बाध्य बन सकते हैं?
1.अनुभवहीन कप्तान
पंजाब किंग्स (Punjab kings) ने मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) को टीम का नया कप्तान तो दिया. लेकिन इस खिलाड़ी के पास कप्तानी का कोई अनुभव नहीं हैं. बता दें कि, आईपीएल 2022 क्रिकेट में कप्तान के रूप में यह मयंक अग्रवाल का पहला कार्यकाल होगा.
उन्होंने कभी भी आईपीएल या घरेलू क्रिकेट में कप्तानी नहीं की है. वह दबाव महसूस कर सकते हैं. जब उसे कठिन निर्णय लेने होंगे और तब उनके हाथ से मैच निकल चुका होगा. उन परिस्थितियों को मयंक अग्रवाल टीम को कैसे संभालेंगे.
आईपीएल विश्व क्रिकेट में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंटों में से एक है. धोनी जैसे कप्तानों की सोच के आगे मयंक अग्रवाल का ठिक पाना बहुत मुश्किल होगा. जिसके लिए पीबीकेएस पूरी पॉवर देनी होगी कि वो मैदान पर फैसला स्वयं ले सकें.
2 . टीम पर रहेगा दबाव
किसी भी टीम को दबाव से निकाले के लिए एक कुशल कप्तान की अहम भूमिका होती हैं. मयंक अग्रवाल को बड़े पैमाने पर उनके सलामी जोड़ीदार केएल राहुल ने पंजाब किंग्स में अपने अधिकांश कार्यकाल के लिए देखा है, दोनों 2018 में फ्रैंचाइज़ी में शामिल हुए और एक साथ खेले थे.
राहुल मयंक अग्रवाल से अधिक शानदार बल्लेबाज थे, राहुल को कप्तानी सौंपे जाने के बाद, उनके खेल में ठहराव आया और वो धीमा खेलने लगे. कप्तान पर पूरी टीम का प्रेशर होता है. अगर वो खुद रन नहीं खरेगा तो उसका प्रभाव बाकी खिलाड़ियों पर भी पड़ेगा.
मयंक अग्रवाल एक विस्फोटक बल्लेबाज हैं. क्योंकि तेजतर्रार सलामी बल्लेबाज ने गेंदबाजों पर आक्रमण किया. आईपीएल 2018 मेंअग्रवाल निराशाजनक सफर रहा. उन्होंने 2019 में 141.88 के स्ट्राइक रेट से 332 रन बनाकर मजबूत वापसी की. आईपीएल 2020 में, वह शानदार फॉर्म में थे, उन्होंने 156.45 पर 424 रन बनाए.
राहुल ने उस साल 670 रनों के साथ ऑरेन्ज कैप जीती थी, लेकिन उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ 129.34 था. 2021 में मयंक ने 140.44 की औसत से 441 रन बनाए. शायद कप्तान के तौर पर वो इस तरह की बल्लेबाजी ना कर पाए. जिसका खामियाजा टीम को उठाना पड़ सकता हैं.
3. सपोर्टिंग रोल क्या होगा
मयंक अग्रवाल (Mayank Agarwal) के कंधों पर इस साल बड़ी जिम्मेदारी होगी. एक बल्लेबाज के साथ साथ टीम का नेतृत्व भी करना होगा. जो सबसे बड़ी चुनौति होगी. यह मयंक अग्रवाल का पहला सीजन होगा जो किसी टीम में मुख्य भूमिका निभा निभाएंगे, उसके आसपास हमेशा बड़े बड़े खिलाड़ी रहे हैं. शिखर धवन, बेशक उनके साथ एक सुपरस्टार हैं, लेकिन उम्र उनके पक्ष में नहीं है,
जब पीबीकेएस बल्लेबाजी लाइनअप की बात आती है तो मयंक पर ध्यान दिया जाएगा. वहीं इस साल शिखर धवन पर भी पंजाब कि निगाहें होगी. मयंक के साथ शिखर धवन (Shikhar Dhawan) को देखा जा सकता हैं. दोनों पारी की शुरूआत करके टीम को अच्छी स्थिति में पहुंचा सकते हैं.
वहीं जॉनी बेयरस्टो (Jonny Bairstow) मिडिल आर्डर या ओपनिंग जिम्मा संभाल सकते हैं. इन खिलाड़ियों के इर्द गिर्द ही बड़ा रोल रहने बाला है. अब यह देखना होगा आईपीएल 2022 में मयंक टीम का संचालन किस तरह करेंगे.