भारतीय महिला क्रिकेट टीम इस वक्त ऑस्ट्रेलिया दौरे की तैयारियों में जुटी हुई है। इस दौरे पर दोनों टीमों के बीच 7 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जाएंगे, जिसमें पिंक बॉल टेस्ट मैच भी शामिल है। इस दौरे के शुरु होने से पहले ही ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम के कोच मैथ्यू मोट (Mathew Mott) ने ये साफ कर दिया है कि 20 दिनों के भीतर 7 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जाने वाले हैं, इसलिए हर मैच में वह सर्वश्रेष्ठ प्लेइंग इलेवन नहीं उतार सकेंगे।
खेल विज्ञान से जुड़े लोगों का नर्वस होना जायज
ऑस्ट्रेलिया में कोविड संबंधी प्रोटोकॉल्स काफी सख्त हैं। सभी खिलाड़ियों को 14 दिनों के सख्त क्वारेंटीन से गुजरना पड़ रहा है। Mathew Mott ने दो हफ्ते तक कमरे में क्वारंटाइन से गुजर रही टीम की तेज गेंदबाजों एलिस पैरी, अनाबेल सदरलैंड, तायला व्लेमिंक, मेतलान ब्राउन और स्टेला कैंपबेल के संदर्भ में 91.3 स्पोर्ट्एफएम से कहा,
‘हमारे खेल विज्ञान से जुड़े लोगों का नर्वस होना जायज है। यहां उन्हें 14 दिन तक गेंदबाजी की स्वीकृति नहीं मिलेगी और इसके बाद वे बेहद व्यस्त कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगी, इसलिए हमें खिलाड़ियों का मैनेजमेंट सही रखना होगा।’
सभी मैच में नहीं खेल पाएंगे सभी खिलाड़ी
Mathew Mott ने ये साफ कर दिया है कि वर्कलोड मैनेजमेंट को ध्यान में रखते हुए सभी मैचों में बेस्ट प्लेयर्स नहीं खेल सकेंगे। उन्होंने कहा,
‘सभी खिलाड़ी सभी मैचों में नहीं खेल पाएंगी। हमारी टीम में 18 खिलाड़ी हैं और हमारे पास कुछ युवा खिलाड़ी हैं। अनुभवी खिलाड़ी इससे निपटने का तरीका ढूंढ लेंगे, क्योंकि उनके पास अनुभव है और उनका शरीर थोड़ा अधिक मजबूत है। लेकिन युवा गेंदबाजों डार्सी ब्राउन, तायला व्लेमिंक, मेतलान ब्राउन को लेकर हमें सतर्क रहना होगा।’
अलग-अलग फॉर्मेट में उतारने होंगे अलग गेंदबाज
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम में इस वक्त कई खिलाड़ी चोट से वापसी कर रहे हैं, तो कई अभी भी चोट से जूंझ रहे हैं। अब Mathew Mott का कहना है कि टेस्ट मैच यदि आखिरी में खेला जाता, तो खिलाड़ियों पर धीरे-धीरे वर्कलोड बढ़ता, मगर ये मध्य में खेला जाएगा। उन्होंने कहा,
‘आदर्श स्थिति में हम टेस्ट मैच आखिर में खेलते, जिससे कि काम का बोझ धीरे-धीरे बढ़ता, लेकिन यह बीच में हो रहा है। इसलिए हमें अलग-अलग फॉर्मेट में अलग गेंदबाजों को उतारना होगा। इसका नतीजा यह होगा कि हम प्रत्येक मैच में अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम को नहीं खिला पाएंगे।’