श्रीलंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने (Mahila Jaivardhan) ने श्रीलंका की खस्ता हालात को लेकर चिंता जाहिर की है. श्रीलंका में महंगाई को लेकर चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है. महंगाई आसमान छू रही है और लोग सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने सड़क पर निकल आए हैं. राजधानी कोलंबो में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच कुछ घंटों तक गतिरोध देखने को मिला. जिसके बाद सरकार ने 36 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया. जिसपर श्रीलंका के पूर्व खिलाड़ी महेला जयवर्धने (Mahila Jaivardhan) ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर की.
Mahila Jaivardhan ने कही ये बात
इस समय श्रीलंका के हालात ठीक नहीं है. देश में आर्थिक तंगी के चलते श्रीलंका बाहर से तेल और अन्य जरूरी सामान आयात नहीं कर पा रहा है, जिसके चलते देश में पेट्रोल-डीजल और खाने के सामान समेत जरूरी सामानों की कमी हो गई है. स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने आपातकाल लगा दिया है. अपने देश की खस्ता हालाते देख कर महेला जयवर्धने भी अपने भावनाओं को नहीं रोक पाए और महेला जयवर्धने ने ट्विट करते हुए लिखा कि
मैं श्रीलंका में आपातकालीन कानून और कर्फ्यू को देखकर दुखी हूं. सरकार उन लोगों की जरूरतों को नजरअंदाज नहीं कर सकती, जिन्हें विरोध करने का पूरा अधिकार है. ऐसा करने वाले लोगों को हिरासत में लेना स्वीकार्य नहीं है और मुझे श्रीलंका के बहादुर वकीलों पर बहुत गर्व है, जिन्होंने उनके बचाव में भाग लिया.'
श्रीलंका में मचा हाहाकार
किसी देश की सरकार जब फेल हो जाती हैं, तो लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर अपना विरोध जताते है. ऐसा हर देश में अमूमन देखा जाता है. लेकिन सरकार आम जनता के प्रति इतनी क्रूर कैसे हो सकती है. जो अपनी देश की लोगों के खिलाफ ही सेना को मैदान में उतार दें. ऐसा ही नजारा श्रीलंका में देखने को मिला है.
लोग घंटों तक पंपों पर लाइन में होकर ईंधन ले रहे हैं. रसोई गैस की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी के बाद कम आय वाले परिवारों के लिए मिट्टी तेल एकमात्र सहारा बन गया है, और जिससे मिट्टी के तेल की मांग बढ़ गई है. वहीं राजधानी कोलंबो समेत कई शहरों में सरकार की नीतियों के खिलाफ लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. महेला जयवर्धने (Mahila Jaivardhan) ने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि,
'अच्छे नेताओं से कभी-कभी गलतियां हो जाती हैं. हमारे देश के लोगों को उनकी पीड़ा में एकजुट होने की बहुत जरूरत है. ये समस्याएं मानव निर्मित हैं और सही योग्य लोगों द्वारा इसे ठीक किया जा सकता है. इस देश की अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करने वाले कुछ लोग जनता का विश्वास खो रहे हैं और उन्हें खड़ा होना होगा. देश को और विश्वास देने के लिए हमें एक अच्छी टीम की जरूरत है. यह बहाने बनाने का नहीं और सही काम करने का समय है.'