आईपीएल में खेलना हर किसी खिलाड़ी का सपना होता है, क्योंकि इस लीग में खेलने के बाद युवा खिलाड़ियों को अपने सपने पूरे करने के लिए पंख मिल जाते हैं. आईपीएल में खेलने के बाद कई खिलाड़ियों ने टीम इंडिया में एंट्री मारी हैं.
वहीं इसी साल कुमार कार्तिकेय (Kumar Kartikeya) को आईपीएल की सबसे सफल टीम मुंबई इंडियंस के लिए डेब्यू करने का मौका मिला. मुंबई इंडियंस ने चोटिल मोहम्मद अरशद खान के रिप्लेसमेंट के रूप में इस खिलाड़ी को चुना था. कुमार ने आईपीएल 2022 में शानदार प्रदर्शन के दम पर फैंस के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी, लेकिन इन दिनों वे अपने प्रदर्शन को वजह से नही बल्कि एक ट्वीट को लेकर चर्चा में बने हुए हैं.
Kumar Kartikeya 9 साल और 3 महीने बाद अपनी मां से मिले
Met my family and mumma ❤️ after 9 years 3 months . Unable to express my feelings 🤐#MumbaiIndians #IPL2022 pic.twitter.com/OX4bnuXlcw
— Kartikeya Singh (@Imkartikeya26) August 3, 2022
आईपीएल 2022 में मुंबई इंडियंस के लिए डेब्यू करने वाले खिलाड़ी कुमार कार्तिकेय (Kumar Kartikeya) का कड़ा संघर्ष किसी को भी इमोशनल कर सकता है. वे अपने क्रिकेटर बनने की कहानी को लेकर काफी चर्चा में रहे थे, वहीं अब उन्होंने एक ऐसा ट्वीट किया है जो फैंस को दोबारा भावुक करने पर मजबूर कर सकता है.
दरअसल कार्तिकेय कुमार कार्तिकेय (Kumar Kartikeya) ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक फोटो शेयर की है. जिसमें वो अपनी मां के साथ खड़े हुए नजर आ रहे है. कार्तिकेय ने कैप्शन में लिखा कि वो 9 साल और 3 महीने बाद अपनी मां से मिल रहे हैं. जिसके बाद उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है और वे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में असमर्थ हैं.
क्रिकेटर बनने के लिए 15 साल की उम्र में छोड़ दिया था घर
कार्तिकेय के पिता श्याम नाथ सिंह झांसी पुलिस लाइन में सिपाही के पद पर तैनात हैं. उनके पिता मूल रूप से सुल्तानपुर गांव के कुवांसी के रहने वाले हैं. वर्तमान समय में श्यामनाथ सिंह का परिवार कानपुर में रहता है. कार्तिकेय सिंह (Kartikeya Singh) को क्रिकेट खेलने का बचपन से ही शौक था, लेकिन उनके हौसले और जुनून के आगे किसी भी समस्या का टिक पाना मुश्किल था.
उन्होंने क्रिकेटर बनने के लिए काफी कड़ा संघर्ष किया. कार्तिकेय ने एक कामयाब क्रिकेटर बनने के लिए 15 साल की उम्र में छोड़ दिया था. जिस उम्र में युवा पढ़ाई लिखाई करके कुछ बनने के बारे में सोच रहे होते हैं. उस समय इस खिलाड़ी ने पढ़ाई से किनारा कर लिया था. अपना खर्च खुद उठाने के लिए वे एक फैक्ट्री में मजदूर के तौर पर काम करते थे.