भारतीय क्रिकेट टीम के चाइनामैन स्पिन गेंदबाज Kuldeep Yadav को इंग्लैंड दौरे के लिए चुनी गई टेस्ट टीम से ड्रॉप कर दिया गया है। पिछले कुछ वक्त से कुलदीप यदि स्क्वाड का हिस्सा होते थे, तो वह अधिकतर बेंच पर ही बैठे नजर आते थे। इंग्लैंड के खिलाफ जब उन्हें गेंदबाजी का मौका मिला, तो उनपर काफी दबाव था, क्योंकि एक लंबे वक्त बाद वह टेस्ट में गेंदबाजी कर रहे थे।
मगर अब तो वह टीम से भी बाहर हो चुके हैं। जबकि जब kuldeep yadav ने भारतीय क्रिकेट में कदम रखा था, तो सीरीज दर सीरीज किए गए उनके प्रदर्शन को देखकर हर कोई हैरान था। उस वक्त ये सोचना नामुमकिन था कि इस तरह कुलदीप का करियर अर्श से फर्श पर पहुंच जाएगा।
सवाल उठता है कि पिछले 2 सालों में ऐसा क्या हुआ जिससे कुलदीप के करियर पर इतना फर्क पड़ा। तो आइए इस आर्टिकल में आपको उन 3 कारणों के बारे में बताते हैं, जिसके चलते अर्श से फर्श पर पहुंच गया स्पिनर का करियर।
अर्श से फर्श पर पहुंच गया Kuldeep Yadav का करियर
1- आईपीएल टीम के प्लेइंग इलेवन से ड्रॉप होना
भारत के पहले चाइनामैन स्पिन गेंदबाज कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) के अंतरराष्ट्रीय करियर का फिलहाल क्या हाल है, उसके बारें में सभी परिचित हैं। कहीं ना कहीं इसका एक कारण उनका आईपीएल प्रदर्शन भी है। दरअसल, पिछले सीजनों में कुलदीप को पर्याप्त मौके नहीं मिले, हालांकि वह खुद को आईपीएल में साबित भी नहीं कर पा रहे थे।
तब कोलकाता नाइट राइडर्स के टीम मैनेजमेंट ने कुलदीप को बेंच पर बैठाना शुरु कर दिया। पिछले सीजन की बात करें, तो उन्होंने आईपीएल 2020 में सिर्फ 5 मैच खिलाए गए थे, उनपर बहुत दबाव था और वह सिर्फ 1 ही विकेट निकाल सके।
इसके बाद आईपीएल 2021 में केकेआर लगातार मैच हारती रही, मगर उन्होंने कुलदीप को प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया। वह खेले गए सभी मैचों में बेंच पर ही रहे।
2- भारतीय टीम मैनेजमेंट का भरोसा नहीं जताना
चाइनामैन स्पिनर Kuldeep Yadav ने भारत के लिए 7 टेस्ट, 63 वनडे और 21 टी20 आई मैच खेले हैं। मगर आज वह टीम में जगह बनाने के लिए भी मोहताज हैं। जब कुलदीप ने सीरीज दर सीरीज अच्छा प्रदर्शन किया था, तब भारतीय टीम मैनेजमेंट द्वारा उन्हें विदेशी परिस्थितियों में प्रदर्शन के लिए खूब सराहा था।
मगर पिछले दो सालों में टीम मैनेजमेंट को मानो कुलदीप पर भरोसा ही नहीं रहा है। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जब आखिरी मैच में सभी अनुभवी गेंदबाज चोटिल थे, तब भी कुलदीप को प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया और वह पूरी सीरीज में बेंच पर ही बैठे रहे।
नियमित मौके ना मिलने के चलते कुलदीप पर एक अनचाहा दबाव बन चुका है, जो अब एक-दो चांस देने पर वह प्रदर्शन करके नहीं दे पा रहे हैं। जिसका एक बड़ा कारण टीम मैनेजमेंट द्वारा उनपर भरोसा ना जताना भी है।
3- स्टंप के पीछे से अब नहीं मिलता सपोर्ट
Kuldeep Yadav ने हाल ही में एक इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने इस बात का खुलासा किया है कि वह अब जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेंदबाजी करते हैं, तो उन्हें महेंद्र सिंह धोनी की कमी खलती है।
उन्होंने कहा, "कभी-कभी मैं माही भाई का गाइडेंस मिस करता हूं, क्योंकि उनके पास काफी अनुभव था। वह विकेट के पीछे से हमें गाइड करते थे, लगातार चिल्लाते रहते थे। हम उनका अनुभव मिस करते हैं।"
दरअसल, माही विकेट के पीछे से गेंदबाजों की काफी मदद करते थे,जिससे गेंदबाजों को विकेट निकालने व विपक्षी बल्लेबाज पर दबाव बनाने में मदद मिलती थी।