Virat Kohli: आरसीबी ने 13 फरवरी को औपचारिक रूप से घोषणा कर रजत पाटीदार को आरसीबी की कप्तानी सौंप दी है। उम्मीद थी कि विराट कोहली को एक बार फिर यह जिम्मेदारी मिल सकती है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कोहली के दोबारा कप्तान बनने की उम्मीद भी काफी थी। क्योंकि टीम ने उन्हें 21 करोड़ की भारी भरकम कीमत पर अपने साथ बनाए रखा था।
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि बैंगलोर ने कप्तानी के लिए उनसे संपर्क किया होगा। लेकिन उन्होंने यह जिम्मेदारी नहीं ली। अब एक दिग्गज ने खुलासा किया है कि उन्होंने इस जिम्मेदारी को क्यों ठुकराया होगा।
Virat Kohli के बारे में यह है दिग्गज का मानना
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भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी क्रिस श्रीकांत का मानना है कि विराट कोहली (Virat Kohli) खुद रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) के कप्तान के तौर पर वापसी नहीं करना चाहते थे। क्योंकि वह आगामी आईपीएल सीजन के लिए अपनी बल्लेबाजी को प्राथमिकता दे सकते हैं। साथ ही श्रीकांत ने रजत पाटीदार को नया कप्तान बनाने के आरसीबी के फैसले की भी तारीफ की।
"कोहली ने व्यक्तिगत रूप से कप्तानी न करने का फैसला किया" - श्रीकांत
अपने यूट्यूब चैनल चीकी चीका पर बोलते हुए। श्रीकांत ने कहा - कोहली (Virat Kohli)ने व्यक्तिगत रूप से कप्तानी न करने का फैसला किया होगा, जिससे पाटीदार कमान मिली। मुझे लगता है कि विराट ने कप्तानी से इनकार कर दिया होगा। उन्होंने कहा होगा 'मैं बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं'।
रजत पाटीदार को एक अच्छा विकल्प बताया गया
श्रीकांत ने कहा- रजत पाटीदार एक अच्छा विकल्प हैं। वह आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। अच्छी बात यह है कि उनसे बहुत अधिक उम्मीदें नहीं होंगी,जब हमने 2007 में धोनी को टी20 विश्व कप का कप्तान नियुक्त किया था, तो उनसे और टीम से बहुत अधिक उम्मीदें नहीं थीं। यह कुछ इस तरह है... कप्तान के रूप में रजत पाटीदार से बहुत अधिक उम्मीदें नहीं हैं। वह अपने फैसले खुद लेंगे। वह विराट कोहली से सलाह लेंगे, जो उनके लिए मार्गदर्शक होंगे।
कोहली ने 9 सीजन तक आरसीबी की कप्तानी की
गौरतलब है कि विराट कोहली (Virat Kohli) 2013 से 2021 तक नौ सीजन तक आरसीबी की कप्तानी की। लेकिन 2021 के बाद उन्होंने खुद को कप्तानी की भूमिका से मुक्त कर लिया। आपको बता दें कि बतौर कप्तान उन्होंने कभी आईपीएल ट्रॉफी नहीं जीती, लेकिन उनके कार्यकाल ने आरसीबी को टूर्नामेंट में एक प्रतिस्पर्धी ताकत के रूप में अपनी पहचान बनाने में मदद की।