केएल राहुल (KL Rahul) की कप्तानी में पहली बार साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे मैच में उतरी टीम इंडिया की गेंदबाजी में कुछ खास कमाल नहीं दिखा. इसके बाद बल्लेबाजों से अच्छी उम्मीद थी जिसके मुताबिक शिखर धवन ने कप्तान लोकेश के साथ मिलकर भारत को जबरदस्त शुरूआत दिलाई. लेकिन, महज 12 रन बनाकर बिना बड़ी पारी खेले केएल राहुल (KL Rahul) वापस पवेलियन लौट गए. ऐसे सवाल ये उठता है कि क्या वाकई उन पर कप्तानी का दबाव दिख रहा है.
कप्तानी के दवाब में दिखे लोकेश, 12 रन पर गंवाया अपना विकेट
दरअसल रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में अफ्रीका दौरे पर टीम की मेजबानी उप-कप्तान को सौंपी गई है. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी अफ्रीकी टीम ने भारतीय टीम को 3 विकेट के नुकसान पर जीत के लिए 296 रन का लक्ष्य दिया है. जिसका पीछा करने उतरी टीम इंडिया को पहला झटका धाकड़ सलामी बल्लेबाज लोकेश के तौर पर लग चुका है. महज 12 रन बनाकर वो वापस पवेलियन जा चुके हैं.
साउथ अफ्रीका को पहली बड़ी सफलता एडन मारक्रम (Aiden Markram) ने दिलाई है. उन्होंने भारतीय पारी के 9वें ओवर में भारत को ये बड़ा झटका दिया. उन्होंने कप्तान केएल राहुल (KL Rahul) को विकेटकीपर क्विंटन डी कॉक के हाथों कैच आउट कराया. हालांकि इस मुकाबले में लोकेश से एक बड़ी पारी की उम्मीद थी. लेकिन, कप्तानी का दबाव उन पर साफ नजर आया और सिर्फ 12 रन के शर्मनाक स्कोर पर अपना विकेट दे बैठे.
अय्यर से अफ्रीका के खिलाफ नहीं कराई गेंदबाजी
इसके अलावा उन्होंने एक और बड़ी गलती की. छठे गेंदबाज के तौर पर मौजूद विकल्प का उन्होंने इस्तेमाल ही नहीं किया. हम बात कर रहे हैं वेंकटेश अय्यर (Venkatesh Iyer) की. जिन्हें ऑलराउंडर के तौर पर अफ्रीका के खिलाफ पहले वनडे में जगह मिली है. यहां तक कि ये बात खुद कप्तान ने मैच से पहले हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वेंकटेश टीम के लिए अहम खिलाड़ी हैं.
लेकिन, इसके बावजूद केएल राहुल (KL Rahul) ने गेंदबाज के तौर पर उनका इस्तेमाल नहीं किया. वो भी ऐसी परिस्थिति में जब भारतीय गेंदबाजों को सफलता नहीं मिल रही थी और विकेट की तलाश थी. हो सकता है कि ऐसी परिस्थिति में अय्यर मैच का रूख पलट सकते थे. हालांकि कप्तान के तौर पर उनका ये फैसला किसी के समझ में नहीं आया और काफी दबाव में भी दिखे.