Keshav Maharaj: टीम इंडिया के खिलाफ 5 मैचों की टी20 सीरीज का आखिरी मुकाबला बारिश की भेंट चढ़ गया. इस मैच में साउथ अफ्रीका की कप्तानी स्पिनर केशव महाराज को सौंपी गई थी. क्योंकि सीरीज के चौथे मुकाबले में कप्तान टेम्बा बावुमा बुरी तरह इंजर्ड हो गए थे. इसलिए केशव महाराज को ये जिम्मेदारी दी गई.
लेकिन, ये मैच बारिश के चलते रद्द कर दिया गया. दिलचस्प बात तो ये है कि वो भारतीय मूल के हैं और संयोगवश उन्हें भारतीय सरजमीं पर ही कप्तानी करने का भाग्य प्राप्त हुआ. इतना ही नहीं महाराज (Keshav Maharaj) हनुमान के काफी बड़े भक्त भी हैं और यूपी से भी उनका खास कनेक्शन है.
हनुमान के हैं बड़े भक्त हैं महाराज
साउथ अफ्रीका के लिए उन्हें टीम इंडिया के खिलाफ उसी की सरजमी पर केशव महाराज (Keshav Maharaj) को कप्तानी करने का मौका मिला था. लेकिन, इस मैच का रिजल्ट बेनतीजा रहा. इस श्रृंखला से पहले टीम इंडिया साल के शुरूआत में अफ्रीकी सरजमीं पर पहुंची हुई थी. यहां पर टीम इंडिया को वनडे सीरीज में 3-0 से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था. उस श्रृंखला के खत्म होने के बाद स्पिनर केशव ने अपने अकाउंट से पोस्ट करते हुए 'जय श्री राम' कहा था. इस पोस्ट के बाद उनकी चारों तरफ जमकर तारीफ हुई थी.
सुल्तानपुर से ताल्लुक रखते हैं अफ्रीका क्रिकेटर
कहा जाता है कि केशव महाराज हनुमान जी के बहुत बड़े भक्त हैं. भारतीय मूल का ये अफ्रीकी क्रिकेटर भले ही अपने देश में नहीं रहता लेकिन, अपने रीति-रिवाजों को नहीं भूला है. आज भी वो यहां के रीति-रिवाज पूरी तरह से फॉलो करते हैं. सभी हिंदू त्योहार भी मनाते हैं. केशव का भारत के साथ उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से भी गहरा तालुकात है.
दरअसल एक इंटरव्यू में केशव (Keshav Maharaj) के पिता आत्मानंद महाराज ने खुद ये बात स्वीकार की थी और जानकारी दी थी कि उनके पूर्वज सुल्तानपुर थे. साल 1874 में उनके पूर्वज अच्छी नौकरी की तलाश में भारत से डरबन पहुंच गए थे. उस दौर में अफ्रीका में मौकों की कमी नहीं थी और तब वहां अच्छी स्किल वाले मजदूरों की जरूरत थी और भारतीयों के पास कृषि का अच्छा अनुभव था.
केशव के पिता भी रह चुके हैं क्रिकेटर
बात करें केशव महाराज (Keshav Maharaj) की फैमिली की तो उनके परिवार में कुल 4 सदस्य हैं. क्रिकेटर के अलावा उनके माता-पिता और एक बहन भी है. बहन की शादी श्रीलंका के ही रहने वाले एक शख्स से हुई है. आत्मानंद ने बताया था कि हम अपने परिवार की 5वी या छठी पीढ़ी हैं. 'महाराज' उपनाम मेरे पूर्वजों की ही देन है. हम इस बारे में गहरी जानकारी है कि भारत में नाम क्या अहमियत रखता है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केशव के पिता आत्मानंद भी एक क्रिकेटर रह चुके हैं. वह डोमेस्टिक क्रिकेट में विकेटकीपर की भूमिका निभाते थे. हालांकि उन्हें कभी टेस्ट प्रारूप में खेलने का मौका नहीं मिला. क्योंकि तब अफ्रीका में क्रिकेट बहाल नहीं हुआ था.