सौराष्ट्र क्रिकेट टीम के कप्तान जयदेव उनादकट (Jaydev Unadkat) ने हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर खुद को ना चुने जाने को लेकर निराशा व्यक्त की थी। उनका कहना था कि जब आप रणजी सीजन में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज होते हो, फिर भी आपको टीम इंडिया की टिकेट नहीं मिलती, तो बुरा लगता है। मगर अब पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज करसन घावरी ने खुलासा किया है कि उनादकट को टीम इंडिया में कभी नहीं चुना जाएगा, साथ ही उन्होंने इसकी खास वजह भी बताई है।
Jaydev Unadkat को कभी नहीं मिलेगा मौका
2019-20 में रणजी ट्रॉफी में सौराष्ट्र के कप्तान Jaydev Unadkat सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे थे। उन्होंने 10 मैचों में 13.23 की औसत के साथ 67 विकेट चटकाए थे। साथ ही अपनी टीम को ट्रॉफी भी जिताई थी। मगर इसके बावजूद उन्हें अब तक टीम इंडिया में खेलने का मौका नहीं मिल सका है। अब टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान करसन घावेरी ने बताया,
"मैंने 2019-20 के रणजी ट्रॉफी सीजन के दौरान सेलेक्टर्स से पूछा था कि अगर एक प्लेयर 60 से ज्यादा विकेट लेता है और अपनी टीम को फाइनल तक ले जाता है तो क्या उसे इंडिया ए टीम में भी जगह नहीं मिल सकती है। सेलेक्टर्स ने मुझसे कहा कि कादू भाई उनादकट को अभी कभी भारतीय टीम के लिए नहीं चुना जाएगा।"
उनादकट की उम्र आ रही है आड़े
पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज ने आगे ये भी बताया कि आखिर उनादकट को क्यों टीम इंडिया में अब एंट्री नहीं मिल सकती है। दरअसल, Jaydev Unadkat 29 साल के हो चुके हैं और तेज गेंदबाज के लिए इस उम्र में डेब्यू करना थोड़ा मुश्किल तो होगा ही। आगे घावेरी ने कहा,
"जब हम लोग 30 सदस्यीय टीम भी चुनते हैं तब भी उनके नाम पर विचार नहीं किया जाता है। तब मैंने उनसे पूछा कि ऐसा क्यों है, फिर इतने ज्यादा विकेट लेने का मतलब क्या रह जाता है। इस पर उन्होंने कहा कि उनादकट की उम्र पहले ही 32-33 साल हो चुकी है और उम्र उनके सेलेक्शन के आड़े आ रही है। इससे उनके इंडिया करियर पर फुल स्टॉप लग गया है।"
इंग्लैंड दौरे पर ना चुने जाने पर जताई थी निराशा
कोरोना वायरस के चलते आईपीएल 2021 को बीच में ही स्थगित कर दिया गया। मगर इससे पहले राजस्थान रॉयल्स के तेज गेंदबाज Jaydev Unadkat को 4 मैच खेलने का मौका मिला, जिसमें वह 28.25 के औसत से 4 विकेट निकाल सके। इंग्लैंड दौरे पर ना चुने जाने के लिए उनादकट ने निराशा व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि पीक पर होने के बावजूद उन्हें भारतीय टीम में सिलेक्ट नहीं किया गया, जो निराशाजनक है।