मां के पास दूध के भी नहीं थे पैसे, पड़ोसियों ने पहनाए कपड़े, प्लास्टिक की गेंद से खेलकर जसप्रीत बुमराह ने देखा यॉर्कर किंग बनने का सपना

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Manvi Nautiyal
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आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2024 में टीम इंडिया के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) ने कातिलाना गेंदबाजी से धमाल मचा दिया। न्यूयॉर्क और वेस्टइंडीज में वह अपनी बॉलिंग का जलवा बिखेरने में कामयाब रहे। जस्सी के इस  प्रदर्शन की मदद से ही टीम इंडिया 16 साल के बाद टी20 विश्व कप का खिताब अपने नाम कर पाई। इसके बाद से ही जसप्रीत बुमराह की चारों तरफ खूब वाहवाही हो रही है।

भले ही आज उनके पास करोड़ों रुपए की संपत्ति और नाम-शोहरत है। लेकिन एक समय ऐसा भी था जब वह दूध की एक बूंद के लिए तरस जाते थे। काफी कठिनाइयों और परेशानियों से लड़कर जसप्रीत बुमराह ने भारतीय स्टार बनने का सफर तय किया। तो आइए जानते हैं कि कितने संघर्षों से भरी रही है जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) के धाकड़ गेंदबाज बनने की कहानी....

दूध पीने तक के नहीं थे Jasprit Bumrah के पास पैसे

  • दरअसल, हाल ही में अनुभवी पत्रकार दीपल त्रिवेदी ने जसप्रीत बुमराह के संघर्ष की कहानी उनके फैंस के साथ शेयर की है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर बताया है कि उनके गेंदबाज बनने का सफर मुश्किलों भरा रहा है।
  • दीपल त्रिवेदी जसप्रीत बुमराह की मां दोस्त होने के साथ-साथ उनकी पड़ोसी भी थीं। दीपल त्रिवेदी ने एक लंबी पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि वह पहली शख्स थीं, जिन्होंने जसप्रीत बुमराह के जन्म के बाद उन्हें गोद में लिया था।
  • जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) की मां की खास दोस्त ने लिखा कि जस्सी जब पैदा हुआ थे तो काफी दुबले-पतले थे। वो मुस्कुराने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वास्तव में वह मुस्कुरा नहीं पाए।

पिता के निधन के बाद बदली Jasprit Bumrah की जिंदगी

  • जसप्रीत बुमराह की जिंदगी उनके पिता निधन के बाद बदल गई थी। जब उनके पापा का देहांत हो गया था तो जसप्रीत बुमराह और उनकी बहन की देखभाल दीपल त्रिवेदी किया करती थी।
  • इस दौरान उन्होंने प्लास्टिक की गेंद से खेलना शुरू कर दिया। पैसों की कमी की वजह से जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) को दूध का एक ही पैकेट मिल पाता था।
  • लेकिन जैसे-जैसे वह बड़े हुए वैसे-वैसे जसप्रीत बुमराह ने अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए संघर्ष और मेहनत करना शुरू कर दिया। उनकी मां रोज कम से कम 16-18 घंटे काम किया करती थी।

जूते खरीदने तक नहीं थे पैसे

  • अपनी गेंदबाजी से बड़े-बड़े बल्लेबाजों की होश उड़ा देने वाले जसप्रीत बुमराह बचपन में काफी शर्मीले थे। वह लोगों से बहुत कम बात करते थे। जस्सी के घर की हालत इतनी खराब थी कि उनके पास जूते खरीदने तक पैसे नहीं हुआ करते थे।
  • जिस उम्र में बच्चे महंगे-महंगे खिलौने से खेलते हैं, उस उम्र में वह अपनी जरूरतें पूरा करने का साधन ढूंढ रहे थे। हालांकि, आज वह करोड़ों के मालिक बन चुके हैं और देश-विदेश में उनके नाम का डंका बज रहा है।
  • जसप्रीत बुमराह ने साल 2016 में वनडे के जरिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। इसके बाद उन्हें टी20 में मौका मिला और फिर साल 2018 में टेस्ट क्रिकेट की दुनिया में अपना पहला कदम रखा।

कोहली-शास्त्री की खोज हैं Jasprit Bumrah

  • हालांकि, 2016 में ही उन्होंने अपनी यॉर्कर से सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया था। लेकिन उनके करियर को रफ्तार टेस्ट में डेब्यू के बाद मिली।
  • 2018 में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर विराट कोहली और हेड कोच रवि शास्त्री ने जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) पर भरोसा जताया और टीम इंडिया के लिए कोहिनूर खोज लिया था।
  • वह भारत के लिए 36 टेस्ट मैच खेल चुके हैं, जिसमें उन्होंने 159 विकेट झटके हैं। 89 वनडे मैच में जसप्रीत बुमराह ने 149 विकेट लिए। 70 टी20 खेलते हुए उनके हाथ 89 विकेट लगी।

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